Birth anniversary of horse Neelagar of Lord Devnarayan celebrated with devotion

श्रद्धापूर्वक मनाया देवनारायण भगवान के अश्व नीलागर का जन्मोत्सव

जोधपुर,श्रद्धापूर्वक मनाया देवनारायण भगवान के अश्व नीलागर का जन्मोत्सव।लोक देवता और गुर्जर समाज के आराध्य देव देवनारायण भगवान की असवारी प्रिय अश्व नीलागर का जन्मोत्सव श्रद्धापूर्वक हर्षोल्लास के साथ मनाया।

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इस अवसर पर बासनी क्षेत्र के केके काॅलोनी स्थित देवनारायण मंदिर से भगत की कोठी,रातानाडा,बनाड़ होते हुए ब्यावर के देवमाली स्थित देवस्थान तक वाहन शोभायात्रा निकाली गई। गुर्जर युवक विकास समिति देवनारायण मंदिर रातानाडा के सहकोषाध्यक्ष मुलाराम फारक ने बताया कि रातानाडा स्थित देवनारायण भगवान मंदिर में नवयुवक मंडल के रामनिवास, मनीष,सुखविंदर,नरेश आदि द्वारा फुलों व दीपमालाओं से रंगोली सजाई गई। मंदिर सेवक रामप्रसाद के सानिध्य में पूजा-अर्चना हुई और खीर चुरमे का भोग लगाया गया।

संध्या आरती के पश्चात एक शाम देवनारायण भगवान के नाम भजन संध्या का आयोजन हुआ। भजन गायक पंकज जांगिड़ एंड पार्टी द्वारा भजनों की मनमोहक प्रस्तुति पर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध होकर झूमते हुए भक्ति में सराबोर नजर आए। मंदिर पुजारी रामप्रसाद ने बताया कि विष्णु के अवतार देवनारायण भगवान का जन्मोत्सव माघ शुक्ल सप्तमी को मनाया जाता है जबकि इनके घोड़े नीलागर का जन्मत्सोव भाद्रपद शुक्ल सप्तमी को मनाया जाता है। भगवान देवनारायण को नीम नारायण अवतार,आयुर्वेद के गाथा,ईंटो के श्याम,कमल पुष्प अवतारी, नीलागर असवार,गौरक्षक और असहाय कष्ट निवारक भी कहा जाता है।

भगवान देवनारायण के घोड़े के जन्म के बारे में यह कथा मिलती है कि 968 विक्रम संवत में जब 24 बगड़ावत भाइयों का पतन हुआ तो उनके कुल को आगे बढ़ाने वाला कोई नहीं बचा। तब बगड़ावत सवाई भोज की पत्नी माता साडू द्वारा भगवान विष्णु की तपस्या की गई। तब भगवान विष्णु द्वारा उन्हें आशीर्वाद दिया कि पहाड़ों के चित्र के कमल के पुष्प में अवतार लूंगा। इस बात पर परिवारजनों द्वारा विश्वास नहीं किए जाने पर माता साडू द्वारा यह कहा गया कि यदि मेरे परिवार में काले घोड़े के नीले पट्टे वाला घोड़ा जन्म लेता है तो समझ लेना की भगवान देवनारायण ने अवतार ले लिया।उक्त घोड़ा नीलागर का घोड़ा भाद्रपद शुक्ल सप्तमी के दिन जन्म लिया और भगवान देवनारायण का यह अत्यंत प्रिय घोड़ा रहा।

इस मौके गुर्जर युवक विकास समिति देवनारायण मंदिर रातानाड़ा के संरक्षक बाबुलाल हाकला,अध्यक्ष महेश धाबाई,सचिव राजेंद्रकटारिया, वरिष्ठ उपाध्यक्ष किशनलाल कालस, उपाध्यक्ष शंकरलाल डोई व पृथ्वी सिंह भडाणा,सहकोषाध्यक्ष मुलाराम फारक,सदस्य बलविरेंद्र भडाणा, हरीश नागड़ी,पंकज कटारिया, मुकेश कटारिया सहित मातृशक्ति व समाजबंधु उपस्थित थे।