यह देश संविधान से चलेगा,न कि शरीयत से-देवनानी
देवनानी बोले जिन्हें हिजाब पहनना है वो स्कूल की जगह मदरसा जाएं
जोधपुर, पूर्व शिक्षा मंत्री,भाजपा जोधपुर संगठन प्रभारी विधायक वासुदेव देवनानी ने मुख्यमंत्री के गृहक्षेत्र जोधपुर प्रवास के दौरान दो टूक शब्दों में कहा है कि जिन लोगों को हिजाब पहनना है, वे स्कूलों की बजाय मदरसों में जाएं। यह देश संविधान से चलेगा, न कि शरीयत से। संविधान के अनुसार स्कूल, काॅलेज और ऑफिसों में जो ड्रेस कोड लागू हो, वही पहनना होगा। हिजाब को लेकर देशभर में जो अराजकता का वातावरण पैदा किया जा रहा है, वह राष्ट्रविरोधी कृत्य है।
देवनानी ने शनिवार को जोधपुर प्रवास के दौरान कहा कि अल्पसंख्यकों द्वारा कर्नाटक में जिस तरह हिजाब पर एक स्कूल से लेकर देशव्यापी वातावरण बनाया जा रहा है व धरने-प्रदर्शन किए जा रहे हैं,वह सरासर विभाजनकारी व राष्ट्रविरोधी कृत्य है। आजादी के पहले भी ऐसे ही कुछ तत्वों ने इस तरह का प्रयास किया था, जिससे देश का विभाजन हुआ। कर्नाटक से शुरू हुई ये लपटे में अब पूरे देश में फेल रही है। आज वही तत्व, जिनमें मुख्य रूप से इस्लामिक संगठन पीएफआई है, के नेतृत्व में मोदी विरोधी और राष्ट्रविरोधी आंदोलन किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पीएफआई को कोटा में रैली करने की इजाजत देकर हिजाब का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थानों के कैम्पस उत्कृष्ट शिक्षा के माध्यम बनें,न कि एक खास पहचान वाले अलगाववादी वेशभूषा के। यह बहुत ही दुःखद और दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस के विधायक भी हिजाब का समर्थन कर रहे हैं।
देवनानी ने कहा कि मुस्लिम बच्चियों को समान रूप से शिक्षा दी जाए, इसके लिए उनके हाथों में किताबें दिया जाना बहुत जरूरी है।
किसी भी शिक्षण संस्थान में शरीयत लागू नहीं हो, क्योंकि भारत में संविधान के अनुसार काम होगा। घर-बाजार में कुछ भी पहना जा सकता है, लेकिन स्कूल, काॅलेज और आॅफिसों में तो ड्रेस कोड ही लागू होगा। उन्होंने कहा कि हिजाब को लेकर इस प्रकार अशांति फैलाना सामाजिक सौहार्द को खत्म करना है। यह बहुत ही निंदनीय और राष्ट्रविरोधी है, जिसकी जितनी निंदा की जाए, कम है।
देवनानी ने अल्पसंख्यकों से अपील की कि वे सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वाले और राष्ट्रविरोधी तत्वों से सावधान रहें। राष्ट्र के साथ कदम से कदम मिलाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्र को आगे बढ़ाने के जो कार्य हो रहे हैं, उनको समर्थन दें।
इसी प्रकार रिट के मामले में उन्होंने कहा कि रिट परीक्षा घोटाले में दोषियों को निलम्बित कर दिया गया है परन्तु एसओजी द्वारा निलम्बित बोर्ड के अध्यक्ष डीपी जारौली से अब तक न तो पूछताछ की गई है और न ही उनकी गिरफ्तारी की गई है। मुख्यमंत्री गहलोत इन दोषियों को राजनैतिक संरक्षण किस कारण से दे रहे हैं? बेरोजगारों को क्यों ठगा जा रहा है वे जनता को बताएं।
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