कारपेंटर बनकर 40 हजार के इनामी तस्कर को ट्रेन में पकड़ा
- जोधपुर रेंज पुलिस
- पुलिस ने एक हजार किलोमीटर का सफर किया तय
- दिन में लकड़ी और रात को करता नशे का कारोबार
जोधपुर,(डीडी न्यूज)।कारपेंटर बनकर 40 हजार के इनामी तस्कर को ट्रेन में पकड़ा। जोधपुर रेंज की साइक्लोनर टीम ने 40 हजार के इनामी अपराधी को पकड़ा है। उसे मुंबई ट्रेन से पकड़ा जब वह मोबाइल चला रहा था। पुलिस को उसे पकडऩे के लिए एक हजार किलोमीटर का सफर तय करने के साथ कारपेंटर भी बनना पड़ा। आरोपी को गुजरात राज्य से पकड़ा जा सका। आरोपी टॉप 25 में शामिल था।
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जोधपुर रेंज आईजी विकास कुमार ने बताया कि आरोपी मुंबई की लोकल ट्रेन में चढ़कर पैसेंजर से मोबाइल लेकर अपने लोगों से संपर्क करता था। इसके बाद फिर वहां से अपने ठिकाने पर पहुंच जाता था। गुजरात,महाराष्ट्र और राजस्थान में अलग-अलग जगह पर रहकर मारवाड़ में नशे का कारोबार चलता था। पुलिस को तस्कर के कई सारे सुराग हाथ लगे हैं।
पुलिस महानिरीक्षक विकास कुमार के अनुसार साइक्लोनर टीम ने राजस्थान के टॉप-25 में आरोपियों में शामिल आरोपी प्रकाश चाहर को बहुत जद्दोजद के बाद गिरफ्तार किया है। यह आरोपी बीते 6 सालों से फरार चल रहा था। भगौड़ा कुख्यात आरोपियों में शामिल है। अभी तक की जानकारी के अनुसार आरोपी जालोर,सिरोही,जोधपुर कमिश्नरेट और बाड़मेर में चार मुकदमों में वांटेड है।
तीन माह तक किया पीछा
आईजी विकास कुमार ने बताया कि साइक्लोनर टीम ने तीन माह तक लगातार पीछा करने पर गुजरात के नवसारी से गिरफ्तार किया है। हमारी टीमें जो मुख्य सरगना और मादक पदार्थ के सप्लायर पर फोकस कर रखा है। करीब-करीब 40 किंगपिन पकड़े गए हैं। जिसमें यह बहुत बड़ा कैच है। आरोपी प्रकाश चाहर 11-12 सालों से मादक पदार्थ का कारोबार कर रहा है। आरोपी ने उदयपुर में किसी रिश्तेदारों के साथ लकड़ी के व्यापार से अपना कारोबार शुरू किया। वहां से फिर मार्बल का काम शुरू किया। काम की थकान मिटाने के लिए अफीम व डोडा चूरा लेना शुरू किया। फिर उससे अमीर बनने का सपना देखा। लंबे समय मादक पदार्थ नेटवर्क जो चितौड़गढ़ के निम्बाहेड़ा से चलता है। धीरे-धीरे उसका सरगना बन बैठा।
ऑपरेशन तमस के तहत कार्रवाई
पुलिस महानिरीक्षक विकास कुमार ने बताया कि इस ऑपरेशन का नाम ऑपरेशन तमस रखा गया,क्योंकि नशे के जहर के माध्यम से लोगों के जीवन में अंधेरा फैला रहा था। विडंबना थी कि उसका खुद का नाम प्रकाश था। खुद का नाम प्रकाश और समाज के जीवन में अंधेरा फैलाने का काम इसलिए इसका नाम ऑपरेशन तमस रखा गया था।
नशे का कारोबार मारवाड़ से शुरू
आरोपी प्रकाश ने निम्बाहेड़ा के छोटे से कस्बे में रहना शुरू किया। वहीं से डोडा-पोस्त व अफीम इकट्ठा करता था। अपने गुर्गो के माध्यम से मारवाड़ में सप्लाई करता था। इसका खेल काफी लंबे समय तक चलता रहा। टीम इसको पकड़ने के लिए निम्बाहेड़ा इसके ठिकाने पर पहुंची। वहां से यह छत से कूदकर बाइक पर भागने पर सफल हो गया। यह करीब दो माह पहले की बात है। इसके बाद इसने अपना ठिकाना मुंबई में जमाया।
साले से पूछताछ में हुए अहम खुलासे
आरोपी प्रकाश चाहर के साले को पकड़कर उससे पूछताछ की गई तो पता चला कि प्रकाश मुंबई में रह रहा है। वहीं से यह बीच-बीच में फोन करता रहा। यह शातिर तरीके से काम करता था। वहां पर लोकल ट्रेन में चढ़ता था। वहां पर पैसेंजर से फोन लेकर के अपने गुर्गो को फोन करता था। फिर वापस ट्रेन से लौट आता था। इस वजह से उसका ठिकाना ढूंढने में मुश्किलें आई। टीम ने लगातार निगरानी रखकर देखा कि कब ट्रेन से चढ़ता है और कब आखिरी कॉल करता है। तब यह पेटर्न पुलिस के पास आया। तब हमें जानकारी मिली कि मुंबई के भांयदर इलाके में रहता है।
साइक्लोनर टीम मुंबई में रुकी रही
आईजी विकास कुमार ने बताया कि टीम मुंबई के भांयदर इलाके में करीब 15 दिन तक रही लेकिन उसका कोई ठिकाना नहीं होने के कारण तलाश की। जब हमने वहां पर लकड़ी के काम करने वाले लोगों से संपर्क किया। तब वहां पर काम करने वाले लोगों ने बताया कि बड़ा रईश की तरह रहता है। बड़े-बड़े शौक रखता है और लकड़ी का कारीगर है। उस ठिकाने पर जब हम पहुंचे तो वहां से दो दिन पहले वह निकल चुका था।
लोकेशन गुजरात मिलने पर पुलिस वहां पहुंची
तकनीकी के आधार पर उसका लोकेशन गुजरात के नवसारी में होना सामने आया। सूरत से आगे नवसारी जिले में होने की जानकारी मिली। टीम वहां पर 5 दिन तक रुकी। वहां पर हमारी टीम लकड़ी का कारीगर बनकर नौकरी खोजते रहे। नवसारी की बिल्ली मोरा इलाके में एक दुकान पर लकड़ी का काम खोजते हुए पहुंचे तो वहां पर एक कारीगर से आरोपी तक पहुंचे। कहा यह हमारे मालिक हैं। इनसे काम ले सकते हैं। तब उसकी पहचान होने पर उसको पकड़ा। वहां पर लकड़ी का बड़ा कारीगर और उस्ताद बन बैठा है। वहां पर नवसारी की टीम की मदद से आरोपी को गिरफ्तार किया।
दिन में लकड़ी का कारोबार,रात में नशे का कारोबार
आरोपी ने मादक पदार्थ का कारोबार मारवाड़ में फैलाया हुआ था। वहां पर दिन के समय लकड़ी का काम करता था। रात में नशे का कारोबार करता था। आरोपी पर अवैध हथियार,एनडीपीएस सहित सात मुकदमें अलग-अलग जगहों पर है। सदर थाने में इलाके में भी दो मामले दर्ज हैं। इसमें आलू की आड़ में डोडा-पोस्त की सप्लायर के रूप में इसका नाम है।