चिकित्सकों से हड़ताल समाप्त करने की फिर से अपील

जयपुर,मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान में सभी प्रदेशवासियों को ‘स्वास्थ्य का अधिकार’ देने वाले कानून का विरोध कर रहे चिकित्सकों से हड़ताल समाप्त करने की फिर से अपील की है। गहलोत ने कहा कि डॉक्टरों को अपनी हड़ताल समाप्त करनी चाहिए। उन्होंने कहा मैं उनसे आग्रह करूँगा कि आपका ये तरीका गलत है। आम जनता में इस हड़ताल से आक्रोश फैल रहा है। लोग डॉक्टरों को भगवान मानते हैं। मुख्यमंत्री ने निजी अस्पतालों के प्रबंधन को आश्वस्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार उनका सब तरीके से सहयोग करना चाहती है। हम नहीं चाहते हैं कि इनको कोई तकलीफ हो।

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उन्होंने कहा कि कानून की किसी भी प्रक्रिया से अगर कोई तकलीफ होती है,तो राज्य सरकार उसे सही कर देगी। अभी कानून का नोटिफिकेशन भी जारी नहीं हुआ है। इसके नियम बनने बाकी हैं। नियम-कायदों में डॉक्टरों की सुविधाओं से जुड़ी शंकाओं को ठीक कर लिया जाएगा। इस प्रकार से 7-8 दिन से हड़ताल पर बैठना जायज नहीं है। मरीज बेचारा कहां जाएगा।

कानून में चिकित्सकों के हितों का भी संरक्षण

स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े नागरिक अधिकार कार्यकर्ता छाया पंचोली के अनुसार,प्रस्तावित कानून रोगियों के साथ चिकित्सकों के अधिकारों के भी संरक्षण की बात करता है। इस कानून का किसी भी तरीके से विरोध नहीं होना चाहिए। इसे बनाते समय विभिन्न समूहों के साथ चिकित्सकों से भी सलाह ली गई है। सबसे ज्यादा वार्तालाप निजी क्षेत्र के चिकित्सकों के साथ हुआ है। उनकी ही मांग पर विधेयक को विधान सभा की ‘सलेक्ट कमेटी’ के पास विचार के लिए भेजा गया था। उसके बाद कानून पारित हुआ है।अब भी निजी क्षेत्र के डॉक्टरों को अगर कोई दिक्कत लग रही है, तो उन्हें सरकार से बात करनी चाहिए।

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ज्यादातर डॉक्टरों ने यह कानून पढ़ा नहीं है और वे कही-सुनी बातों पर विश्वास कर विरोध कर रहे हैं। कानून को स्वयं अच्छे से पढ़ने और समझने के बाद कोई शंका है, तो उसे सरकार के समक्ष रखें। कानून में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि इमरजेंसी किसे माना जाएगा। मरीज इतना मूर्ख नहीं होगा कि आपातकाल में दिल की बीमारी के लिए हड्डी के डॉक्टर के पास जाए।

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