रामदेव कथा में विवाह और विभिन्न प्रसंगों के दौरान भक्त हुए भावविभोर

पूर्णारती रविवार को

जोधपुर, भगत की कोठी स्थित कृष्ण मंदिर में महिला मंडल और समस्त भगत की कोठी निवासियों की ओर से चल रहे श्री रामदेव लीलामृत खम्मा खम्मा” कथा में शनिवार को वृंदावन से दामोदर भारद्वाज महाराज आए और भक्तो को आशीर्वचन देते हुए माता-पिता-गुरुदेव की सेवा, जीव दया और पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया और भजन ज्ञान गंगा की सरिता प्रवाहित की। शनिवार को कैलाश कमेड़ीया द्वारा व्यासपीठ पूजन के पश्चात चोथे दिन की कथा में कथावाचक महेंद्रसिंह पंवार ने रामदेव विवाह का प्रसंग सुनाया। प्रसंग के दौरान जब बहन सुगणा के विलाप का वर्णन सुनाया तो भक्त भावविभोर हो गए और आंखो में अश्रुधारा बहने लगी। विवाह वर्णन के दौरान मंगल गीत गाये जिन पर भक्त झूम उठे। रतना राईका को कैदखाने से छुड़ाने, राणी नैतल को चंवरी में पांव देकर दिव्यांगपन दूर करने, सासु मां को बिल्ली को जीवित करने और बहन सुगणा को मृत भाणु को जीवन दान देने के परचों का वर्णन सुनाया।
रविवार को कथा की पूर्णारती होगी। पूर्णारती से पूर्व कथा में डाली बाई की समाधि,रामदेव की समाधि,हरजी भाटी का परिचय और परचा, जोधपुर दरबार विजयसिंह और हाकम हजारीमल को परचा, बिरांठियां का मेला और दल्ला सेठ को परचा का प्रसंग सुनाया जाएगा। कथा के दौरान भजन गायक मुकेश गौड़, पंकज जांगिड़, अजयसिंह सोढा, विजयसिंह सोलंकी,वैभव वैष्णव, महेंद्र सुथार, मोहित सिंह सोढा, कमल और सहयोगियों ने भजनों की प्रस्तुति दी।
इस दौरान पार्षद प्रत्याशी रही दिव्या गहलोत ने कथावाचक महेंद्रसिंह पंवार को राधाकृष्ण की तस्वीर भेंट कर सम्मानित किया। गणमान्य अतिथी आदेश्वर विकलांग संस्थान की महासचिव बिंदु शर्मा, कान भारती, गिरधारीलाल सैन, देवराज सोलंकी, जसवंत सिंह चोथाणियां और रामसिंह सिसोदिया उपस्थित थे। कथावाचक महेंद्रसिंह पंवार ने बताया कि यह कथा (वास्तविक रामदेव लीलामृत खम्मा खम्मा) डींगल कवि लक्ष्मीदत्त बारठ ने (हरजी भाटी की कथा पर आधारित) अपने सरल शब्दों में लिखी। यह कथा सर्वप्रथम स्वंय लक्ष्मीदत्त बारठ ने गाई। उसके बाद उनके शिष्य कथावाचक मोहनदास निंबार्क, तुलसीराम सोनी और भागीरथ नारवा ने गाई। जो देशभर और संपूर्ण विश्व में विख्यात हुई। वर्तमान में उन्हीं कथावाचक के शिष्य स्वंय महेंद्रसिंह पंवार ने कई अरसो बाद इस कथा को करने का मानस बनाया और देश के कोने-कोने में करने का संकल्प लिया। इस कथा के दौरान उन्हें आगामी दिनों में विभिन्न आयोजकों द्वारा विभिन्न स्थानों पर कथा करने का अग्रिम न्योता भी मिला है।

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