जोधपुर, सेंट्रल जेल में बंद आसाराम अब पूर्ण रूप से स्वस्थ है। उसे जेल के अस्पताल से वापस अपनी बैरक में बंद कर दिया गया है। जेल सूत्रों का कहना है कि अब आसाराम को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं है। वह स्वयं को एकदम ठीक स्वस्थ मान रहा है। वैसे भी वह एलोपैथी पद्धति का इलाज नहीं ले रहा था। आयुर्वेद विश्वविद्यालय के डॉक्टर उसका इलाज कर रहे थे। ऐसे में पूरी तरह से स्वस्थ होने पर उसे वापस बैरक में भेज दिया गया।

अपनी अन्य बीमारियों के लिए भी वह आयुर्वेद की दवा ले रहा है। सुबह-शाम वह जेल परिसर में टहल भी रहा है। हालांकि उसका वजन पहले की अपेक्षा कुछ कम हुआ है लेकिन वह स्वयं को तरोताजा महसूस कर रहा है और अन्य बंदियों से हमेशा की तरह बातें भी कर रहा है। ज्ञातव्य है कि आसाराम पिछले महीने कोरोना संक्रमित पाया गया था। उसके बाद ऑक्सीजन लेवल गिरने पर उसे महात्मा गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां दो दिन रखने के बाद उसे एम्स भेज दिया गया था।

एम्स में भर्ती रहने के दौरान आसाराम ने अपनी बीमारी का इलाज आयुर्वेद पद्धति से कराने के लिए राजस्थान हाईकोर्ट से दो माह की अंतरिम जमानत मांगी थी। हाईकोर्ट ने एम्स से मेडिकल बोर्ड बैठा आसाराम के स्वास्थ्य की विस्तृत रिपोर्ट तलब की थी। एम्स की मेडिकल रिपोर्ट में आसाराम को स्वस्थ करार दिया और कहा गया कि एक-दो बीमारियों का इलाज जेल में ही किया जा सकता है। इस आधार पर हाईकोर्ट ने आसाराम की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। एम्स से ठीक होकर जेल में वापस भेजे जाने के बाद उसका ऑक्सीजन लेवल घट गया था लेकिन अब वह पूर्णतया ठीक है और ऑक्सीजन सपोर्ट की आवश्यकता भी नहीं है उसे।

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