• प्रशासन लगातार अस्पतालों में बेड बढ़ता जा रहा है
  • अस्पतालों में करीब 1200 संक्रमित लोग भर्ती हैं
  • एमडीएम अस्पताल में सौ बेड और बढ़ाए गए
  • पर्याप्त दवा और ऑक्सीजन उपलब्ध है
  • डॉक्टरों से परामर्श लेकर घर पर ही इलाज लें
  • तबीयत बिगड़ती है तो तुंरत अस्पताल पहुंचे
  • एक्टिव केस सोलह हजार के करीब तक जा पहुंचे
  • एमडीएम,एमजीएच व एम्स में 12सौ से कुछ अधिक मरीज भर्ती हैं
  • निजी अस्पतालों में पौने आठ सौ मरीजों भर्ती हैं

जोधपुर, पूरी तरह से बेकाबू हो चुके कोरोना के बढ़ते मरीजों के लिए प्रशासन लगातार अस्पतालों में बेड बढ़ता जा रहा है। ताकि यहां पहुंचने वाले सभी मरीजों को समय पर इलाज मिल सके। शहर के सरकारी अस्पतालों में करीब 1200 संक्रमित लोग भर्ती हैं।

Appeal to doctors: come to the hospital only when the oxygen level is less than 90

आज एमडीएम अस्पताल में सौ बेड और बढ़ाए गए हैं। मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल व डॉक्टरों ने लोगों से अपील की है कि हमारे पास पर्याप्त दवा और ऑक्सीजन उपलब्ध है। वे बिलकुल नहीं घबराएं। जहां तक संभव हो डॉक्टरों से परामर्श लेकर घर पर ही इलाज लें। यदि तबीयत बिगड़ती है तो तुंरत अस्पताल पहुंचे। अन्यथा नहीं।

जोधपुर में एक्टिव केस सोलह हजार के करीब तक जा पहुंचे है। ऐसे में अस्पतालों पर दबाव बहुत अधिक बढ़ गया है। अस्पतालों में मरीजों की कतारें लगी हैं। जोधपुर के एमडीएम, महात्मा गांधी अस्पताल व एम्स में इस समय 1200 से कुछ अधिक मरीज भर्ती हैं। शहर के निजी अस्पतालों में साढ़े आठ सौ मरीजों को भर्ती करने की क्षमता है और इनमें से पौने आठ सौ बेड भरे हुए हैं। अस्पतालों में मरीजों के बढ़ते दबाव का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एमडीएम अस्पताल में कल संक्रामक रोग संस्थान में सौ बेड की व्यवस्था की गई थी, लेकिन ये सभी बेड एक ही दिन में भर गए।

Appeal to doctors: come to the hospital only when the oxygen level is less than 90

मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. एसएस राठौड़ ने कहा कि एमडीएम अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग में 100 बेड की व्यवस्था कर दी गई है जबकि बोरानाडा स्थित कोविड सेंटर पर ऑक्सीजन सिस्टम के साथ 200 बेड मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी और उनकी टीम तैयार कर रही है। डॉक्टरों व अन्य स्टाफ की व्यवस्था की जा रही है। वहां पर शीघ्र ही मरीजों को भर्ती करना शुरू कर देंगे।

डॉ. राठौड़ ने दावा किया कि अस्पताल में किसी संसाधन की कमी नहीं है। पर्याप्त मात्रा में दवा और ऑक्सीजन उपलब्ध है। लोग बिलकुल भी घबराएं नहीं। वे हमारी टीम पर पूरा विश्वास रखें। सभी को बेहतर इलाज मिलेगा। सीनियर फिजिशियन डॉ. नवीन किशोरिया का कहना है कि कोरोना को लेकर लोग बिल्कुल न घबराएं। हमारी टीम पूरे एक साल से अधिक समय से जुटी है। पूरी टीम को अच्छा अनुभव हो चुका है। सभी को इलाज के लिए बेड अवश्य मिलेगा।

सारी दवा समय पर आ रही है। ऑक्सीजन पूरी मिल रही है। बस लोग संक्रमित होते ही घबराएं नहीं। हम तत्पर हैं। आनन-फानन में अस्पताल भाग कर न आएं। इससे और इंफेक्शन बढऩे का खतरा रहता है। उन्होंने लोगों से अपील है कि वे संक्रमित होने के बाद अपना ऑक्सीजन लेवल देखते रहें। यदि यह 90 से नीचे जाता है तो अस्पताल आएं। इससे पहले अपने डॉक्टर से परामर्श लेकर घर पर ही इलाज लें। बेसिक दवा आराम से मिल जाती है। अस्पताल में अनावश्यक भीड़ न करें। ऐसा करने से सिर्फ गंभीर रूप से बीमार मरीजों को देखने में हमें भी सुविधा रहेगी।

शुरू होगा बोरानाडा सेंटर

अस्पतालों की स्थिति को देखते हुए प्रशासन बोरानाडा में कोविड सेंटर वापस शुरू कर रहा है। इसमें ऑक्सीजन वाले 200 व इतने ही अन्य पलंग हैं। विस्तार किया जाए तो यहां 700 मरीजों को रखा जा सकता है। इसके अलावा रातानाडा स्थित यूथ हॉस्टल, एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज में नवनिर्मित गर्ल्स हॉस्टल व जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में बने कौटिल्य भवन और शहर के विभिन्न हिस्सों में स्थित सामुदायिक केंद्रो को भी अस्थाई अस्पतालों के रूप में विकसित करने की तैयारी की जा रही है।

अस्पतालों में मरीजों को भर्ती करने व ठीक हुए मरीजों को शिफ्ट करने की नई रणनीति बनाई जा रही है। जिन मरीजों की स्थिति में सुधार हो चुका है, उन्हें डे-केयर या अन्य स्थानों पर शिफ्ट कर गंभीर मरीजों को भर्ती करने की नीति पर मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों के साथ कलक्टर ने चर्चा की है। इसे अमल में लाने के लिए वरिष्ठ चिकित्सकों को रोटेशन के आधार पर भर्ती मरीजों की जांच करने का जिम्मा सौंपा जाएगा।