सालों बाद पराश्रितों को नसीब होगा अपनों का आश्रय
जिला प्रशासन की संवेदनशील पहल की बदौलत आकार लेगा जिन्दगी भर का सुकून
जोधपुर,कहाँ तो तय था पूरी जिन्दगी नारी निकेतन में गुजारते हुए टीस के साथ जीना और अपने कुल-कुटुम्ब से दूर रहकर जैसे-तैसे उम्र के पड़ावों को पार कर देना। प्रशासन की पहल पर उनकी आस जगी और अपनों के बीच रहने की उम्मीदें परवान चढ़ती नज़र आयी। यह सब संभव हो पाया है जोधपुर जिला कलक्टर श्री हिमांशु गुप्ता की संवेदनशील पहल और विभाग के स्तर पर हुई त्वरित कार्यवाही की बदौलत।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग जोधपुर द्वारा संचालित नारी निकेतन जोधपुर में रह रही कुछ महिलाएं जब यहाँ लायी गयी तो उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि एक दिन फिर वे अपनों के बीच, अपने आसमान के नीचे जा पाएंगी व औरों की तरह पारिवारिक सुख-सुख के साथ जीने का आनंद ले पाएंगी लेकिन जिला कलेक्टर की संवेदनशीलता और समय-समय पर दिए गए निर्देशों की पालना में विभाग ने त्वरित कार्यवाही की जिसके फलस्वरूप आज नारी निकेतन की 6 महिलाओं सहित 2 बच्चों का पुनर्वास संभव होने की उम्मीद जगी है।
हुआ यूं कि जोधपुर के नारी निकेतन में 2014, 2017, 2018, 2019 एवं 2021 से ये महिलाएं रह रही थी। इनमें से 2 महिलाएं मूक-बधिर एवं 3 मानसिक रोगी थी। उनकी इन विषम परिस्थितियों के कारण विभाग द्वारा उनके पुनर्वास सम्बन्धी कार्यवाही करने में कठिनाइयां आ रही थी।
लम्बे समय से निकेतन में रह रही इन महिलाओं के पुनर्वास की प्रक्रिया के लिए दिसंबर 2021 में संस्था में शिविर लगाकर सभी महिलाओं के आधार कार्ड बनवाए गए, जिसमें कुछ महिलाओं के आधार कार्ड डुप्लीकेट होने की जानकारी सामने आयी। इस पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उप निदेशक अनिल व्यास ने जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता से हुई चर्चा के आधार पर जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित नारी निकेतन समिति की बैठक आयोजित कर इसमें यह प्रकरण प्रस्तुत किया गया।
बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार इन आवासनियों के पुनर्वास के लिए जिला कलेक्टर द्वारा भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण, दिल्ली के क्षेत्रीय प्रबंधक को पत्र प्रेषित कर आवश्यक कार्रवाई करने के लिए निवेदन किया गया। इस पर तुरंत व सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए प्राधिकरण के निर्देशन में इन महिलाओं के आधार कार्ड प्राप्त किए। इन आधार कार्ड में महिलाओं के निवास स्थान एवं उनके संरक्षक का विवरण उल्लेखित है, इस कारण इनका पुनर्वास संभव हो सकेगा। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उप निदेशक ने बताया कि टीम जोधपुर द्वारा किए गये इन संवेदनशील प्रयासों के कारण लंबे समय से संस्था में निवासरत इन 6 महिलाओं के निवास स्थान तलाश किए गए हैं। उन्होंने बताया कि ये महिलाएँ 2014 ,2017, 2018, 2019, 2021 से संस्था में आयी थी।
उप निदेशक ने बताया कि इन 6 महिलाओं में से एक महिला की बेटी बालिका गृह में एवं बेटा किशोर गृह में निवासरत है। विभाग के इस प्रयास से महिला के साथ साथ अब उसके दो बच्चों का भी पुनर्वास संभव हो पायेगा। उन्होंने बताया कि पिछले 8 माह के लगातार एवं अथक प्रयासों से इन अज्ञात लापता महिलाओं के पुनर्वास के लिए निवास स्थान का विवरण प्राप्त कर अत्यंत हर्ष व संतोष की अनुभूति हो रही है।
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