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जोधपुर जिले में लम्पी स्किन डिजीज से निपटने के लिए अभियान जारी

  • युद्धस्तरीय प्रयासों व जनसहभागिता से अभियान को मिली रफ्तार
  • ग्रामीण अंचलों में बैठकों के जरिये लोक जागरुकता एवं सहभागिता के व्यापक प्रयास जारी
  • कलक्टर के निर्देश पर सरकारी मशीनरी जुटी है रोकथाम व बचाव में

जोधपुर,जिले में लम्पी स्किन डिजीज से गौवंश को बचाने तथा इसकी रोकथाम के व्यापक प्रयासों को युद्ध स्तर पर अभियान के रूप में संचालित किया जा रहा है। इसमें राजकीय विभागों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत संस्थाएं और भामाशाहों का सक्रिय योगदान भी मिल रहा है।

जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता के निर्देशानुसार जिले के तमाम प्रभावित क्षेत्रों में ग्राम पंचायत स्तर पर बैठकों के माध्यम से लम्पी स्किन डिजीज की रोकथाम एवं बचाव के प्रयासों को व्यापकता के साथ इन गतिविधियों में तेजी लाने के लिए सार्थक प्रयास किए जा रहे हैं। शनिवार को जिले के विभिन्न क्षेत्रों में पंचायत स्तर पर गणमान्य लोगों,सामाजिक एवं स्वयंसेवी संस्थाओं,जन प्रतिनिधियों, भामाशाहों एवं आमजन आदि की बैठकें हुई। इनमें लम्पी स्किन डिजीज के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।

पशुपालकों को जागरुक किए जाने के साथ ही प्रभावित गौवंश के उपचार एवं स्वस्थ गौवंश को सुरक्षित एवं सेहमतमन्द रखे जाने के लिए विस्तार से जानकारी दी गई। भामाशाहों एवं ग्रामीणों,स्वयंसेवी एवं सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से आइसोलेशन सेंटर स्थापित करने,सैनेटाईजेशन, जन जागृति आदि का आह्वान करते हुए जन भागीदारी हासिल की गई। कई स्थानों पर शिविरों का आयोजन किया गया।

जिले के साबरसर,सोइंतरा, चुतरपुरा, शेरगढ़,चाबा,मेनाणगढ़,गजेसिंह नगर, गड्ढ़ा, सुवालिया, खिरजा तिबिना, नाहरसिंह नगर, चाखू, बाप सहित प्रभावित क्षेत्रों में ग्राम पंचायत स्तर पर बैठकों का आयोजन कर इस बीमारी के लक्षणों, बचाव के तरीकों तथा ऐहतियाती उपायों के बारे में ग्रामीणों को जानकारी दी गई और गौवंश को इस डिजीज से बचाने के लिए किए जा रहे प्रयासों में भागीदारी की अपील की गई।

जिले में आयोजित इन बैठकों में उपखण्ड अधिकारियों,तहसीलदारों, पशुपालन विभाग सहित अन्य विभागों के अधिकारियों एवं कार्मिकों, ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज के कार्मिकों ने हिस्सा लिया। इन बैठकों में आह्वान किया गया कि एलएसजी वायरस के संक्रमण की कड़ी को तोड़ने के लिए यह जरूरी है कि अपने-अपने क्षेत्रों में अधिक से अधिक आइसोलेशन सेंटर की सुविधाएं उपलब्ध हों। इसके साथ ही ग्रामीणों में जागरुकता संचार एवं अन्य जरूरी गतिविधियों में भामाशाहों के साथ ही आम जन भी आगे आए, तभी हम अपने इलाके के गौवंश को इस डिजीज से मुक्त रख सकेंगे।

इन बैठकों में भामाशाहों और जन प्रतिनिधियों ने भी आम जन से समन्वय स्थापित करते हुए इस बीमारी से गौवंश को बचाने,राहत एवं उपचार में हरसंभव योगदान का संकल्प व्यक्त किया और कहा कि प्रशासन द्वारा इस बीमारी से निपटने के लिए चलाए जा रहे अभियान में अधिक से अधिक भागीदारी निभाएंगे। बैठकों के साथ ही प्रभावित क्षेत्रों में गौवंश को बचाने के लिए सभी ऐहतियाती उपायों को अपनाया जा रहा है। गज्जा गौशाला फलौदी में परंपरागत देशी तरीके से उपचार के लिए काढ़ा तैयार किया जा रहा है।

इसी प्रकार कालीजाल ग्राम पंचायत में सेनेटाईजर,लालदवा, फिटकरी आदि के घोल का छिड़काव कर पशुओं को सेनेटाईज किया जा रहा है। ख़ासकर निराश्रित गौवंश को लम्पी स्किन डिजीज से बचाने तथा संक्रमित गौवंश को बचाने पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। बालेसर पंचायत समिति क्षेत्र में जन प्रतिनिधियों, राजस्व,पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास,पशुपालन आदि विभागों के अधिकारियों एवं कार्मिकों की बैठकों का दौर शनिवार को जारी रहा। मण्डोर, केरू, लूणी आदि के जन प्रतिनिधियों एवं ग्राम पंचायत स्तर के कार्मिकों की बैठकें लेकर लम्पी स्किन डिजीज की रोकथाम के बारे में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए और ग्रामीण अंचलों में प्रभावी गतिविधियों को और अधिक तेज करने को कहा गया।

बाप उपखण्ड क्षेत्र के झोलिया, जैतड़ी,जेतड़ासर,बोरानाड़ा,कानसिंह की सिड आदि इलाकों में शिविरों का आयोजन कर डिजीज रोकथाम व बचाव तथा प्रभावित पशुओं के उपचार आदि के बारे में जानकारी दी गई।

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