कार्य बहिष्कार व धरना जारी,आज होगा हनुमान चालीसा का पाठ
जोधपुर(डीडीन्यूज),कार्य बहिष्कार व धरना जारी,आज होगा हनुमान चालीसा का पाठ। राजस्थान मेडिकल कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन (RMCTA),जोधपुर का चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता बचाने की लड़ाई जारी है। यह आंदोलन केवल शिक्षकों का नहीं बल्कि छात्रों के भविष्य और राजस्थान की चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता से सीधे तौर पर जुड़ा हुआ है।
इस अवसर पर अध्यक्ष डॉ.राम निवास विश्नोई ने कहा कि सरकार को समझना चाहिए कि लैटरल एंट्री डॉक्टरों के साथ अन्याय ही नहीं बल्कि छात्रों और रोगियों की गुणवत्ता पूर्ण सेवाओं के साथ खिलवाड़ है।अगर सरकार ने त्वरित कदम नहीं उठाए तो आंदोलन और तीव्र होगा।
क्यों खतरनाक है लैटरल एंट्री?
• ग्रुप-2 डॉक्टरों के पास शिक्षण या शोध का अनुभव नहीं होता,जबकि मेडिकल कॉलेजों में फैकल्टी का मुख्य कार्य ही पढ़ाना और रिसर्च करना है।
• इससे एमबीबीएस और पीजी छात्रों को अधूरा प्रशिक्षण मिलेगा और उनका भविष्य प्रभावित होगा।
• यह परिधीय स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भी हानिकारक है क्योंकि इन डॉक्टरों को कॉलेजों में खींच लिया जाएगा और गाँव/जिला अस्पतालों में विशेषज्ञों की कमी और बढ़ जाएगी।
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यह वैसा ही है जैसे बिना ट्रेनिंग के किसी अनुभवी चालक को सीधे विमान उड़ाने के लिए बैठा देना। सड़क पर गाड़ी चलाने का अनुभव हवाई जहाज़ उड़ाने के अनुभव के बराबर नहीं हो सकता। उसी तरह क्लिनिकल सेवा और अकादमिक शिक्षण अनुभव पूरी तरह अलग है।
शनिवार 20 सितंबर को धरनास्थल पर सरकार की सद्बुद्धि के लिए हनुमान चालीसा का पाठ किया जायेगा।
चार्टर ऑफ डिमांड्स (मुख्य माँगें)
1- चिकित्सा शिक्षा में लैटरल एंट्री नीति समाप्त की जाए।
2- सभी भर्ती केवल RPSC के माध्यम से हो।
3- पहले से विज्ञापित 690 पदों पर भर्ती प्रक्रिया तुरंत पूरी की जाए।
4- DACP को समय पर लागू किया जाए।
5- पात्र सीनियर डेमॉन्स्ट्रेटरों को सहायक आचार्य पद पर पदोन्नत किया जाए।
6-एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर पदों के लिए NMC TEQ 2025 के अनुरूप पात्रता अनिवार्य हो।
7- नियुक्ति/समायोजन समिति भंग की जाए।