जिस पार्टी की खुद की गारंटी नहीं, वह लोगों को क्या गारंटी देगी- शेखावत

  • भाजपा में शामिल हुए नागौर के नेता
  • केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री ने कराया शामिल
  • सरकार अवैध रूप से वसूली रही थी बिजली दरें,हाईर्काट ने ठहराया गलत

जयपुर,जिस पार्टी की खुद की गारंटी नहीं, वह लोगों को क्या गारंटी देगी- शेखावत। केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने शुक्रवार को नागौर के कुछ नेताओं को भाजपा में शामिल कराया। उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस पार्टी पर हमलावर होते हुए कहा कि जिस व्यक्ति और पार्टी की खुद की गारंटी नहीं है वे जनता को गारंटी क्या देंगे? अब यह सरकार खुद जाने वाली है। जनता इनकी गारंटियों के झांसे में नहीं आने वाली। भाजपा के जयपुर स्थित मीडिया सेंटर पर केन्द्रीय मंत्री शेखावत ने राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के नेता मनीराम काला,भाजपा से कांग्रेस में जाकर फिर से आने वाले भागीरथ राम और बद्रीराम का भाजपा में आगमन पर स्वागत किया। इसके बाद पत्रकारों से बातचीत में शेखावत ने हाईकोर्ट के गुरुवार के एक फैसले का जिक्र किया,जिसमें बिजली बिल पर सरचार्ज के नाम पर वसूले जा रही अतिरिक्त राशि को अवैध ठहराया और उसे फिर से उपभोक्ताओं के खातों में समायोजित करने का आदेश दिया।उन्होंने कहा कि देश में सबसे ज्यादा महंगी बिजली राजस्थान में है। राजस्थान सरकार महंगी बिजली के माध्यम से राजस्थान के एक करोड़ उनचालीस लाख उपभोक्ताओं को लूटने का काम कर रही है। 2018 में जब कांग्रेस की सरकार बनी थी,उस समय राजस्थान में बिजली की कीमत 5.55 रुपए प्रति यूनिट थी,जो आज बढ़ते बढ़ते 11.90 पैसे प्रति यूनिट बिजली हो गई। कोर्ट के इस फैसले से स्पष्ट हो जाता है कि इनका चुनाव के समय रंग दूसरा होता है और चुनाव के बाद सरकार अपना रंग भूल कर भ्रष्टाचार को अपना लेती है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए जनता के साथ निरंतर धोखा करते हैं। राजस्थान में इस सरकार ने नौ बार बिजली की दरें बढ़ाई।केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि हाईकोर्ट ने जो फैसला दिया,उसके आलोक में मैं कहना चाहूंगा कि बारां के कवाई में 2018 में एक थर्मल बेस पॉवर प्लांट लगाना था। इसके लिए अडानी, राजस्थान सरकार और डिस्कॉम्स के बीच समझौता हुआ था। उस एमओयू के अनुरूप राजस्थान सरकार को बिजली विनिर्माता कंपनी को एक कोल ब्लॉक कराकर देना था लेकिन दुर्भाग्य से राजस्थान सरकार बदलने के बाद ये कोल ब्लॉक आवंटित नहीं करा पाए। इस कारण उस कंपनी को महंगी दर पर इंडोनेशिया से कोयला खरीदना पड़ रहा है। कंपनी ने अपनी बढ़ी लागत का पैसा डिस्कॉम कंपनी को देने को कहा लेकिन सरकार वह अतिक्ति पैसा दे नहीं सकी। सरकार कोर्ट में गई,लेकिन कोर्ट में भी कंपनी के पक्ष में फैसला आया। इस कारण सरकार पर ब्याज बढ़ता गया।उन्होंने ने कहा कि राजस्थान सरकार की गलत नीतियों के कारण डिस्कॉम कंपनियों का घाटा बढ़ता चला गया। ब्याज बढ़ने के कारण इस घाटे की भरपाई के लिए डिस्कॉम कंपनियां कीमतें बढ़ाकर उपभोक्ताओं से वसूल कर रही हैं। हाईकोर्ट ने इस वसूली को अवैध बताया है और अतिरिक्त वसूली को वापस उपभोक्ताओं के खातों मे समायोजित करने के आदेश भी दिए हैं। हाईकोर्ट के फैसले से सरकार का फैसला बेनकाब हुआ है।

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कुर्सी जाने के डर से दे रहे बेतुके बयान
शेखावत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर तंज कसते हुए कहा कि अब कुर्सी जाने के डर से वे बेतुके बयान दे रहे हैं। सत्ता से बाहर जाने का अहसास और जो कुर्सी उनको नहीं छोड़ती उसके छूटने का डर उन्हें सता रहा है। इसलिए उनकी बौखलाहट बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा कि एक ऐसा व्यक्ति जिसकी खुद की गारंटी जब्त हो गई हो वह व्यक्ति या पार्टी गारंटी दे तो उस पर जनता विश्वास नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि ऋण माफ नहीं होने से किसान और बेरोजगार भत्ता नहीं मिलने से युवा दु:खी है। पेपर लीक और भ्रष्टाचार से भी युवा दु:खी हैं। अब वे लोग इस सरकार की गारंटी के झांसे में नहीं आएंगे।

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