जोधपुर, नवजात शिशुओं के इलाज को उपलब्ध सुविधाओं के मामले में जोधपुर के मेडिकल कॉलेज को प्रदेश में सबसे अव्वल माना गया है। स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट (एसएनयूआई) को लेकर राज्य सरकार ने यह सर्वे करवाया था। इसमें जोधपुर के मेडिकल कॉलेज ने बाजी मारी है।

बीकानेर का मेडिकल कॉलेज दूसरे व अजमेर का जनाना अस्पताल तीसरे स्थान पर रहा। कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए राज्य सरकार की तरफ से हाल ही प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों व अस्पतालों में बच्चों के इलाज के लिए उपलब्ध सुविधाओं का एक सर्वे करवा कर रैंकिंग तैयार की गई।

सर्वे के दौरान 14 मापदंडों की समीक्षा की गई। इन 14 मापदंड में सर्वाइवल रेट, संक्रमण, मृत्यु दर, रैफर्ड, लामा, तीन दिन से कम ठहरना, कंगारू मदर केयर, कम वजनी बच्चों का वजन बढऩा, एंटीबायोटिक यूजेज, बैड एक्यूपेंसी, ट्रेकिंग आदि के रिकॉर्ड की जांच की गई।


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सरकार की ओर से निर्धारित 14 मापदंडों पर रैकिंग जारी करने का उद्देश्य एसएनसीयू में सुधार करना है ताकि बच्चे स्वस्थ रहें। विशेष फोकस बच्चों में तीसरी लहर को देखते हुए है जिससे खामियों का सुधारा जा सके।
वर्तमान में जोधपुर के डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज के शिशु रोग विभाग में 7 सीनियर प्रोफेसर, 4 एसोसिएट व 10 असिसटेंट प्रोफेसर कार्यरत है।

यहां सिर्फ तीन पद खाली है। एमडीएम व उम्मेद अस्पताल में अलग से माृत शिशु विंग बनी हुई है। एमडीएम अस्पताल में बच्चों के लिए 100 सामान्य व 20 पीआईसीयू बेड उपलब्ध है। इसके साथ ही 60 बेड का एनआईसीयू भी तैयार हो रहा है।


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उम्मेद अस्पताल में 300 सामान्य, 35 पीआईसीयू व 70 बेड एनआईसीयू है। तीस बेड का नया एनआईसीयू भी तैयार हो रहा है। उपलब्ध सुविधाओं के साथ ही रैंकिंग में परखे गए 14 मापदंडों में जोधपुर खरा उतरा। जोधपुर को इस रैंकिंग में 100 में से सबसे अधिक 75 अंक मिले।

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