एमडीएमएच मोर्चरी में फिर बदल गई डेड बॉडी

  • अंतिम यात्रा की चल रही थी तैयारी
  • दूसरे मृतक के परिजन पहुंच गए शव मांगने

जोधपुर, शहर के मथुरादास माथुर अस्पताल में एकबार फिर से डेड बॉडी बदल गई। हुआ यूं कि जोधपुर के राइका बाग क्षेत्र निवासी मानसिंह (32) एक सड़क हादसे में घायल हो गया था। उसकी आज सुबह एमडीएम अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। दो दिन पूर्व रोहट से पाली जाते समय बस से टकरा कर रामेश्वरलाल की कार पलट गई थी। इस हादसे में उनकी परिजन प्रेमलता व भाई घायल हो गए जबकि रामेश्वरलाल(52) को अधिक चोट आने पर इलाज के लिए जोधपुर लाया गया था। कल रात इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। आज सुबह करीब 11 बजे मानसिंह के परिजन आए और मोर्चरी की कागजी प्रक्रिया पूरी कर शव ले गए।

इसके थोड़ी देर बाद रोहट से रामेश्वरलाल के परिजन पहुंचे। वे मोर्चरी में पहुंचे तो वहां रामेश्वरलाल का शव नहीं मिला। इस पर उन्होंने विरोध किया। उनकी वहां मौजूद कर्मचारियों से तकरार हो गई। थोड़ी देर में मानसिंह का शव पहुंचाने वाला एम्बुलेंस ड्राइवर वहां पहुंचा। उसे लेकर रामेश्वरलाल के परिजन मान सिंह के घर पहुंचे। वहां अंतिम यात्रा की तैयारी चल रही थी। शव यात्रा रवाना होने से पहले पहुंचे इन लोगों ने मानसिंह के परिजनों को शव बदलने की सूचना दी, लेकिन वे यह मानने को तैयार ही नहीं हुए।

काफी देर तक समझाइश का दौर चला। आखिरकार वे लोग माने। इसके बाद रामेश्वरलाल के शव को एम्बुलेंस में रख वापस सभी लोग मोर्च्यूरी पहुंचे। मोर्च्यूरी में रखे मानसिंह के शव को उसके परिजनों को सौंपा गया। वहीं रामेश्वरलाल के परिजन उनका शव लेकर रोहट गए।

परिजनों ने स्वीकार की अपनी गलती

एमडीएमएच अस्पताल अधीक्षक डॉ. विकास राजपुरोहित का कहना है कि डेड बॉडी परिजनों को दिखाने के साथ उनकी और से शिनाख्त करने के बाद सौंपी जाती है। आज भी ऐसा ही किया गया। मानसिंह के परिजनों ने गलत बॉडी को अपना बता दिया। बॉडी को वापस लाए जाने के बाद उन्होंने लिखित में अपनी गलती को स्वीकार किया है।

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