Airbags should be installed in two-wheeler ambulances and two-wheelers

दुपहिया एम्बुलेंस और दुपहिया वाहनों में एयरबैग लगाए जाने चाहिए

एमबीएम विश्वविद्यालय और इंटरनेशनल रोड फेडरेशन की संयुक्त मीटिंगआयोजित

जोधपुर,दुपहिया एम्बुलेंस और दुपहिया वाहनों में एयरबैग लगाए जाने चाहिए। सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली जनहानि को न्यूनतम करने के लिए और जोधपुर को सड़क हादसों से सुरक्षित शहर बनाने के लिए एमबीएम विश्वविद्यालय और इंटरनेशनल रोड फेडरेशन की ओर से संयुक्त प्रयास किए जाएंगे। जिस पर विस्तृत चर्चा के लिए मीटिंग का आयोजन गुरुवार को एमबीएम विश्वविद्यालय में किया गया।

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विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी आर्किटेक्ट कमलेश कुम्हार ने बताया कि इस मीटिंग में एमबीएम विश्वविद्यालय के शिक्षकों और इंटरनेशनल रोड फेडरेशन विशेषज्ञों के साथ ही औद्योगिक प्रतिष्ठानों के प्रतिनिधि,एम्स जोधपुर के चिकित्सा अधिकारी,डिफेंस लैब के वैज्ञानिकों सहित विभिन्न विभागों के प्रतिनिधि मौजूद थे।

एमबीएम विश्वविद्यालय और इंटरनेशनल रोड फेडरेशन के बीच एमओयू
एमबीएम विश्वविद्यालय और इंटरनेशनल रोड फेडरेशन के बीच किए गए एमओयू के तहत इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर जयश्री वाजपेई ने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के विशेषज्ञों,शिक्षकों और प्रतिभागियों का स्वागत किया। उन्होंने बताया कि एमबीएम विश्वविद्यालय और इंटरनेशनल रोड फेडरेशन के संयुक्त मार्गदर्शन में विभिन्न सरकारी और गैर सरकारी संगठन मिलकर जोधपुर शहर में दुनिया के सड़क दुर्घटना पर न्यूनतम मृत्यु दर का लक्ष्य हासिल कर सकते हैं।

अभियान का लक्ष्य है जोधपुर को विश्व का पहला शून्य दुर्घटना मृत्यु दर वाला शहर बनाना। इंटरनेशनल रोड फेडरेशन के अध्यक्ष इंजीनियर केके कपिला ने बताया कि एमबीएम विश्वविद्यालय और इंटरनेशनल रोड फेडरेशन इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए संयुक्त रूप से 5 ई पर काम करके फास्ट ट्रैकिंग रोड सेफ्टी पर काम करेंगे।

E1- इंजीनियरिंग ऑफ रोड्स (सड़कों की इंजीनियरिंग)
E2- इंजीनियरिंग ऑफ व्हीकल्स एंड पॉलिसी करेक्शंस (नीति सुधार)
E3- एजुकेशन एंड मास अवेयरनेस (शिक्षा और जन जागरूकता)
E4- एनफोर्समेंट (प्रवर्तन)
E5- इमरजेंसी ट्रॉमा केयर (आपातकालीन देखभाल)

शिक्षा और प्रशिक्षण इस अभियान की सफलता के मुख्य आधार
इंजीनियर केके कपिला ने बताया कि भारत के विद्यालयों में सड़क सुरक्षा के बारे में पढ़ना चाहिए और लोगों को अधिक जानकारी के लिए सड़क सुरक्षा के बारे में सरकारी वेबसाइट पर भी सूचना देनी चाहिए।

उन्होंने बताया कि सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस कर्मियों को भी प्रशिक्षण देना चाहिए और लोगों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करना चाहिए। आजकल सड़क दुर्घटनाओं को ध्यान में रखते हुए हमें दुपहिया एम्बुलेंस के बारे में भी विचार करना चाहिए और दुपहिया वाहनों में भी एयरबैग और अन्य सुरक्षा सुविधाएँ उपलब्ध करवाने के बारे में सोचना चाहिए।

आर्किटेक्ट कुम्हार ने बताया कि इंटरनेशनल रोड फेडरेशन से यातायात और सड़क सुरक्षा विशेषज्ञ जेकब जॉर्ज ने सड़क सुरक्षा की आवश्यकताओं के बारे में अपना दृष्टिकोण साझा किया। उन्होंने कैसे इंजीनियरिंग शहरों को हादसों और भीड़-भाड़ से मुक्त बनाने में भूमिका निभा सकती है पर चर्चा की।

उन्होंने विभिन्न पहलुओं पर उपस्थित प्रतिभागियों को विस्तृत जानकारी दी जिसमें सुरक्षित जंक्शन्स के लिए डिज़ाइन,सड़क संकेतों का डिज़ाइन और प्रावधान,पेवमेंट मार्किंग्स, सड़क सुरक्षा ऑडिट और सुरक्षा के लिए जरूरी सावधान शामिल थे।

अभियान में एमबीएम विश्वविद्यालय जोधपुर की सक्रिय भागीदारी
एमबीएम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अजय कुमार शर्मा ने कहा कि एमबीएम विश्वविद्यालय के सिविल इंजीनियरिंग और स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग विभाग के शिक्षक, शोधार्थी और स्नातक विद्यार्थी सड़क सुरक्षा आधारित अभियान को सफल बनाने के लिए संपूर्ण भागीदार रहेंगे। विश्वविद्यालय प्रशासन सामाजिक जिम्मेदारी के नाते सभी सहयोगियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर परिस्थितियों को बेहतर बनाने के लिए तत्पर रहेगाI

सिविल इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर अमरनाथ मोदी ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए हमें जागरूक होना होगा। उन्होंने बताया कि सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए सड़क का सही निर्माण होना आवश्यक है। स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर सुरेश सिंह सांखला ने बताया कि विद्यालयों,महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में सड़क सुरक्षा के बारे में विद्यार्थियों को पढ़ना चाहिए।

उन्होंने बताया कि ड्राइविंग लाइसेंस देने से पूर्व व्यक्ति को सड़क नियमों की पूरी जानकारी है या नहीं यह सुनिश्चित करना चाहिए। एमबीएम विश्वविद्यालय के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर एसके सिंह ने बताया कि दुर्घटनाओं का कारण ज्यादातर निर्धारित रफ्तार से अधिक तेज वाहन चलाना,वाहन चलाते समय सचेत नहीं रहना,लगातार लंबे समय तक वाहन चलाना और खराब सड़कें हैं।

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उल्लेखनीय है कि एमबीएम विश्वविद्यालय और इंटरनेशनल रोड फेडरेशन के बीच किए गए एमओयू के तहत पूर्व में आयोजित किए गए प्रशिक्षण कार्यक्रम में एमबीएम विश्वविद्यालय के बीई सिविल इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम के अंतर्गत ही जोधपुर शहर के विभिन्न यातायात नेटवर्क और जंक्शन्स का विशेषज्ञ के साथ प्रतिभागियों ने अवलोकन किया तथा जंक्शन्स के आकार को सुगम यातायात की दिशा में पुनःडिज़ाइन करने के लिए विभिन्न विधियों का अभ्यास किया।

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