जनगणना याचिका खारिज, कोर्ट ने लगाई 25 हजार की कास्ट
राजस्थान हाईकोर्ट
जोधपुर, राजस्थान हाईकोर्ट ने कोरोना के कारण स्थगित की गई जनगणना कराने को लेकर जैसलमेर जिले के भणियाणा गांव निवासी एक युवक को जनहित याचिका दायर करना भारी पड़ गया। हाईकोर्ट ने न केवल उसकी याचिका को खारिज कर दिया बल्कि उस पर 25 हजार रुपए की कॉस्ट लगा दी।
भणियाणा गांव के हैदर खान ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका पेश कर बताया कि मार्च 2019 में गजट नोटिफिकेशन जारी करने के बावजूद केन्द्र सरकार वर्ष 2021 की जनगणना नहीं करवा रही है। यह वर्ष 1948 के जनगणना एक्ट के नियम 3 का उल्लंघन है। ऐसे में केन्द्र सरकार को आदेश दिया जाए कि देश हित में तुरंत प्रभाव से जनगणना को शुरू किया जाए। न्यायाधीश संदीप मेहता और न्यायाधीश विनोद कुमार भारवानी की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि गत दो वर्ष देश ही नहीं पूरी दुनिया कोरोना से प्रभावित रही।
इस दौरान पूरी दुनिया में कई गतिविधियां पूरी तरह से ठप रही। ऐसे में याचिका के आधार पर केन्द्र सरकार को यह आदेश देना उचित नहीं होगा कि निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार जनगणना कराई जाए। इसके साथ ही खंडपीठ ने याचिका को खारिज कर दिया। साथ ही याचिकाकर्ता हैदर खान पर 25 हजार रुपए की कॉस्ट लगा दी। उसे यह राशि अगले तीस दिन के भीतर हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार के पास जमा करानी होगी। खंडपीठ ने जैसलमेर के जिला कलेक्टर को निर्देश दिया कि वे यह सुनिश्चित करे कि कॉस्ट की राशि तय समय पर जमा करवा दी जाए।
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