नेपाली नौकरों की मदद करने वाला एक रिश्तेदार गिरफ्तार
- हैण्डीक्राफ्ट व्यापारी के घर चोरी का प्रकरण
- आरोपी की निशानदेही पर लेपटॉप और अन्य सामग्री बरामद
जोधपुर,शहर के एयरपोर्ट थाना क्षेत्र में गोल्फ कोर्स एरिया में हैण्डीक्राफ्ट व्यवसायी अशोक चोपड़ा के घर में रविवार की अलसुबह नेपाली नौकरों द्वारा की गई करोड़ों की चोरी में मुख्य अभियुक्तों का सुराग मंगलवार भी हाथ नही लगा। संभावना है कि वे नेपाल बार्डर पार कर गए हैं। हालांकि पुलिस का सर्च अभियान जारी है। इधर पुलिस ने कुचामन से नेपाली नौकरों के एक सहयोगी रिश्तेदार नेपाल के अतरिया हाल कुचामन नागौर में बाबा रामदेव गैस गोदाम के पास में रहने वाले मंजिल नेपाली पुत्र अमरसिंह जगू को गिरफ्तार किया है। भागते वक्त नेपालियों ने इसी व्यक्ति के घर में शरण ली और चोरी का माल छुपाया था।
एयरपोर्ट थानाधिकारी भारत रावत ने बताया कि पकड़े गए सहयोगी मंजिल नेपाली के घर से पुलिस ने जेवर, लेपटॉप,मोबाइल और डीवीआर को जब्त किया है। पुलिस वारदात में शरीक मुख्य अभियुक्तों तक अभी तक पकड़ नहीं बना पाई है।
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उल्लेखनीय है कि शहर के एयरपोर्ट थाना क्षेत्र में एक हैण्डीक्राफ्ट व्यापारी परिवार को नेपाली नौकरों ने अपने सोची समझी साजिश के तहत लूट का शिकार बनाया। रविवार सुबह घटना की जानकारी हुई। मामला गोल्फ कोर्स इलाके में रहने वाले बिजनेसमैन अशोक चोपड़ा के परिवार का निकला। रविवार की सुुबह छोटी बेटी अंकिता ने वारदात की सूचना अपने पिता के बिजनेस पार्टनर केके विश्नोई को दी। उन्होंने एयरफोर्स थाना पुलिस को फोन किया,तब मामले का खुलासा हुआ।
बताया गया गया कि नौकरों ने चोपड़ा और लवीना को पहले नींद की गोलियां दीं। इसके बाद 2 ड्राइवरों को खाने में नींद की गोलियां मिलाकर दे दी। चोपड़ा की माता और सात साल के दोहिते को बदमाशों ने बेहोश नहीं किया। इसमें महिला नौकर भी साजिश में शामिल होने की पूरी आशंका बनी है। इसमें परिवार के चार लोगों को बेहोश करने के बाद नौकर घर में रखी ज्वेलरी और कैश लेकर फरार हो गए। चोर जाते वक्त अशोक चोपड़ा की कार भी अपने साथ ले गए।
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चारों नौकर नेपाली हैं। इनमें एक महिला नौकर लक्ष्मी भी है जो यहां 4 साल से काम कर रही थी। लक्ष्मी को अशोक चोपड़ा ने अपनी मां की देखभाल के लिए रखा था। बाकी नौकरों को 2 महीने पहले ही काम पर रखा था। नौकरों ने रिमोट से बाहर के गेट बंद कर दिए थे। आरोपी पुलिस के रडार में आ गए हैं। कार नागौर के कुचामन में मिली थी। घर में व्यापारी की बुजुर्ग मां और एक छोटा बच्चा भी था, जिन्हें नशीला खाना नहीं दिया गया था। बच्चा बिजनेसमैन की बड़ी बेटी अंकिता का है जो जैसलमेर घूमने गई हुई थी।
नौकरानी को सब था पता
नौकरानी लक्ष्मी जानती थी कि कौनसा गेट कहां से और कैसे खुलेगा। इतना ही नहीं वह ये भी जानती थी कि तिजोरी कहां रखी है और गाडिय़ों की चाबी कहां है। ऐसे में लक्ष्मी और अन्य नौकरों ने आसानी से वारदात को अंजाम दिया और फरार हो गए। आरोपी नौकर घरवालों को बेहोश कर हीरे,ज्वेलरी,कैश ले गए। दोनों ड्राइवर अपने बेसमेंट ही सो रहे थे। बाकी घरवाले अंदर थे। सुबह ड्राइवर भी अर्ध बेहोशी हालत में मिले थे।
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