- मकान में चार लोगों के जिंदा जलने का मामला
- बड़ी बेटी जोधपुर पहुंची
- मंगलवार को होगा कंकालनुमा शवों का पोस्टमार्टम
- एम्स और एफएसएल टीम के विशेषज्ञों ने जुटाए साक्ष्य
जोधपुर, शहर के पाल रोड स्थित सुभाष नगर में रविवार की रात को एक मकान में चार लोगों के जिंदा जलने के मामले में पुलिस की तरफ से अनुसंधान तेजी से किया जा रहा है। सोमवार को भी एफएसएल टीम और एम्स अस्पताल के तीन डॉक्टरों की टीम ने मौके से साक्ष्य जुटाए। मौका ए हालात से कुछ स्पष्ट नहीं कहा जा सकता है कि यह हादसा था या अन्य कोई कारण रहा चारों की मौत का।
परिवार के मुखिया सुभाष चौधरी काजरी में सांइटिस्ट पद से सेवानिवृत थे, जैसा कि पड़ौसियों द्वारा पुलिस को जानकारी हुई है। सबसे बड़ी बेटी चंडीगढ़ के पंचकुला में टीचर पद पर कार्यरत है तो उसका पति एयरफोर्स में लगा है। इनके दोपहर बाद जोधपुर पहुंचने पर पुलिस ने अग्रिम कार्रवाई की।
कंकालनुमा शवों को पुलिस ने अब एम्स अस्पताल की मोर्चरी में भिजवाए, मंगलवार को पोस्टमार्टम कार्रवाई की जाएगी। प्रथम दृष्टया चौधरी परिवार एकाकीपन का शिकार लग रहा था। जिनका अपने पड़ौसियों तक से व्यवहार कुछ अलग रहता था। ज्यादा घुलना मिलना इन्हें पसंद नहीं था। साक्ष्य लायक कुछ हाथ लगा है तो इसकी जांच के बाद ही पता लग पाएगा।
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मगर सोचा जा सकता है कि चौधरी परिवार ने यह सामूहिक आत्महत्या की होगी। लूट का पुलिस पहले ही इंकार कर चुकी है। पल्लवी पर परिवार का सारा भार था। वह ही बुजुर्ग माता पिता और हैंडीकैप बहन को संभालती थी। उसकी स्कूलों की अध्यापिकाएं भी इस घटना को लेकर स्तब्ध है। पल्लवी मेहनती होने के साथ मां पिता की सेवा कर रही थी। शायद इसी वहज से उसने खुद भी शादी नहीं की। सोमवार की अपरान्ह बाद बड़ी बेटी नलिनी चंडीगढ़ से जोधपुर आ गई।
एसीपी पश्चिम नूर मोहम्मद ने बताया कि सुभाष चौधरी, उनकी पत्नी नीलम चौधरी, दो बेटियों लावण्या और पल्लवी के शव रविवार को उनके ही घर में जली हालत में मिले थे। इनके शव कंकालनुमा हो चुके है। मौके पर एफएसएल टीम ने रात को साक्ष्य जुटाने के साथ फिर तीन सदस्ययी टीम के साथ एम्स अस्पताल के तीन डॉक्टरों की टीम ने मौके पर पहुंच साक्ष्य एकत्र किए।
एसीपी नूर मोहम्मद के अनुसार मौके पर ऐसा कोई साक्ष्य देखने पर नजर नहीं आया है। पूरे कमरे छत काली पड़ऩे के साथ पंखे की पंखुडियां भी टूट कर गिर गई है। छत से प्लास्टर टूट कर भी गिरने के साथ आसपास दीवारों से भी प्लास्टर टूटकर गिर चुका है। कोई ज्वलनशील पदार्थ मिलने जैसे आलामात फौरी तौर पर नजर नहीं आया है। यदि होगा तो वह एफएसएल जांच में ही स्पष्ट हो पाएगा। कमरे में रखे सारा सामान तकरीबन जलकर नष्ट हो चुका है। ऐसे में कोई ज्वलनशील पदार्थ वहां हो सकता है ऐसा कहना अभी उचित नही होगा। फिलहाल गहन अनुसंधान किया जा रहा है।
सीसीटीवी फुटेज में कोई आलामात नहीं
एसीपी नूर मोहम्मद के अनुसार उनके घर के पास में एक मकान में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। जिसकी जांच में पता लगा है कि वक्त घटना पहले या बाद में कोई संदिग्ध गतिविधि नजर नहीं आई है। मकान पूर्ण रूप से बंद ही था। उनके घर के बाहर कोई ऐसी हलचल नहीं देखी गई जिससे कि कोई संदेह उत्पन्न हो।
पड़ौसियों से व्यवहार में कुछ रूखापन
आस पास के लोगों का कहना है कि चौधरी परिवार अपने घर में ही रहता था। ज्यादा हलचल घर में देखने को नहीं मिलती थी। पड़ौसियों से भी व्यवहार में कुछ रूखापन झलकता था। कम ही बातचीत करते थे। माना जा सकता है कि चौधरी परिवार एकाकीपन का शिकार था या फिर कि फ्रशटेशन का शिकार था।
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