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  • शेखावत की सूर्यनगरी को एक और बड़ी सौगात
  • केंद्रीय मंत्री के प्रयासों से 37 एकड़ भूमि का एयरपोर्ट ऑथोरिटी को हस्तांतरण
  • दिन-रात की विमान सेवा हो सकेगी शुरू
  • एक साथ आ जा सकेंगे 1200 यात्री
  • शीघ्र होगा टर्मिनल बिल्डिंग के निर्माण की टेंडर प्रकिया प्रारंभ

जोधपुर, सूर्यनगरी को स्थानीय सांसद व केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के प्रयासों से एक और बड़ी सौगात मिली है। रक्षा विभाग ने बड़े समय से लंबित 37 एकड़ भूमि का हस्तांतरण एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया को कर दिया है, जिससे जोधपुर एयरपोर्ट का विकास और विस्तार होगा।

 

The path of expansion of civil airport has become easier

केंद्रीय मंत्री शेखावत ने बताया कि एयरपोर्ट ऑथोरिटी को भारतीय वायुसेना, रक्षा संपदा अधिकारी, एमईएस और राजस्व विभाग के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में भूमि का हस्तांतरण किया गया। वर्तमान में स्थित एयरपोर्ट बिल्डिंग के एक तरफ 8.48 एकड़ और दूसरी तरफ 28.52 एकड़ रक्षा भूमि दी गई है। शेखावत ने इस अवसर पर पूर्व रक्षा मंत्री स्वर्गीय मनोहर पर्रिकर को  याद किया और विशेष धन्यवाद दिया ।

पर्रिकर ने ही सबसे पहले इस कार्य के लिए मौखिक स्वीकृति प्रदान की थी जिसके बाद एयरपोर्ट के विस्तार के लिए भूमि का हस्तांतरण नहीं होने के बाद भी टेक्सी वे और एप्रिन के निर्माण के लिए मंजूरी दी जिसके चलते 2 साल के विलंब को टालकर समय का सदुपयोग किया और इसका निर्माण हो पाया। अब इसी तर्ज पर जब तक रक्षा संपदा अपनी भूमि पर शेष बचे कार्य को पूरा करती है तब तक टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी ताकि टर्मिनल के निर्माण में किसी प्रकार की देरी न हो और जल्द से जल्द जोधपुरवासी इस सुविधा का लाभ उठा पाएंगे।

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केंद्रीय मंत्री ने बताया कि विस्तार के बाद सिविल एयरपोर्ट जोधपुर में एक समय में 9-12 विमान समायोजित हो सकेंगे, जिससे एक साथ लगभग 1200 आने-जाने वाले यात्रा कर सकेंगे। विविध एयरलाइंस अपनी सेवाएं जोधपुर के लिए प्रदान कर सकेंगी, जिससे सूर्यनगरी से विभिन्न शहरों की यात्रा (डायरेक्ट फ्लाइट) सुलभ हो सकेगी और दिन-रात की विमान सेवा उपलब्ध हो सकेगी।

शेखावत के अनुसार नए एयरपोर्ट विस्तार से यात्रियों को दो एरोब्रिज की सुविधा भी उपलब्ध होगी। एरोब्रिज की सुविधा मिलने से यात्री एयरपोर्ट बिल्डिंग से सीधा विमान में जा सकेंगे। वर्तमान में यात्री पैदल चलकर ही विमान तक जाते हैं। नए एयरपोर्ट भवन में मल्टीलेवल कार पार्किंग की सुविधा भी होगी। एयरपोर्ट ऑथोरिटी द्वारा टैक्सी-वे का निर्माण किया जा चुका है। जिसमें रक्षा संपदा विभाग ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसके लिए शेखावत ने पूर्व रक्षा मंत्री स्वर्गीय मनोहर पर्रिकर का आभार व्यक्त किया जिनकी मौखिक स्वीकृति ने इस कार्य को आगे बढ़ाने का काम किया।

उन्होंने बताया कि जोधपुर नगर निगम की 69 एकड़ भूमि का मूल्य 93.77 करोड़ रुपए राजस्थान सरकार द्वारा स्वीकृत किया था। तत्पश्चात यह रक्षा मंत्रालय की स्वीकृति और भुगतान के लिए लंबित है। उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को इस संबंध में पत्र लिखकर शीघ्र प्रकरण का निपटारा करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी से ग्रस्त शहर की नगर निगम को 93.77 करोड़ का भुगतान होने से उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी हो जाएगी। संवेदकों और निगम कर्मचारियों का लंबित भुगतान होने से वे भी नए उत्साह से कार्य करेंगें। निगम कोरोना से संबंधित सफाई, जागरुकता और अन्य योजनाओं पर भी काम कर पाएगा।

यूं परवान चढ़ी योजना

वर्ष 2017 में भारतीय विमानन प्राधिकरण,भारतीय वायुसेना,रक्षा संपदा अधिकारी,जोधपुर नगर निगम  और राजस्थान सरकार द्वारा एमओयू हस्ताक्षरित हुआ था। इसमें भूमि के हस्तांतरण और खरीद के संबंध में आपसी सहमति बनी थी।

एमओयू हस्ताक्षरित होने के पश्चात वर्ष 2018 में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री रहे शेखावत द्वारा नई दिल्ली साउथ ब्लॉक में मीटिंग रखवाई गई, जिसमें रक्षा संपदा अधिकारी,जोधपुर वायुसेना अधिकारी,एयरपोर्ट ऑथोरिटी के अधिकारी, नगर निगम जोधपुर के प्रतिनिधि आदि मौजूद थे। मीटिंग में एयरपोर्ट विस्तार में आ रही अड़चनों को दूर कर दिया गया था, जिससे इस कार्य को प्रगति प्राप्त हुई।

इस एमओयू के मुताबिक रक्षा मंत्रालय की 37 एकड़ रक्षा भूमि एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया को दी जानी थी, जिसके बदले जोधपुर नगर निगम द्वारा 37 एकड़ भूमि रक्षा मंत्रालय को दी जानी थी और इसके अतिरिक्त जोधपुर नगर निगम की 69 एकड़ भूमि को रक्षा मंत्रालय द्वारा भुगतान करके खरीदा जाना था। इसी क्रम में यह हस्तांतरण किया गया है। अब नए एयरपोर्ट भवन का निर्माण कार्य इस 37 एकड़ पर आरंभ होगा। जोधपुर नगर निगम की 37 एकड़ भूमि पहले ही रक्षा मंत्रालय को दी जा चुकी है। इसके साथ ही जोधपुर वासियों के दशकों पुराना सपना अब साकार होने वाला है।

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