चैक अनादरण की आरोपी महिला को 6.93 लाख रुपए जुर्माना व 6 माह की सजा

जोधपुर,चैक अनादरण की आरोपी महिला को 6.93 लाख रुपए जुर्माना व 6 माह की सजा।चैक अनादरण के एक मामले में कोर्ट ने आरोपी महिला को 6.93 लाख रुपए जुर्माना व 6 माह की सजा सुनाई। न्यायालय में राजीनामा कर बाद में आरोपी महिला मुकर गई। महानगर मजिस्ट्रेट विशिष्ट न्यायालय (एनआई एक्ट प्रकरण) जोधपुर मजिस्ट्रेट पीठासीन अधिकारी दीपिका रामावत ने चैक बाउंस के प्रकरण में आरेापी महिला पूनम ललवानी उर्फ पूनम पोहानी को चैक अनादरण के प्रकरण में फैसला सुनाते हुए आरोपी महिला को दोषसिद्ध मानते हुए 6,93,000 रुपए का अर्थदण्ड जुर्माना अदा करने का आदेश दिया एवं 6 माह के कारावास की सजा सुनाने का आदेश दिए।

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परिवादी मनीष व्यास ने अपने अधिवक्ता जहीर अब्बास,उम्मेद अली मेहर,मोहम्मद अलताफ के मार्फत न्यायालय में एक परिवाद पूनम लालवानी उर्फ पूनम पोहानी के विरूद्ध प्रस्तुत कर न्यायालय को बताया कि पूनम ललवानी के विरूद्ध मनीष व्यास ने एक चैक अनादरण का मुकदमा विशिष्ट न्यायालय संख्या 03 में कर रखा था तथा मनीष व्यास पूनम ललवानी में 4,50,000 रुपये माँगता है। जिसमें पूनम पोहानी ने न्यायालय में उधार राशि को स्वीकार करते हुए मनीष व्यास को उधार राशि अदा करने के लिए राजीनामा करते हुए मनीष व्यास को4,50,000 रुपए के कुल 6 चैक अपनी फर्म ग्लेमर ब्यूटी पार्लर के प्रोपराइटर की हैसियत से अदा किये एवं न्यायालय में लिखित में राजीनामा दिया एवं मनीष व्यास को झांसे में लेकर चैक अनादरण का मुकदमा विड्रो करवा दिया। उसके बाद मनीष व्यास ने जब राजीनामा राशि की माँग की तो पूनम अपना एड्रेस बदल कर अन्य स्थान पर शिफ्ट हो गई। चैक राशि अदा करने से मना कर दिया,जिस पर चैक बाउंस होने पर मनीष व्यास ने न्यायालय में पुन: परिवाद पेश किया।

मनीष व्यास के अधिवक्ता जहीर अब्बास ने न्यायालय में यह तर्क प्रस्तुत किया कि आरोपी महिला पूनम ललवानी कई चैक बाउंस के मुकदमों की आरोपी है। लोगों से पैसा उधार लेकर वापस नहीं लौटाती एवं चैक देकर बाउंस करवा देती है तथा परिवादी को न्यायालय के सालों चक्कर लगवाती है तथा बार-बार अपने निवास स्थान एड्रेस,घर बदल लेती है तथा मनीष व्यास को चैक देने के बाद भी आरोपी महिला ने अपने आधार कार्ड,पेनकार्ड में नामपरिवर्तन कर लिया,बैंक खाता बदल लिया और इसकी सूचना मनीष व्यास को नहीं दी तथा पूर्व में किये गये राजी नामा से भी मुकर गई तथा पिछले 10 सालों से मनीष व्यास को पैसा देने से इंकार कर रही है,न्यायालय के चक्कर लगवा रही है तथा जहीर अब्बास ने जिरह में आरोपी महिला पूनम ललवानी से सवाल किये तो जिरह में यह साबित किया कि आरोपी महिला ने अपने बार-बार एड्रेस बदल लिये,नाम बदल लिये, बैंक खाता बदल लिये।अधिवक्ता ने यह तर्क दिया कि यह महिला धोखा देने के लिए तथा वारण्ट से बचने के लिए ऐसा करती है तथा लोगों के साथ धोखाधड़ी करती है,जबकि पूनम के अधिवक्ता ने यह तर्क दिया कि चैक सिक्योरिटी पेटे दिये गये थे तथा मनीष व्यास को आंशिक भुगतान अदा कर दिया गया जिसे न्यायालय ने नहीं माना और न्यायालय ने परिवादी अधिवक्ता के तर्कों से सहमत होते हुए आरोपी महिला पूनम ललवानी को चैक बाउंस के मामले में दोषसिद्ध पाया और पूनम ललवानी को 6,96,000 रुपए जुर्माना जमा कराने के अर्थदण्ड की सूचना सुनाई जो अर्थदण्ड परिवादी को अदा करने का आदेश दिया तथा 06 माह के कारावास सुनाने का आदेश प्रदान कर फैसला सुनाया।

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