मथुरादास माथुर अस्पताल में हुई दुर्लभ गांठ की जटिल सर्जरी
जोधपुर(डीडीन्यूज),मथुरादास माथुर अस्पताल में हुई दुर्लभ गांठ की जटिल सर्जरी। संभाग के सबसे बड़े अस्पताल,मथुरादास माथुर चिकित्सालय में 53 वर्षीय पुरुष बुखार,उल्टी,पेट में दर्द,कब्ज और सेप्टिसेमिक शोक के साथ मेडिकल डिपार्टमेंट में डॉ.इंदु थानवी,वरिष्ठ आचार्य की यूनिट में भर्ती हुआ, जहाँ जाँच में सामने आया कि मरीज के पेट में गांठ है।
मरीज की सर्जरी इवैल्यूएशन के लिए आचार्य एवं यूनिट प्रभारी डॉ. दिनेश दत्त शर्मा की यूनिट में ट्रांसफर किया गया। मरीज ने बताया कि पिछले 1 साल से मरीज के पेट में दर्द,सूजन,कभी कभी खाना खाने में दिक्कत,चक्कर आना तथा पेट में एक विशेष प्रकार की चुभन महसूस होती थी। डॉ.दिनेश दत्त शर्मा ने बताया कि मरीज की जांच करने पर पता लगा कि मरीज के यह एक बहुत ही दुर्लभ प्रकार की गांठ है,जिसे रेट्रोपेरिटोनियल लिम्फैंजियोमा कहा जाता है।
पेट में यह गांठ लगभग 10 से 20 लाख जनसंख्या में एक जने के होती है। इस गांठ की साइज 12×10× 22 सेंटीमीटर थी। इस प्रकार की गांठे शरीर की लसीका तंत्र से निकलती है जिसकी वजह से दर्द एवं पेट में भारीपन जैसी समस्या ज्यादा होती है। डॉ.दिनेश दत्त शर्मा ने बताया कि जाँचो में पता लगा कि यह गांठ पेट के बहुत ही जटिल जगह बाईं ओर के रेट्रोपेरिटोनियल स्पेस में स्थित था।
चूंकि ट्यूमर का आकार बड़ा था,इसलिए इसने महत्वपूर्ण रेट्रोपेरिटोनियल अंगो में दबाव के साथ विस्थापित कर दिया था,जैसे बायां गुर्दा,बायां यूरेटर तथा बड़ी आंत और तिल्ली,इन्फीरियर वेना केवा (आईवीसी),एब्डोमिनल एओरटा साथ में इसके प्रेशर से आंतो में रुकावट भी पैदा हो गई थी। चूँकि इस गाँठ में लसीका का पानी होता है जिसमे इन्फेक्शन होने की वजह से मरीज सेप्टिसेमिक शॉक में चला गया था। सबसे पहले मरीज को स्टेबल किया गया ताकि मरीज इस बड़ी सर्जरी के लिए तैयार हो सके।
इस कठिन ऑपरेशन को सफलता पूर्वक अंजाम दिया मथुरादास माथुर अस्पताल के वरिष्ठ सर्जन की टीम ने। ऑपरेशन में सबसे बड़ा चैलेंज गांठ के आसपास के अंगों को अलग करना और उन्हें बचाना है। ऑपरेशन में गांठ तक पहुंचने के लिए गांठ के आसपास के वाइटल स्ट्रक्चर्स को बड़ी सावधानी से अलग किया गया ताकि मरीज के साथ किसी भी प्रकार की अनहोनी से बचा जा सके और सर्जरी से होने वाले कॉम्प्लिकेशन रोके जा सके। ऑपरेशन के पश्चात मरीज पूर्ण रूप से स्वस्थ है और आराम से भोजन ले रहा है तथा उसके लक्षणों में भी पूरा आराम है।
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ऑपरेशन करने वाली टीम में डॉ. दिनेश दत्त शर्मा आचार्य एवं यूनिट प्रभारी के साथ डॉ.पारंग आसेरी सहायक आचार्य,डॉ.दिव्यम नौट्याल डॉ.अनिकेत डॉ.प्रतिभा,डॉ.सुरेश गोयल ने सहयोग किया। बेहोशी की टीम में डॉ.गीता सिंगारिया,डॉ.गायत्री तंवर,डॉ. आभास ने अपना योगदान दिया। नर्सिंग ऑफिसर टीम में ओटी इंचार्ज रेखा पंवार,सुमेर सिंह राजपुरोहित के साथ कलावती और अंजू का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
मथुरादास माथुर अस्पताल के अधीक्षक डॉ.विकास राजपुरोहित ने बताया कि मथुरादास माथुर अस्पताल में इस प्रकार के जटिल ऑपरेशन निरंतर होते रहते हैं और ये सभी ऑपरेशन माँ योजना के तहत निःशुल्क किए जाते हैं। उन्होंने एवं डॉ.बीएस जोधा,प्राचार्य एवं नियंत्रक डॉ.एसएन मेडिकल कॉलेज जोधपुर ने पूरी टीम को बधाई दी।