लवली एनकाउंटर केस का सीआईडी सीबी ने किया रिक्रिएट

लवली एनकाउंटर केस का सीआईडी सीबी ने किया रिक्रिएट

जोधपुर, रातानाडा से होते हुए बनाड़ की दिशा में तेज रफ्तार के साथ भागती दो कारों और उनके पीछे पुलिस वाहनों के पूरे लवाजमें को देख अफरा-तफरी मच गई। कारों की बेकाबू रफ्तार ने सभी का ध्यान आकर्षित किया। लोगों को कुछ दिन पूर्व शहर में हुए एक एनकाउंटर की याद ताजा हो उठी। थोड़ी देर बाद ये कारें बनाड़ रोड पर जाकर थम गई। वहां सभी लोग कारों से बाहर न निकले तो माजरा समझ में आया। वास्तव में सीआईडी की टीम ने आज लवली एनकाउंटर के सीन को रिक्रियेट कर जांच शुरू की है। जांच में जयपुर व बीकानेर से एफएसएल की टीम के अलावा सीआईडी की जयपुर से एक टीम जोधपुर आई हुई है।

लवली एनकाउंटर केस का सीआईडी सीबी ने किया रिक्रिएट

शनिवार सुबह सीआईडी के डिप्टी पुष्पेन्द्र सिंह के नेतृत्व में एक टीम एनकाउंटर के सीन को रिक्रियेट करने पूरे लवाजमें के साथ निकली। इसमें लवली की कार के साथ लीलाराम की कार को लाया गया। अब तक मिले सीसीटीवी फुटेज को देखते हुए पूरे घटनाक्रम को वापस से दोहराया गया। रातानाडा से लेकर डिगाड़ी फांटे तक उसी रफ्तार के साथ कारें दौड़ती नजर आई। वहां ये कारें थम गई। इसके बाद लवली को गोली लगने सहित घायल अवस्था में उसे कार से बाहर निकालने सहित सभी सीन रिक्रियेट किए गए। सुबह जल्दी शुरू हुआ यह घटनाक्रम करीब साढ़े नौ बजे तक चला। घटनास्थल पर एफएसएल की टीम ने सभी एंगल से जांच की। जांच पूरी करने के बाद पुष्पेन्द्र सिंह ने बताया कि जांच चल रही है। एफएसएल की रिपोर्ट भी आना शेष है। ऐसे में फिलहाल कोई टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी।

यह था मामला

शहर में 14 अक्टूबर की शाम एक हिस्ट्रीशीटर लवली कंडारा रातानाडा क्षेत्र में अपने कुछ दोस्तों के साथ एक कार में बैठा था। उसी दौरान एक कार से रातानाडा थानाधिकारी लीलाराम वहां पहुंचे। उनके साथ सादा कपड़ों में आए पुलिस के तीन कांस्टेबल ने कार का दरवाजा खोलने का प्रयास किया। लेकिन लवली ने दरवाजा अंदर से बंद कर दिया। इसके बाद लीलाराम हाथ में पिस्टल थामे कार की तरफ बढ़े। तब तक लवली का दोस्त कार को आगे बढ़ा चुका था।

लीलाराम अपनी पिस्टल के बट से कांच पर प्रहार किया। ऐसा करने से ही कांच फूट गया था। इसके बाद शहर में आगे लवली और पीछे पुलिस की कार तेज रफ्तार के साथ भागती रही। लवली के भागते ही लीलाराम अपनी कार की तरफ बढ़े और तेजी से उसका पीछा करना शुरू कर दिया। दोनों कारें शहर के व्यस्त मार्गों से बहुत तेजी के साथ भागते हुए आगे बढ़ती रही। इस दौरान इंजीनियरिंग कॉलेज के पास ग्रीन गेट पर लवली की कार डिवाइडर पर चढ़ गई, तब तक लीलाराम की कार भी बहुत नजदीक आ गई। इस दौरान लवली ने कांच खोलकर पुलिस की तरफ हवाई फायर किया। जैसे ही पुलिस की कार रुकी, बैक लेते हुए कार को टक्कर मारी और भाग गई।

बाइक को लिया था चपेट में

मिलिट्री अस्पताल से होते हुए डिगाड़ी फांटा पर लवली की कार ने मोटरसाइकिल पर जा रहे दंपती को चपेट में ले लिया। लवली की कार इससे एक बार रुक गई तब तक लीलाराम की गाड़ी भी बगल में पहुंच गई। लीलाराम व लवली अपनी-अपनी गाड़ी में अगल-बगल हो गए और दोनों के हथियार एक-दूसरे के सामने थे। लवली की पहली गोली कार के बंपर व दूसरी गेट से होते हुए लीलाराम के पैरों में गिर गई। एक और गोली चलानी चाही, लेकिन पिस्टल में फंसी रह गई। दो फायर होने पर लीलाराम ने भी फायर खोल दिए व ताबड़तोड़ राउंड चला दिए। लवली को गोली सीधे नहीं लगी, कार के गेट को छेद कर निकली गोलियां उसके सीने, पसलियों व हाथ में घुस गई। जैसे ही लवली गाड़ी में ही गिर पड़ा, ड्राइवर गेट खोल कर भागने लगा तब लीलाराम ने 8वां फायर हवा में किया और ड्राइवर को भी पकड़ लिया।

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