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डॉ.बामाणिया ही रहेंगे उदयपुर के सीएमएचओ पद पर

पूर्व सीएमएचओ उदयपुर की स्थानान्तरण से संबधित रिट याचिका प्रारम्भिक स्तर पर खारिज

जोधपुर,राजस्थान उच्च न्यायालय की एकलपीठ के न्यायाधीश दिनेश मेहता ने उदयपुर सीएमएचओ को राहत प्रदान करते हुए पूर्व सीएमएचओ द्वारा अपने स्थानांतरण आदेश के विरूद्ध प्रस्तुत रिट याचिका को प्रारम्भिक स्तर पर ही खारिज कर दिया। उदयपुर के पूर्व सीएमएचओ डा.दिनेश खराडी का स्थानान्तरण सीएमएचओ के पद से जिला अस्पताल डूगंरपुर में 3 अगस्त 2022 के आदेश से कर दिया गया एवं इसी आदेश से डा.शंकर बामाणिया का स्थानान्तरण सिटी डिस्पेसरी हाउसिग बोर्ड उदयपुर से सीएमएचओ के पद पर कर दिया गया।

विभाग के इस आदेश 03 अगस्त 2022 के विरूद्ध डा.दिनेश खराडी ने एक रिट याचिका राजस्थान उच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत की। उक्त रिट याचिका में डा.शंकर बामाणिया की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. सचिन आचार्य,अधिवक्ता प्रमेन्द्र बोहरा एवं धनराज खींची ने उक्त न्यायालय के समक्ष तर्क प्रस्तुत किया कि प्रस्तुत रिट याचिका उच्च न्यायालय के समक्ष पोषणीय नही है क्योकि डॉ. दिनेश खराडी द्वारा उच्च न्यायालय के समक्ष रिट याचिका प्रस्तुत करने के साथ साथ एक अपील राजस्थान सिविल सेवा अपील अधिकरण मे भी 6 अगस्त 2022 को स्थानान्तरण आदेश 3 अगस्त 2022 के विरूद्ध प्रस्तुत की जा चुकी है।

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उक्त अपील को 10 अगस्त 2022 को परिवारिक कारणों के आधार पर प्रार्थी द्वारा विड्रो कर लिया गया एवं यह तथ्य प्रस्तुत रिट याचिका मे प्रार्थी द्वारा कही भी प्रकट नही किये गये हैं एवं अधिकरण के समक्ष प्रस्तुत अपील को विड्रो करने वाले प्रार्थना पत्र में रिट याचिकाकर्ता के हस्ताक्षर भी है। अत: यह भी नही कहा जा सकता कि अपील को विड्रो करने की जानकारी यचिकाकर्ता को नही हो।

डॉ.शंकर बामणिया के अधिवक्ताओं का उच्च न्यायालय के समक्ष यह भी तर्क था कि स्थानान्तरण आदेश 3 अगस्त 2022 के विरूद्ध अधिकरण के समक्ष प्रस्तुत अपील को 6 अगस्त 2022 को पारिवारिक कारणो से विड्रो करने के पश्चात उसी स्थानान्तरण आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती देना एंव तथ्यो को उच्च न्यायालय के समक्ष प्रकट नही करना उक्त कृत्य विधि विरूद्व एवं विधिक सिद्वान्तों के विरूद्ध है। अत: प्रस्तुत अपील को खारिज किया जाए।

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अप्रार्थी के अधिवक्ता के तर्को से सहमत होते हुए राजस्थान उच्च न्यायालय ने डॉ.दिनेश खराडी द्वारा अपने स्थानान्तरण आदेश के विरूद्ध प्रस्तुत अपील को खारिज करते हुए प्रारम्भिक स्तर पर तथ्य छिपाने एंव न्यायालय के समक्ष सही तथ्यो को प्रकट नहीं करने के आधार पर खारिज करते हुए वर्तंमान सीएमएचओ डॉ. शंकर बामाणिया को राहत प्रदान की।

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