जठरांत्र रोगों के नवीनतम प्रबंधन पर विस्तृत चर्चा

  • जीआरआईपी सम्मेलन 2025
  • डॉ.सुनील कुमार दाधीच के नेतृत्व में हुआ आयोजन

जोधपुर(डीडीन्यूज),जठरांत्र रोगों के नवीनतम प्रबंधन पर विस्तृत चर्चा।डॉ.एसएन मेडिकल कॉलेज जोधपुर के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. सुनील कुमार दाधीच के नेतृत्व में “गैस्ट्रो इंटेस्टाइनल विकारों के प्रबंधन” पर आधारित प्रतिष्ठित जीआर आईपी सम्मेलन 2025 का आयोजन संपन्न हुआ।इस सम्मेलन में देशभर के शीर्ष गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट,हेपेटोलॉजिस्ट, शोधकर्ता और युवा डॉक्टरों ने भाग लिया।

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इस आयोजन में API पाली चैप्टर और API जोधपुर चैप्टर का भी विशेष सहयोग रहा। इस सम्मेलन ने देशभर के 150 से अधिक चिकित्सकों को उन्नत वैज्ञानिक जानकारी प्रदान की। प्रतिभागियों ने सम्मेलन के उत्कृष्ट आयोजन की व्यवस्था और ज्ञानवर्धक सत्रों की सराहना की।

सम्मेलन का उद्देश्य जठरांत्र (गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल) विकारों के प्रबंधन में नवीनतम अनुसंधान, उपचार तकनीकों और चिकित्सा नवाचारों को साझा करना था। सम्मेलन में विभिन्न सत्रों के माध्यम से चिकित्सकों को उन्नत वैज्ञानिक जानकारी प्रदान की गई,जिससे उन्हें अपने नैदानिक अभ्यास में नए दृष्टिकोण अपनाने में मदद मिलेगी।

सम्मेलन की प्रमुख विशेषताएं 
यह सम्मेलन देशभर के चिकित्सा विशेषज्ञों का एक उत्कृष्ट मंच बना, जिसमें हेपेटोलॉजी,एंडोस्कोपी, लिवर सिरोसिस,जीआई ब्लीडिंग और एआई-सहायता प्राप्त डायग्नोस्टिक्स पर विस्तार से चर्चा हुई।

प्रमुख सत्र और वक्ता
गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (GERD): नवीनतम प्रबंधन और उपचार रणनीतियाँ
-प्रमुख वक्ता: डॉ.अजय कुमार (दिल्ली) जिन्होंने GERD के उन्नत निदान और उपचार के आधुनिक दृष्टिकोणों पर चर्चा की।

-गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल विकारों के प्रबंधन में नवीनतम प्रगति- प्रमुख वक्ता: डॉ. शिव कुमार सरिन (दिल्ली),भारत के अग्रणी हेपेटोलॉजिस्ट और लिवर रोग विशेषज्ञ। उन्होंने हेपेटाइटिस और लिवर ट्रांसप्लांट के क्षेत्र में नवीनतम प्रगति पर चर्चा की।

-निवारक हेपेटोलॉजी- प्रमुख वक्ता: डॉ.विवेक सरस्वत (लखनऊ), जिन्होंने लिवर की बीमारियों की रोकथाम और उपचार के नए आयामों पर प्रकाश डाला।

-सिरोसिस ऑफ लिवर और आधुनिक उपचार विकल्प- प्रमुख वक्ता: डॉ.कौशल मदान (दिल्ली), जिन्होंने सिरोसिस के उन्नत प्रबंधन और उसकी जटिलताओं पर चर्चा की।

-गैर-वैरिकल जीआई ब्लीडिंग का प्रबंधन- प्रमुख वक्ता: डॉ.राजेशपुरी (दिल्ली),जो एडवांस एंडोस्कोपी और ब्लीडिंग कंट्रोल के विशेषज्ञ हैं।

-आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रोगों का भविष्य- प्रमुख वक्ता: डॉ.विनीत आहूजा (दिल्ली),जिन्होंने बताया कि कैसे एआई सहायता प्राप्त इमेजिंग और निर्णय समर्थन प्रणाली जठरांत्र रोगों के उपचार में क्रांतिकारी बदलाव ला रही हैं।

सम्मेलन का प्रभाव और प्रतिभागियों की सराहना
यह सम्मेलन डॉ.सुनील कुमार दाधीच के समर्पण और दूरदृष्टि का परिणाम था। उनके नेतृत्व में यह आयोजन एक महत्वपूर्ण चिकित्सा उपलब्धि साबित हुआ। उनकी उत्कृष्ट योजना और मेडिकल कम्युनिटी में उनके व्यापक नेटवर्क के कारण यह सम्मेलन राष्ट्रीय स्तर पर चिकित्सा जगत का ध्यान आकर्षित करने में सफल रहा।

सम्मेलन के समापन सत्र में डॉ.मैथ्यू फिलिप ने सभी प्रतिभागियों का फीडबैक लिया और चर्चा किए गए महत्वपूर्ण विषयों को संक्षेप में प्रस्तुत किया। सभी वक्ताओं और प्रतिभागियों ने डॉ.सुनील कुमार दाधीच की प्रशंसा की और उनके योगदान को सराहा।

डॉ.सुनील कुमार दाधीच जो वर्तमान में डॉ.एसएन मेडिकल कॉलेज, जोधपुर में गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के प्रमुख (HOD) हैं ने इस आयोजन की संकल्पना और सफल कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके मार्गदर्शन में सम्मेलन का प्रत्येक सत्र अत्यंत ज्ञानवर्धक और प्रभावी रहा।

इस अवसर पर उन्होंने कहा इस सम्मेलन का उद्देश्य गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल और हेपेटोलॉजी से जुड़े नवीनतम शोध,उपचार तकनीकों और एआई-समर्थित निदान को साझा करना था,ताकि देश के युवा और अनुभवी चिकित्सकों को इससे लाभ मिल सके। उन्होंने इस आयोजन को सफल बनाने के लिए सभी वक्ताओं, सहयोगियों और प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया।