विवेकानंद जयंती पर अखिल भारतीय कायस्थ महासभा संभाग उदयपुर का कार्यक्रम
उदयपुर, युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत स्वामी विवेकानंद ने अपने गुरु रामकृष्ण परमहंस के मिशन को देश विदेश में स्थापित करवाया। शिकागो में उनका भाषण आज तक के श्रेष्ठ भाषणों में सर्वश्रेष्ठ रहा है, जिसने विश्व स्तर पर भारत की पहचान स्थापित की। स्वामी विवेकानंद के स्मरण मात्र से युवा शक्ति को ऊर्जा प्रदान होती है। उक्त विचार इतिहासकार प्रोफेसर गिरीश नाथ माथुर ने व्यक्त किए। वे स्वामी विवेकानंद जयंती पर अखिल भारतीय कायस्थ महासभा संभाग उदयपुर व जिला शाखा,उदयपुर द्वारा सेक्टर तीन स्थित विवेकानंद पार्क में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि उद्बोधन दे रहे थे। इस अवसर पर जोधपुर के प्रसिद्ध शिक्षाविद विद्यासागर राय की पत्नी स्वर्गीय अनुसूया राय की स्मृति में प्रकाशित “अनसूया भजन गंगा” पुस्तक का विमोचन भी किया गया। इस पुस्तक में अनुसूया द्वारा संकलित 268 भजन हैं। प्रोफेसर माथुर ने कहा कि यह पुस्तक निश्चित रूप से समाज को अध्यात्म की राह पर ले जाने में सार्थक सिद्ध होगी। महासभा के राष्ट्रीय सचिव गौरी शंकर भटनागर ने स्वामी विवेकानंद के जीवन आदर्शों को प्रेरणास्पद बताया। महासभा के संभाग अध्यक्ष डॉ. मनोज भटनागर ने युवा दिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए स्वामी विवेकानंद के योगदान का स्मरण कराया। वरिष्ठ उपाध्यक्ष सतीश भटनागर ने स्वामी विवेकानंद के जीवन परिचय विषयक पत्र का वाचन किया। इस अवसर पर शिरीष नाथ माथुर,कुणाल श्रीवास्तव, अनुराधा माथुर, मनोज चौहान, आरपी सक्सेना, गुलाब सिंह सक्सेना,मनोहर लाल माथुर,डॉ एसके भटनागर, विष्णु भटनागर, मनोहर नारायण भटनागर आदि ने स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। संचालन डॉ. मनोज भटनागर ने किया।