जोधपुर: आंखों के निजी अस्पताल में मासूम की मौत पर हंगामा

  • लापरवाही का आरोप
  • मौत की सूचना देने से पहले ही बुलाई पुलिस

जोधपुर(डीडीन्यूज),जोधपुर: आंखों के निजी अस्पताल में मासूम की मौत पर हंगामा। शिप हाउस के पास स्थित आखों के निजी अस्पताल में चार साल के मासूम की मौत हो गई। बच्चे की मौत होने पर परिजनों ने अस्पताल में हंगामा कर दिया। उन्होंने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है। परिजन बच्चे को आंख में चोट लगने पर दिखाने हॉस्पिटल लेकर आए थे।

राजपुरोहित समाज के नेता रामचंद्र सिंह ने बताया कि चांदेसरा निवासी कार्तिक सिंह (4) पुत्र दिनेश सिंह के आंख में चोट लग गई थी। परिजन कार्तिक को लेकर निजी आंखों के अस्पताल लेकर आए थे। यहां पर डॉक्टरों ने कहा कि आंख की चोट गंभीर है।इलाज के लिए अहमदाबाद से डॉक्टर बुलाने पड़ेंगे। राजपुरोहित ने बताया कि अस्पताल प्रशासन ने इलाज के लिए पहले 50 हजार रुपए लिए,उसके बाद ढाई लाख का और खर्चा बताया।

परिजनों ने इसके लिए हां कर दिया लेकिन दोपहर करीब 2 बजे बताया कि बच्चे की डेथ हो गई,जबकि बच्चे के कोई गंभीर चोट नहीं थी। बच्चे की मौत के बाद परिजनों ने विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया। सूचना मिलने के बाद एसीपी ईस्ट हेमंत कलाल,महामंदिर थानाधिकारी देवेंद्र सिंह देवड़ा मौके पर पहुंचे। एफएसएल टीम को भी मौके पर बुलाया गया। इधर बच्चे की मौत की सूचना के बाद परिजन और समाज के लोग भी इकट्ठा होना शुरू हो गए।

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डॉक्टर नहीं दे रहे जवाब 
परिजन विरेंद्र सिंह राजपुरोहित ने कहा कि मामले में डॉक्टर संतोषजनक जवाब नहीं दे रहे हैं। पहले उनसे पूछा कि बच्चे का इलाज किसने किया तो बताया कि अहमदाबाद के डॉक्टर ने किया। बाद में यहां के डॉक्टर से इलाज करना बता रहे हैं। अस्पताल प्रशासन बता ही नहीं रहा है कि असली डॉक्टर कौन है,जिसने इलाज किया है। अस्पताल के डॉक्टर कभी बोल रहे हैं हार्ट अटैक से मौत हुई है,कभी बोल रहे हैं एनेस्थीसिया की डोज ज्यादा देने से मौत हो गई। विरेंद्र सिंह ने कहा कि बच्चे की मौत की सूचना परिजनों से देने से पहले अस्पताल प्रशासन द्वारा पुलिस बुला ली गई,यहां सौ पुलिस कर्मी खड़े कर दिए गए। हमें ही दबाया जा रहा है। जबकि अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से बच्चे की मौत हुई है।

पुलिस को पहले दी सूचना
परिजनों का कहना है कि बच्चे की मौत के बाद अस्पताल प्रशासन ने उन्हें सूचना नहीं दी। उससे पहले पुलिस और आरएसी के जवान अस्पताल में तैनात कर दिए गए। इसके बाद उन्हें बताया गया। अस्पताल प्रशासन उन पर बॉडी लेकर जाने का दबाव बना रहा है। डॉक्टर गुलाम अली ने बताया कि परिजन बच्चे को कल रात अस्पतला लेकर आए थे। उस समय बच्चा हंसता खेलता आया था। उसके हेड इंजरी थी,जिसकी माइक्रो सर्जरी कर दी गई,लेकिन अचानक उसे कार्डियक अरेस्ट आ गया। हमने बच्चे को बचाने की काफी कोशिश की,लेकिन उसे दुर्भाग्य से नहीं बचा पाए। उन्होंने कहा कि बच्चे की हेड इंजरी थी, इसके लिए पूरा बेहोश करके ही इलाज किया जाता है।

अस्पताल में समाज के लोग जुटे
प्रदर्शन में विश्व हिंदू परिषद के नेता विक्रम सिंह राजपुरोहित,नरेंद्र सिंह, यशपाल कच्छवाहा,विष्णु गहलोत, प्रदीप सांखला,जितेंद्र शर्मा,श्याम सिंह चाड़वास,रुद्र सिंह राजपुरोहित, श्रीपाल सिंह,गिरधारी सिंह फुलासर, अशोक सिंह फुलासर,मोती सिंह नारनाडी,विजय सिंह बाड़ा सहित बड़ी संख्या में समाज के लोग मौके पर जुट गए।