जोधपुर, आरोग्य भारती की ओर से विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर कोरोना वायरस काल में गिलोय के बढ़ते उपयोग व जरूरत को देखते हुए गिलोय की 12 सौ से अधिक बेल अलग-अलग क्षेत्रों में लगाई गई।
आरोग्य भारती की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य प्रियंका झाबक ने बताया कि,पिछले 1 साल से कोरोना वायरस काल में आरोग्य भारती के तमाम कार्यकर्ताओं की टीम ने जरूरतमंदों को गिलोय की बेल उपलब्ध कराई है और विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर 1200 से अधिक गिलोय की बेल अलग क्षेत्रों में लगाने के पीछे उद्देश्य यही है कि जब भी किसी को गिलोय की जरूरत पड़े तो वह अपने स्वयं के घर में इस बेल को विकसित करके स्वस्थ रहने के लिए इसका उपयोग कर सकते हैं।
आरोग्य भारती के जिला संयोजक शक्तिदान ने अपनी टीम के साथ सक्रिय रहते हुए सामाजिक संगठन सीवीपी के साथ 500 गिलोय के पौधों के रोपण एवं उनके रखरखाव की जिम्मेदारी संगठन के प्रमुख पदाधिकारी मदन ढाढरवाला, एवं नारायण सिंह तोलेसर को सुपुर्द कर 500 गिलोय का आज रोपण जिले के तोलेश्वर, खारी, मगरा पूंजला, मंडी, महामंदिर एक ही दिन में नीम व अन्य पेड़ पौधों के आसपास गिलोय की बेल का रोपण कार्यकर्ताओं के माध्यम से किया गया।
यश सेवा भारती के संरक्षक एवं आयुर्वेदाचार्य गजानंद व्यास के मार्गदर्शन में ज्योति प्रताप व यश सेवा भारती की पूरी टीम ने भी आज से 551 गिलोय बेल को शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में रोपण का संकल्प लेकर उनकी नियमित देखभाल रखने की योजना बनाई है। इसकी समय समय पर सूचना आरोग्य भारती को भिजवाने की भी व्यवस्था बनाई है।
आरोग्य भारती के नेतृत्व में जिले के मथानिया, तिवरी एवं बावड़ी क्षेत्र में लगभग 221 गिलोय का रोपण राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के स्वयंसेवकों व आरोग्य भारती के कार्यकर्ताओं द्वारा किया गया। गिलोय के गुण व उनके फायदों से भी आमजन को अवगत कराया गया।
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