लोकनृत्य की प्रस्तुति से दर्शक हुए अभिभूत

जोधपुर, देश के 14 राज्यों के 250 कलाकारों ने जब एकसाथ ग्रेंड फिनाले में नृत्य के ज़ोहर बता तो लोग अपनी जगहों पर खड़े हो झूमने लग गए। ये मौका था तीन दिवसीय आदिवासी लोक नृत्य समारोह की दूसरी सांझ का। जब अंत में एकसाथ सभी राज्यों के लोक कलाकार ग्रेंड फिनेले में नृत्य करते हैं तो लघु भारत की तस्वीर उभर कर आती है। विशेष बात यह थी कि हर प्रोग्राम के बीच में कोई अंतराल नहीं था और दर्शक बस सांस थामे प्रोग्राम देखते रहे।

लोकनृत्य की प्रस्तुति से दर्शक हुए अभिभूत

कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ का गौर मारिया, त्रिपुरा का होजागिरी,ओडिशा के गौर,एमपी का गुडुमबाजा,हिमाचल का नाटी, गुजरात का डांगी,राजस्थान का गरासिया,उत्तराखंड का जौनसारी, तेलंगाना का लम्बाड़ी,महाराष्ट्र का सोंगी,लद्दाख का फ्लावर,जे एन्ड के का गोजरी व सिक्किम का तमांग शैलो नृत्यों ने धूम मचा दी। आरम्भ में अतिथियों का अकादमी सचिव अनिल जैन व उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र पटियाला के सचिव जगजीत सिंह ने स्वागत किया। अकादमी एवं पटियाला केंद्र के प्रभारी अधिकारी रमेश कंदोई व राजेश बस्सी ने प्रबन्धन था। संचालन प्रमोद सिंघल व बिनाका जैश ने किया।

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