Rapid development of armor system on Indian Railways

भारतीय रेलवे पर कवच प्रणाली का तेजी से हो रहा विकास

2030 तक की कवच कार्य योजना सुनिश्चित

जोधपुर,भारतीय रेलवे पर कवच प्रणाली का तेजी से हो रहा विकास।
भारतीय रेलवे द्वारा एक ही पटरी पर दो ट्रेनों की टक्कर पर नियंत्रण के लिए आगामी चार वर्षों में देश की सभी ट्रेनों में कवच प्रणाली लगा दी जाएगी।

इसके लिए न केवल दस हजार किमी रेल रुट पर कवच लगाने की तैयारी सुनश्चित कर ली गई है बल्कि शेष रेल रूट,लोकोमोटिव एवं आठ हजार स्टेशनों के लिए भी निविदा प्रक्रिया पूरी की जा रही है।

भारतीय रेलवे पर संरक्षित रेल संचालन के लिए सिगनल प्रणाली को मजबूत बनाने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। कलर लाइट सिगनल प्रणाली,इलैक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग,पैनल इंटरलॉकिंग, आटोमैटिक ब्लाक सिगनल प्रणाली जैसे अपग्रेडेशन के बाद अब अत्याधुनिक स्वदेशी प्रणाली से निर्मित कवच प्रणाली पर कार्य किया जा रहा है।

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फरवरी 2012 में काकोडकर समिति ने डिजिटल रेडियो आधारित सिगनलिंग प्रणाली स्थापित करने की अनुशंसा की और भारतीय रेलवे पर इस पर कार्य प्रारम्भ किया गया। इस प्रणाली को अपग्रेड कर टीसी एस के रूप में विकसित किया गया। टीसीएएस को अब “कवच“ के रूप में विकसित किया जा रहा है।

इस प्रणाली को वर्ष 2014-15 में दक्षिण मध्य रेलवे पर 250 किलोमीटर रेल मार्ग में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में स्थापित किया गया तथा 2015-16 में यात्री ट्रेनों पर पहला फील्ड परीक्षण किया गया। इसके उपरांत कवच को उन्नत बनाने के लिए विभिन्न कार्य किये गये तथा वर्ष 2017-18 में कवच के विशिष्ट वर्जन 3.2 को अंतिम रूप प्रदान किया गया तथा 2018-19 में प्रमाणीकरण के आधार पर आरडी एसओ द्वारा तीन विक्रेताओं को मंजूरी दी गई। कवच पर अपग्रेडेशन के कार्य को जुलाई 2020 “कवच“ को राष्ट्रीय एटीपी प्रणाली घोषित किया गया ।

कवच 4.0 को मिली मंजूरी:-

मार्च 2022 तक कवच प्रणाली का विस्तार करते हुए 1200 किलोमीटर पर स्थापित किया किया तथा इसके उपयोगिता को देखते हुये कवच वर्जन 4.0 के विकास के लिए कदम उठाया गया और 16 जलाई 2024 को आरडीएसओ द्वारा कवच 4.0 विनिर्देश को मंजूरी दी गई।

स्वदेशी तकनीक से निर्मित कवच प्रणाली 10 वर्ष की अल्प अवधि में विकसित की गई है।इसी वर्ष सितंबर 2024 में कोटा और सवाई माधोपुर के बीच 108 किलोमीटर रेलखण्ड में कवच 4.0 स्थापित कर और चालू किया गया है तथा अहमदाबाद- वडोदरा खंड के 84 किलोमीटर में परीक्षण शुरू किया गया है।

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लोको कवच और ट्रैक साइड का कार्य प्रगति पर:-

वर्तमान में लोको कवच और ट्रैक साइड कार्य प्रगति पर है तथा लोको कवच के लिए टेंडर कार्य प्रगति पर है। दिल्ली-चेन्नई और मुंबई-चेन्नई खंड व स्वचालित ब्लॉक खंड के कुल 9090 किलोमीटर व 5645 किलोमीटर अन्य खंडो के ट्रैक साइड कार्य के लिए टेंडर आमंत्रित की गई है जो कि नवम्बर माह में खुलेगी।

कवच प्रणाली के लिए यह है कार्य योजना:-

कवच प्रणाली को स्थापित करने के लिए 2030 तक के लिए कार्य योजना बनाई गई है।
मोटिव पावर यूनिट :सभी इकाइयों को कवर करना।

ट्रैक साइड कार्य:-

○ कुल स्वीकृत कार्यः 36,000 किलोमीटर
○ अंब्रेला कार्यो के अन्तर्गत स्वीकृत वर्ष 2024-25ः 30,000 किलोमीटर
○ कार्य किया गयाः 1,548 किलोमीटर
○ कार्य प्रगति पर : 3,000 किलोमीटर
○ टेंडर आमंत्रितः 14,735 मार्ग किलोमीटर
○ वर्ष 2025-26 में प्रस्तावित टेंडरः 17,000 किलोमीटर
○ वर्ष 2026-27, 2027-28 में प्रस्तावित टेंडरः 30,000 किलोमीटर।

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