Farmer Innovation Day Kharif 2024 organized at KAZRI

काजरी में किसान नवाचार दिवस खरीफ 2024 आयोजित

जोधपुर,काजरी में किसान नवाचार दिवस खरीफ 2024 आयोजित। आईसीएआर,काजरी,जोधपुर में उन्नत प्रोद्योगिकियों के प्रदर्शन के लिए किसान नवाचार दिवस-खरीफ 2024 आयोजित किया। काजरी के प्रभारी निदेशक एवं कार्यक्रम समन्वयक डॉ.एसपीएस तंवर ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में हो रहे नवाचारों को किसानों तक पहुँचाने के उद्धेश्य से किसानों को सीधे ही हरे भरे खेतों में अवलोकन करवाया।

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नवीन प्रोद्योगिकियों को अपनाने से खेती से उत्पादन और आय भी बढ़ेगी। डॉ तंवर ने कहा कि जीवन्त फसल प्रदर्शन कार्यक्रम से किसानों को बहुत लाभ हो रहा है। काजरी द्वारा विकसित मोठ की नई किस्में काजरी मोठ-4 एवं काजरी मोठ-5 इस इलाके में गेम चेंजर साबित होगी। किसान समन्वित कृषि प्रणाली अपनाकर अधिक रोजगार, आमदनी अर्जित कर पायेंगें।

पशुओं के चारे के लिए घास की नई किस्म काजरी-2178 से चारा की उपब्धता बढेगी। किसानों ने खेत में सीधे ही वैज्ञानिकों से संवाद किया। वैज्ञानिकों ने किसानों की शंकाओं, समस्याओं का समाधान किया। नोडल अधिकारी डॉ महेश कुमार ने बताया कि अनुसूचित जाति उपयोजना के अन्तर्गत संस्थान द्वारा अनुसूचित जाति जनजाति के किसानों के उत्थान एवं कृषि से आय अधिक व जीवन स्तर में सुधार के लिए विभिन्न गांवों में कार्य चल रहे है उन गांवों के किसानों को भी प्रोद्योगिकियों से रूबरू करवाया।

वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ आरके सोलंकी ने नाबार्ड द्वारा वित्त पोषित श्रीअन्न मॉडल न्यूट्री विलेज परियोजना के तहत बाजरा,कंगनी और चीना की उन्नत किस्मों और मिलट्स के विभिन्न उत्पादों पर जानकारी दी। विभागाध्यक्ष डॉ पी सान्तरा ने प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन,डॉ धीरज सिंह ने उद्यानिकी, डॉ आरके कांकाणी ने पौध संरक्षण एवं प्रजनन,डॉ एम.पाटीदार ने पशुपालन प्रबन्धन,डॉ.एचएल खुशवाहा ने सौर उर्जा,डॉ.बीएस राठौड़ ने तकनीकी हस्तांतारण, प्रधान वैज्ञानिक डॉ आरएन कुमावत ने नेपियर घास,डॉ अर्चना वर्मा ने कृषि वानिकी,डॉ.एके शर्मा ने जैविक खेती,डॉ.सुभाष कछवाहा ने पशु प्रबंधन के बारे में जानकारी दी।

प्रधान वैज्ञानिक डॉ एचआर महला ने बताया कि फसल वाटिका में मूंग, मोठ,ग्वार,बाजरा प्रत्येक की 20 किस्में लगी हैं। उन्होंने किस्मों की विशेषताओं के बारे में बताया। मुख्य प्रशासकीय अधिकारी वरिष्ठ ग्रेड सुरेश कुमार एवं लेखा नियंत्रक सुनिता आर्य भी इस मौके पर उपस्थित थे। किसानों को समन्वित फसल वाटिका,कृषि वानिकी,बीज उत्पादन,प्राकृतिक राल व गोंद उत्पादक पादप उद्यान,फल उद्यानिकी,एकीकृत कृषि पद्धति, जैविक खेती,डेयरी,कृषि विज्ञान केन्द्र का भ्रमण करवाकर जानकारी दी गई। किसानों ने बाजरे के सिट्टों से लेकर मूंग,मोठ,ग्वार आदि की फलियों की उन्नत किस्में देखी।

फलोउद्यानिकी में अंजीर,अनार और बेर व खजूर की खेती ने किसानों को आकृषित किया। थार शोभा खेजड़ी से अधिक सांगरी लेने की किस्म का भी जीवन्त प्रर्दशन किया गया। इसमें महिला किसान,पशुपालकों के लिए थारपारकर नस्ल की गायें, मारवाड़ी नस्ल की भेड़,बकरी,उन्नत चरागाह के लिए घास की विभिन्न किस्में,नेपियर घास व सहजन वृक्षों, चारागाह हेतु उन्नत घासों,आदर्श जैविक फार्म,कुमट के पेड़ से गोंद उत्पादन,समन्वित कृषि प्रणाली फलोउद्यानिकी वैकलिपक चारा आदि की उपयोगी बताई गई। इसमें विभिन्न गाँवों के करीब 700 किसानों ने भाग लिया। किसानों ने आयोजन के लिए काजरी निदेशक एवं वैज्ञानिकों को धन्यवाद दिया।