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  • बदमाश युवक मुंबई जेल से जनवरी में जमानत पर छूटा था
  • पीडि़त डॉक्टर पहुंचा कमिश्रर ऑफिस

जोधपुर, शहर के निकट बनाड़ रोड स्थित एक निजी अस्पताल के संचालक डॉक्टर को शातिर ने उनके पुत्र को डॉक्टर बनाने के लिए साउथ में एडमिशन दिलाने के नाम पर 50 लाख रूपए ऐंठ लिए। पहले 25 लाख के दो चेक दिए गए फिर 25 लाख की नगदी दी गई थी। घटना 2014 से लेकर 2015 के बीच हुई। मगर सात साल बाद भी ना तो उनका पुत्र डॉक्टर बन पाया और ना ही बदमाश रकम लौटा रहा। बदमाश ने पूर्व में रकम अदायगी के लिए चेक दिया था। जिसका भी विवाद कोर्ट में चल रहा है। पीडि़त अस्पताल संचालक डॉक्टर ने पुलिस आयुक्त कार्यालय पहुंच अपनी व्यथा सुनाई तब बनाड़ पुलिस ने धोखाधड़ी में केस दर्ज कर लिया। अब इसमें अनुसंधान आरंभ किया गया है। बदमाश युवक के पिता भी नामी डॉक्टर और मां एक निजी स्कूल की अध्यापिका है।

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बनाड़ थानाधिकारी सीताराम खोजा ने बताया कि बनाड़ रोड स्थित निजी अस्पताल के संचालक डॉक्टर पृथ्वीसिंह की तरफ से धोखाधड़ी में केस दर्ज करवाया गया है। इनका आरोप है कि उनकी पहचान पूर्व में जालोरी गेट के अंदर रहने वाले निखिल निरंजन छंगाणी से हुई थी। उनका पुत्र भरत पाल रोड स्थित एक निजी स्कूल में पढ़ता था और निखिल भी उसके साथ था। उसके पिता डॉक्टर और मां भी निजी स्कू ल में अध्यापिका थी। वर्ष 2014 में निखिल ने डॉक्टर पृथ्वीसिंह को उनके बेटे भरत को साउथ से डॉक्टरी की डिग्री करवाने को कहा था। तब बदले में 50 लाख रूपए मांगे थे। इस पर डॉक्टर पृथ्वीसिंह उसके बहकावे में आ गए और वर्ष 2014 में उसे 25 लाख रूपए चेक  के जरिए दिए। इसमें कई तरह की प्रोसेसिंग फीस का हवाला दिया गया। बाद में वर्ष 2015 में आरोपी ने डॉक्टर से 25 लाख रूपए नगद लिए थे। मगर इन छह- सात सालों में उनका पुत्र ना तो डॉक्टर बन पाया और ना ही आरोपी ने रकम को लौटाया। थानाधिकारी खोजा ने बताया कि निखिल निरंजन छंगाणी ने कुछ और लोगों से भी ऐसे ही रकम ली थी। किसी किसी का एडमिशन हो गया होगा। तब डॉक्टर उनके झांसे में आ गए। उसके खिलाफ मुंबई में भी इसी प्रकार केस हो रखा है और वह इस साल जनवरी में ही जेल से जमानत पर रिहा हुआ था। पीड़ित डॉक्टर पृथ्वीसिंह को आरोपी ने एक चेक भी दिया था, मगर इसका भी वाद कोर्ट में चला आ रहा है। घटना को लेकर अब बनाड़ पुलिस अनुसंधान में जुटी है।