षडयंत्रपूर्वक प्लॉट को दूसरे को बेच दिया,आरोपी को नहीं मिली जमानत
जोधपुर, शहर के रहने वाले एक व्यक्ति से धोखाधड़ी हुई। उसके प्लॉट को षंडयंत्रपूर्वक किसी अन्य को शातिर ने बेच दिया था। मामला कोर्ट तक पहुंचा और अब कोर्ट ने आरोपी को जमानत दिए जाने से इंकार कर दिया। एडीजे निहालचंद ने आरोपी सुमेराराम को जमानत देने से इनकार करते हुए प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि जोधपुर में कुछ आरोपी अन्य व्यक्ति के भूखंड को कूटरचित दस्तावेज तैयार कर उसका बेचान निर्दोष व्यक्ति को करके लाखों रुपए ले लेते हैं।
यह है मामला
परिवादी संदीप हेड़ा ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसके व पत्नी के नाम से खरीदशुदा आवासीय भूखंड संख्या 98, विजन पर्ल, चंदा भानू योजना ग्राम पाल में है। भूखंड 30 गुणा 30 वर्गफीट का है। भूखंड उन्होंने मांगीलाल से 28 मार्च 2012 को खरीदकर कब्जा प्राप्त किया।
बाद में इसके चारों ओर चारदीवारी बना दी। 27 जनवरी 20 को उसके मित्र अशोक जैन ने बताया कि उसके भूखंड पर निर्माण हो रहा है। वहां मौजूद ठेकेदार ने बताया कि निर्माण हरीश वर्मा द्वारा करवाया जा रहा है। वर्मा को मौके पर बुलाया तो उसने दस्तावेज दिखाए। वर्मा ने बताया कि उसने भूखंड मांगीलाल से खरीदा है। वर्मा ने 10 फरवरी 20 तक छत तक का काम करवा लिया।
पुलिस जांच में सात लोगों का लगा पता
पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच की। अनुसंधान में पाया गया कि भूखंड का पट्टा संदीप हेड़ा के नाम पर है। जेडीए में भूखंड उसी के नाम दर्ज है। आरोपी हरीश सचदेवानी, मोहम्मद रफीक, भगाराम उर्फ भागीरथ,अकबर अली, अब्दुल अजीज, इदरिश अली व सुमेरराम ने मिलकर षडयंत्र कर भूखंड हरीश वर्मा को बेच दिया।
21 लाख हड़प लिए
आरोपियों ने वर्मा से 21 लाख 21 हजार रुपए प्राप्त कर लिए। इस भूखंड को सुमरो प्रोपर्टी के माध्यम से फर्जी रूप से बेचा गया है। प्रोपर्टी डीलर का संचालन आरोपी रफीक व सुमेराराम द्वारा करना पाया गया। अपर लोक अभियोजक शबनम बानो ने अपराध की गंभीरता देखते हुए जमानत खारिज करने का आग्रह किया। सुमेराराम के विरूद्ध पूर्व में अन्य मामला भी दर्ज है। कोर्ट ने कहा कि जोधपुर में कुछ आरोपी अन्य व्यक्ति के भूखंड के कूटरचित दस्तावेज तैयार कर बेचान निर्दोष व्यक्ति को कर लाखों रुपए ले लेते हैं।
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