जोधपुर, ईस्टर्न फाउंडेशन ऑफ़ आर्ट एंड कल्चर द्वारा चार दिवसीय ऑनलाइन स्टूडियो आर्ट कैंप, “21 वेलकम 21” का सोमवार को समापन उत्सव वेबिनार के ज़रिये अनुष्ठित हुआ। इस कार्यक्रम को ईस्टर्न फाउंडेशन ऑफ़ आर्ट एंड कल्चर के सदस्य केशव वारनोति ने सञ्चालन किया। चंडीगढ़ चित्रकला महाविद्यालय के अध्यापक लखविंदर सिंह ने कहा की इस आर्ट कैंप से सभी आर्टिस्ट को नई ऊर्जा मिली। आनेवाले समय में इसी ऊर्जा के साथ

काम होगा। उन्होंने ग्राफ़िक्स के नई तकनीकों के बारे में भी बहुत सी जानकारी दी। दिल्ली से डॉ नीरजा चंदना पीटर्स बोलीं की ईस्टर्न फाउंडेशन के निस्वार्थ प्रयास से भारत वर्ष में बहुत सारे कलाकार इन कैम्प्स के द्वारा कुछ नया काम करने का मौका प्राप्त कर रहे हैं। ओडिशा के वरिष्ट चित्रकार पंचानन सामल ने बताया की इस ऑनलाइन कार्यक्रम से भारत के कोने-कोने से चित्रकार एक दूसरे से मिलने का मौका मिला और एक दूसरे के चित्र का भाव आदान-प्रदान कर पाए। नॉएडा के चित्रकार प्रलय कुंडू ने कहा की यह कला शिविर 2021 को नया अंजाम देने के लिए रंग भरा। गुलबर्गा के चित्रकार डॉ शहद पाशा ने हिंदी चलचित्र “वो जो हसीना” के संगीत “लग जा गले” को अपनी सुरीली आवाज़ में गाकर सुनाया। अन्य कलाकार आर्यप्रज्ञा बासबदुत्ता, अनुपमा दे, कामिनी कांत स्वाईं, डॉ

शालिनी सिंह, किशोर चंद्र नायक, मानस दास, मानसी सागर, सुधाकर सेठी, स्वाति जैन, राजगोपाल, निकुंज बिहारी दास, संदीप देब, रघुनाथ जेना, देबदुत्ता साहू, अरुण चंद्र बरमन, अजय सिंह राजपुरोहित और टिकम खंडप्पा ने अपना-अपना विचार व्यक्त किया। अन्य सदस्य येथी कासरगोड ने कहा कि यह कैंप पूर्ण मात्रा में सफल हुआ। अंत में ईस्टर्न फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रदीप्त दास ने सभी कलाकारों को बधाई देते हुए कहा कि सभी चित्रकार समाज तथा चित्रकारों के लिए प्रतिबद्ध होने के लिए सुझाव दिए। इस कोरोनाकाल में ईस्टर्न फाउंडेशन द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम 2021 को नया मोड़ देगा और आनेवाला पल पूरी दुनिया में एक बड़ा परिवर्तन लाएगा। संपादक मनोज संधा ने सभी चित्रकार एवं सभी पत्रकारों को धन्यवाद दिया।