अंतिम कट ऑफ तिथि तक इंटर्नशिप पूरी करने वाले अभ्यर्थी ही नियुक्ति के लिए आवेदन करने के पात्र
जोधपुर,अंतिम कट ऑफ तिथि तक इंटर्नशिप पूरी करने वाले अभ्यर्थी ही नियुक्ति के लिए आवेदन करने के पात्र। राजस्थान हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश में कहा कि अंतिम कट ऑफ तिथि तक इंटर्नशिप ट्रेनिंग पूरी करने वाले अभ्यर्थी ही नियुक्ति के लिए आवेदन करने के लिए पात्र होंगे। ढाई वर्ष के आयुष नर्सिंग क्लासरूम कोचिंग के बाद छह माह की आवश्यक इंटर्नशिप ट्रेनिंग कर रहे 33 अभ्यर्थियो की रिट याचिका को ख़ारिज करते हुए हाइकोर्ट की एकलपीठ ने यह महत्वपूर्ण व्यवस्था दी कि इन्टर्नशिप ट्रेनिंग तीन वर्षीय आयुष नर्सिंग और फार्मेसी पाठ्यक्रम का ही भाग है और अंतिम कटऑफ तक शैक्षणिक योग्यता पूरी करने वाले अभ्यर्थी ही नियुक्ति के लिए आवेदन करने के लिए पात्र हैं।
यह भी पढ़ें – ऑटो वर्कशॉप से बाल श्रमिक मुक्त,जेजे एक्ट में प्रकरण दर्ज
न्यायाधीश अरूण मोंगा की अदालत ने यह राहत प्रदान की। अप्रार्थी अभ्यार्थियों की ओर से अधिवक्ता यशपाल ख़िलेरी ने पैरवी की। याचिकाकर्ता सीमा व 32 अन्य अभ्यर्थियों ने रिट याचिका पेश कर आयुर्वेद विभाग में कम्पाउण्डर/ नर्स जूनियर ग्रेड के कुल 650 पदों के लिए चल रही भर्ती 2024 में सम्मिलित करने की गुहार लगाई थी। जिस पर अंतिम कटऑफ 15 जनवरी 2025 तक सम्पूर्ण योग्यता रखने वाले योग्य पात्र अभ्यर्थियों लक्ष्मीकांत शर्मा व अन्य की ओर से यशपाल ख़िलेरी एडवोकेट ने प्रार्थना पत्र पेश कर रिट याचिका निरस्त करने का निवेदन किया गया।
मामले की अंतिम सुनवाई के समय अप्रार्थी मेरिटोरियस अभ्यर्थियों की ओर से अधिवक्ता ख़िलेरी ने न्यायालय को बताया कि इंटर्नशिप आवश्यक योग्यता का ही अंग है और 1966 के नियम और विज्ञप्ति स्वयं में यह स्पष्ट अंकित था कि अभ्यर्थी को आवेदन करने की अंतिम दिनाँक तक इंटर्नशिप ट्रेनिंग पूरी कर लेनी आवश्यक है। जबकि याचिका कर्तागण अभी भी इंटर्नशिप ट्रेनिंग कर रहे हैं। ऐसे में आवेदन करने की दिनाँक को उनके पास आवश्यक न्यूनतम योग्यता तक नहीं थीं। अयोग्य अभ्यार्थियों को चयन प्रक्रिया में शामिल करने से योग्य अभ्यर्थी भर्ती प्रक्रिया से बाहर हो गए हैं औऱ उक्त रिट याचिका ख़ारिज होने से अंतिम कटऑफ तिथि तक योग्य सभी अभ्यर्थियो को आयुर्वेद विभाग में चल रही दस्तावेज सत्यापन काउंसिलिंग में शामिल होने का मौका मिल सकेगा और रिट याचिका खारिज करने की गुहार लगाई गई।
राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता नरेंद्र सिंह राजपुरोहित और आयुर्वेद विभाग राजकीय अधिवक्ता राखी चौधरी ने पक्ष रखते हुए रिट याचिका चलने योग्य नहीं होने से याचिका को ख़ारिज करने की गुहार की गई। रिकॉर्ड का परिशीलन पश्चात हाइकोर्ट न्यायाधीश अरुण मोंगा की एकलपीठ ने रिट याचिका ख़ारिज करते हुए यह व्यवस्था दी कि इन्टर्नशिप ट्रेनिंग आयुर्वेद नर्सिंग डिप्लोमा का ही भाग है और ऐसे में उक्त ट्रेनिंग कर रहे याचिकाकर्ताओ के पास अंतिम कटऑफ तिथि तक अपेक्षित शैक्षणिक योग्यता प्रमाण पत्र नहीं होने से वे कम्पाउण्डर नर्स पद के लिए विचार किये जाने के लिए अयोग्य है।