आरएसएस की तीन दिवसीय अखिल भारतीय समन्वय बैठक शुक्रवार से जोधपुर में
- संघ प्रमुख मोहन भागवत रहेंगे मौजूद
- 32 संगठनों के 320 कार्यकर्ता शामिल होंगे
- सरसंघचालक डॉ.मोहन भागवत और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले का मार्गदर्शन मिलेगा
- सभी छह सह सरकार्यवाह डॉ.कृष्ण गोपाल,सीआर मुकुंद,अरुण कुमार,रामदत्त,आलोक कुमार और अतुल लिमये भी शामिल होंगे
जोधपुर(डीडीन्यूज),आरएसएस की तीन दिवसीय अखिल भारतीय समन्वय बैठक शुक्रवार से जोधपुर में। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय समन्वय बैठक जोधपुर के लाल सागर क्षेत्र स्थित आदर्श डिफेंस एंड स्पोर्ट्स एकेडमी के नवनिर्मित भवन में पांच से सात सितंबर तक होगी।आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने गुरुवार को एक प्रेस वार्ता में यह जानकारी दी।
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उन्होंने बताया कि समन्वय बैठक की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। तीन दिवसीय इस महत्वपूर्ण बैठक में हिस्सा लेने के लिए आरएसएस के प्रमुख पदाधिकारियों के साथ उनके सहयोगी संगठनों के पदाधिकारियों का जोधपुर पहुंचना जारी है। संघ प्रमुख डॉ.मोहन भागवत की मौजूदगी में होने वाली इस बैठक में 32 संगठनों के 320 कार्यकर्ता शामिल होंगे।
आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर व जोधपुर प्रांत संघचालक हरदयाल वर्मा ने जानकारी दी कि बैठक की शुरुआत पांच सितंबर की सुबह नौ बजे होगी,जो सात सितंबर तक चलेगी। बैठक में संघ प्रेरित 32 संगठनों के प्रमुख पदाधिकारी भाग लेंगे। इनमें से 249 विविध संगठनों के कार्यकर्ता और अन्य संघ संबंधित अधिकारियों को मिलाकर कुल 320 कार्यकर्ताओं के शामिल होने की उम्मीद है। महिला कार्यकर्ताओं के लिए अलग से महिला समन्वय का भी आयाम चलता है।
बैठक में सरसंघचालक डॉ.मोहन भागवत और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले का मार्गदर्शन प्राप्त होगा।संघ के सभी छह सह सरकार्यवाह डॉ.कृष्ण गोपाल,सीआर मुकुंद,अरुण कुमार,रामदत्त, आलोक कुमार और अतुल लिमये भी इस बैठक में शामिल होंगे। ये सभी जोधपुर पहुंच चुके हैं।
उन्होंने बताया कि बैठक में भारतीय जनता पार्टी,विश्व हिंदू परिषद सहित सभी 32 संघ प्रेरित संगठनों के प्रमुख कार्यकर्ता भाग लेंगे। इनमें भारतीय मजदूर संघ,भारतीय किसान संघ,विद्या भारती, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद,स्वदेशी जागरण मंच,संस्कार भारती,सेवा भारती जैसे संगठन शामिल हैं। प्रचार प्रमुख ने स्पष्ट किया कि यह बैठक निर्णायक नहीं होती है। यह परस्पर समन्वय की चर्चा के लिए होती है। निर्णय तो सभी लोग अपने-अपने संगठन की कार्यकारिणी में करते हैं।
उन्होंने बताया कि इसमें कोई प्रस्ताव भी पारित नहीं होगा। बैठक में विशेष रूप से सामाजिक समरसता की स्थापना,कुटुंब प्रबोधन,आदर्श परिवारों का निर्माण,पर्यावरण संरक्षण की जीवनशैली,स्वआधारित विकास(स्वभाषा,स्वभूषा,स्वावलंबन), नागरिक कर्तव्यों का पालन,शताब्दी वर्ष की तैयारी पर चर्चा की जाएगी। उन्होंने बताया कि 2 अक्टूबर को विजयादशमी पर संघ के 100 वर्ष पूरे हो रहे हैं। इसलिए 2025-26 शताब्दी वर्ष के रूप में मनाया जाएगा, इसके तहत नागपुर में विशेष कार्यक्रम के साथ देशभर में कई भव्य आयोजन होंगे।
परिवर्तन के सवाल पर आंबेकर ने उचित प्लेटफार्म नहीं होने की बात करते हुए स्पष्ट कर दिया कि संघ सामाजिक क्षेत्र में कार्यरत है और उसी तरह से कार्यरत रहेगा। समन्वय बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर यहां किसी तरह की चर्चा को उन्होंने नकार दिया। आंबेकर ने कहा कि बीजेपी अपने नेतृत्व के लिए सक्षम है।
