जोधपुर, मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के अन्तर्गत कोविड-19 उपचार हेतु लाभार्थियो को राज्य सरकार ने दी बड़ी राहत प्रदान की है। मुख्य कार्यकारी अधिकारी, राजस्थान स्टेट हैल्थ एश्योरेंस एजेंसी अरूणा राजोरिया ने बताया कि अब मरीजों के उपचार में सुविधा के लिये राज्य सरकार द्वारा लाभार्थियो को रेडमेसिविर और टोसीलुज़ूम इंजेक्शन भी योजना के अन्तर्गत निःशुल्क उपलब्ध करवाया जायेगा। सम्बद्ध निजी अस्पताल इसके लिये आरएमएससी की दर पर अथवा अधिकतम एमआरपी दर पर ये इंजेक्शन खरीदकर उसका बिल भुगतान हेतु आरएसएचएए को प्रस्तुत कर पायेंगे।

राज्य सरकार ने वर्तमान समय में कोरोना महामारी के उच्च प्रसार को देखते हुए कोविड-19 एवं ब्लैक फंगस के लाभार्थी मरीजों को एक और बड़ी राहत देते हुए निर्धारित पांच लाख की बीमा राशि की बाध्यता महामारी काल के दौरान समाप्त की है। अब योजना में पंजीकृत कोरोना का मरीज संबंद्ध निजी और सरकारी अस्पताल में भर्ती होने पर अगर उसकी वाॅलेट राशि खत्म हो जाती है तो भी उसका इलाज जारी रहेगा। संबंधित अस्पताल अतिरिक्त व्यय के लिये फंड एनहांसमेंट की रिक्वेस्ट राज्य स्तर पर प्रेषित की जायेगी जिस पर दस्तावेजों के आधार पर इसकी अनुमति दी जायेगी।

योजना के अन्तर्गत कोविड-19 के उपचार के पैकेजेज की 5000/- प्रतिदिन से लेकर 9900/- प्रतिदिन के तीन पैकेज निर्धारित किये हुए हैं। इन पैकेजेज में मरीजों को परामर्श शुल्क, नर्सिंग चार्जेज, बैड, भोजन, निर्धारित उपचार दिशा-निर्देश के अनुसार डिस्चार्ज करने पर-कोविड-19 टेस्ट, माॅनिटरींग एवं फिजियोथैरेपी शुल्क, पीपीईकिट, दवाएं एवं कंज्यूमेबल्स, डाॅक्यूमेंटेशन चार्जेज, समस्त प्रकार की जांचे बायोकेमिस्ट्री, माइक्रो बायोलाॅजी, पैथोलाॅजी, इमेजिंग आदि शुल्क सम्मिलित हैं।

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प्रत्येक परिवेदना का जिलेवार लगातार हो रहा निस्तारण

योजना के अन्तर्गत प्राप्त होने वाली परिवेदनाओं को लेकर गठित कमेटी त्वरित रूप से परिवेदना का निस्तारण लगातार कर रही है। संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी काना राम ने बताया कि प्राप्त शिकायतों के त्वरित निस्तारण और लाभार्थियों को राहत देने के लिये राज्य स्तर से 15 नोडल अधिकारीयों को नियुक्त किया गया है। ये नोडल अधिकारी अपने आवंटित जिले से सम्बंधित काॅल सेंटर और अन्य माध्यमो से प्राप्त प्रत्येक शिकायत की प्रकृति को जानकार संबंधित अस्पताल और शिकायतकर्ता से समन्वय कर उसका तत्काल निस्तारण कर रहे हैं।

प्रत्येक शिकायतकर्ता को उसकी समस्या का समाधान कर राहत दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। योजना से सबंद्ध किसी भी अस्पताल के द्वारा इलाज से मना करने पर अथवा इलाज के लिये पैसे मांगे जाने पर उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जा रही है। योजना में पंजीकृत प्रत्येक लाभार्थी को योजना का लाभ मिले इसके लिये विभाग तत्पर और सजग है। योजना के बारे में किसी भी प्रकार की जानकारी या शिकायत के लिए टोल फ्री नम्बर 1800 180 6127 और 181 पर सम्पर्क किया जा सकता है।