जोधपुर, नीलकंठ महादेव मंदिर परिसर में चल रही भागवत कथा में चोथे दिन कथावाचक दयाराम महाराज ने रामावतार और कृष्णावतार का प्रसंग सुनाया।

By reciting the Bhagavata, one gets rid of the bondage of birth - Mahant Ram Prasadइस अवसर पर सूरसागर रामद्वारा के महंत रामप्रसाद भी कथा में सम्मिलित हुए। उन्होंने अपने उद्बोधन में भागवत का महत्व बताते हुए कहा कि जो व्यक्ति लगातार सात दिन एकाग्रता से भागवत कथा सुनता है उसे मृत्यु का भय नहीं रहता। प्रतिदन भागवत का पाठ करने से जन्म मरण के बंधन से मुक्त हो जाता है। रात्रि में आयोजित मायरे में प्रसंग के दौरान भजन गायक पंकज जांगिड़ और मंजु डागा ने मनमोहक भजनों की प्रस्तुति दी। आयोजक गौभक्त पं. श्रवण कुमार गौड़ व अशोक मेघवाल ने बताया कि सुबह 11:30 बजे से शाम 4 बजे तक श्रीमद्भागवत महापुराण और शाम 8 बजे से रात्रि 10 बजे तक नैनी बाई का मायरा कथा का वाचन किया जा रहा है। आयोजन समिति के नेमीचंद गौड़, लेखराज जांगिड, मंदिर सेवा समिति के सदस्य, क्षेत्रवासी और महिला मंडल व्यवस्था में सहयोग दे रहे हैं।