आईआईटी और एनएलयू मिलकर देश का पहला संयुक्त विधि एवं प्रौद्योगिकी केंद्र स्थापित करेंगे
जोधपुर(दूरदृष्टीन्यूज),आईआईटी और एनएलयू मिलकर देश का पहला संयुक्त विधि एवं प्रौद्योगिकी केंद्र स्थापित करेंगे। भारत में विधि और उभरती प्रौद्योगिकियों के बीच सेतु निर्माण के प्रयासों को एक नई दिशा देने के लिए,भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जोधपुर (IIT जोधपुर) और राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय जोधपुर (NLU जोधपुर) ने एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते के तहत देश का पहला संयुक्त विधि एवं प्रौद्योगिकी केंद्र (Joint Centre for Law and Technology) स्थापित किया जाएगा।
यह समझौता 12 नवम्बर 2025 को आईआईटी जोधपुर के निदेशक प्रो. (डॉ.)अविनाश कुमार अग्रवाल और एनएलयू जोधपुर की कुलपति प्रो. (डॉ) हरप्रीत कौर द्वारा हस्ताक्षरित किया गया। यह सहयोग कानून और प्रौद्योगिकी के बीच विकसित होते संबंधों पर अंतरविषयक शिक्षा, अनुसंधान और नीति संवाद के लिए एक अग्रणी मंच का कार्य करेगा।
यह साझेदारी एक रूपांतरकारी कदम है,जो आईआईटी जोधपुर की तकनीकी विशेषज्ञता और एनएलयू जोधपुर के विधिक ज्ञान को एकजुट करती है। दोनों संस्थान मिलकर ऐसे समकालीन विषयों पर कार्य करेंगे जैसे न्याय प्रणाली में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), साइबर सुरक्षा,डेटा संरक्षण,फिनटेक और मेडटेक विनियमन व उभरती प्रौद्योगिकियों के नैतिक शासन (Ethical Governance)।
IITJ-NLUJ संयुक्त विधि एवं प्रौद्योगिकी केंद्र भारत का पहला स्थायी,सह-शासित शैक्षणिक केंद्र होगा,जिसे किसी विधिविश्वविद्यालय और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान द्वारा संयुक्त रूप से संचालित किया जाएगा। यह केंद्र संयुक्त मास्टर्स, संयुक्त पीएचडी और कार्यकारी शिक्षा (Executive Education) जैसे कार्यक्रम आरंभ करेगा, जो उच्च शिक्षा में बहुविषयक सहयोग का एक आदर्श मॉडल प्रस्तुत करेगा।
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नवाचार आधारित शिक्षा और अनुसंधान
संयुक्त केंद्र,विधि,नीति और प्रौद्योगिकी के संगम पर कार्यरत अगली पीढ़ी के पेशेवरों के लिए नवोन्मेषी पाठ्यक्रम और कार्यक्रम तैयार करेगा। इनमें संयुक्त एकीकृत मास्टर और पीएचडी कार्यक्रम, संयुक्त पीएचडी कार्यक्रम,संयुक्त मास्टर कार्यक्रम तथा कार्यरत पेशेवरों के लिए अल्पकालिक डिप्लोमा और प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम शामिल होंगे।
इसके अतिरिक्त,केंद्र में संयुक्त अनुसंधान परियोजनाएँ,नीति संवाद, शैक्षणिक आदान-प्रदान तथा प्रयोगशालाओं,पुस्तकालयों और डिजिटल संसाधनों का साझा उपयोग भी किया जाएगा। अध्ययन के प्रमुख विषय होंगे- भारतीय न्यायालयों में एआई की नैतिकता, डिजिटल शासन,डेटा गोपनीयता, और नवाचार के विधिक आयाम।
नेतृत्व के विचार
समझौते के अवसर पर आईआईटी जोधपुर के निदेशक प्रो.(डॉ) अविनाश कुमार अग्रवाल ने कहा कि नवाचार हमेशा समान सोच रखने वाले लोगों के मिलने से नहीं,बल्कि भिन्न विचार रखने वाले लोगों के एक साथ आने से होता है। यही हम आईआईटी जोधपुर में कर रहे हैं। कानून और प्रौद्योगिकी के बीच संवाद स्थापित कर रहे हैं। हमारा उद्देश्य है तकनीक के माध्यम से विधिक चुनौतियों का समाधान करना,लोगों तक न्याय पहुँचाना, और जिम्मेदार नवाचार के माध्यम से भारत की विधिक व्यवस्था को नया रूप देना।
एनएलयू जोधपुर की कुलपति प्रो. (डॉ) हरप्रीत कौर ने कहा कि
हमने इस सहयोग की दिशा में ठोस कदम उठाने प्रारंभ कर दिए हैं। एनएलयू जोधपुर को विधिक पारिस्थितिकी तंत्र में तकनीकी पहल का नेतृत्व करना चाहिए। उद्योग, व्यवसाय,शिक्षा और नीति निर्माण इन सभी क्षेत्रों में यह साझेदारी प्रभावशाली योगदान देगी। हमें विश्वास है कि इस सहयोग से ठोस और दीर्घकालिक परिणाम सामने आएंगे।
मुख्य केंद्र बिंदु
आईआईटी जोधपुर-एनएलयू जोधपुर संयुक्त केंद्र इन प्रमुख क्षेत्रों पर केंद्रित रहेगा।
-कृत्रिम बुद्धिमत्ता और विधि
डेटा संरक्षण और डिजिटल शासन
न्यायालयों में प्रौद्योगिकी और न्याय तक पहुँच।
-फिनटेक और मेडटेक नियमन
डिजिटल युग में बौद्धिक संपदा अधिकार।
-केंद्र में संयुक्त छात्र चयन,अनुसंधान मार्गदर्शन,शिक्षकों का आदान-प्रदान और संयुक्त समस्या समाधान की व्यवस्था होगी। यह भारत में विधि प्रौद्योगिकी नवाचार और नेतृत्व के लिए एक राष्ट्रीय नेटवर्क के रूप में कार्य करेगा।
आईआईटी जोधपुर के निदेशक और एनएलयू जोधपुर की कुलपति ने इस संयुक्त पहल को साकार करने में आईआईटी जोधपुर के डॉ.श्रेइन साबू और एनएलयू जोधपुर के प्रो. (डॉ.) शिलोहू राव के उत्कृष्ट योगदान की सराहना की।
