ऊर्जा विभाग द्वारा एमनेस्टी योजना लागू
- 31 दिसम्बर 2023 तक कटे हुए विद्युत कनेक्शनों की बकाया राशि वसूली के लिए है योजना
- उपभोक्ता इसका लाभ उठाकर पा सकते हैं राहत
जोधपुर,ऊर्जा विभाग द्वारा एमनेस्टी योजना लागू। बजट घोषणा वित्तीय वर्ष 2024-25 की अनुपालना में ऊर्जा मंत्री के निर्देशानुसार ऊर्जा विभाग ने गत 31 दिसम्बर 2023 तक कटे हुए विद्युत कनेक्शनों की बकाया राशि वसूली के लिए “एमनेस्टी योजना“ लागू की है जिसका लाभ लेने उपभोक्ताओं से अपील की गई है।
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उल्लेखनीय है कि ऊर्जा विभाग द्वारा इस बारे में 31 दिसम्बर 2023 तक के कटे हुए सभी श्रेणी के विद्युत कनेक्शनों की बकाया राशि वसूली के लिए राज्य सरकार द्वारा बजट घोषणा वित्तीय वर्ष 2024-25 की अनुपालना में “एमनेस्टी योजना“ लागू करने का निर्णय लिया गया है। इसके प्रावधान तुरन्त प्रभाव से लागू हो गए हैं। यह योजना 31 दिसम्बर 2024 तक प्रभावी रहेगी।
एमनेस्टी योजना के प्रावधानों के अनुसार 31 दिसम्बर 2023 तक के कटे सभी श्रेणी के विद्युत उपभोक्ता 31 दिसम्बर 2023 तक की बकाया राशि बिना ब्याज/पेनल्टी के एकमुश्त जमा करा सकेंगे। यह योजना उन उपभोक्ताओं के लिए उपलब्ध नहीं है जिन उपभोक्ताओं ने विगत तीन वर्षों में ऐसी योजना का लाभ ले चुके हैं।इस योजना के अंतर्गत चोरी/दुरुपयोग के मामले शामिल नहीं किये जायेंगे।इस योजना का लाभ लेने के लिये उपभोक्ताओं को संबंधित राहायक अभियंता कार्यालय में आवेदन प्रस्तुत करना होगा।
इसी प्रकार कृषि श्रेणी के उपभोक्ताओं के कटे हुए कनेक्शनो को कृषि नीति के प्रचलित प्रावधानों के अनुसार तथा अन्य श्रेणियों के उपभोक्ताओं के कनेक्शन टीसीओ एस-2021 के प्रावधानों के अनुसार जोड़े जा सकेंगे। जिन उपभोक्ताओं के विद्युत बिल राशि सम्बंधित कोई गामला न्यायालय में लंबित है उन उपभोक्ताओं द्वारा एमनेस्टी योजना का लाभ चाहे जाने पर इस योजना का लाभ तभी मिल सकेगा जब प्रकरण वापिस ले लिया जाए और इसके लिए प्रकरण वापसी की स्वीकृति प्रस्तुत करनी होगी।
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योजना के प्रावधान के अनुसार यदि उपभोक्ता का मूल बकाया से संबंधित कोई विवाद है एवं वह निस्तारण करवाना चाहता है तो उसे पहले संबंधित आन्तरिक शिकायत निस्तारण प्रकोष्ठ(आईजीआर सेल)/उपभोक्ता शिकायत निवारण फोरम (सीजीआरएफ) में आवेदन करना होगा एवं संबंधित फोरम के निर्णयानुसार ही एमनेस्टी योजना का लाभ लिया जा सकता है।ऐसे मामलों में उपभोक्ता को एक शपथ पत्र प्रस्तुत करना होगा कि फोरम द्वारा किया गया निर्णय उसे स्वीकार्य है एवं न्यायालय से प्रकरण (यदि कोई हो) तो वापिस ले लिया गया है।
