कृत्रिम बुद्धिमत्ता के क्षेत्र में विजएआई रोबोटिक्स की पहल
हल्द्वानी,कृत्रिम बुद्धिमत्ता के क्षेत्र में विजएआई रोबोटिक्स की पहल।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के क्षेत्र में तकनीकी सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विजएआई रोबोटिक्स ने डॉ.भीमराव अंबेडकर पार्क,डमुवाडुंगा,काठगोदाम में एआई जागरूकता अभियान के अंतर्गत एक और सत्र का सफल आयोजन किया।
इस कार्यक्रम में युवा वर्ग और अभिभावकों की भारी भागीदारी देखी गई,जिसने इसे केवल एक सूचनात्मक मंच न बनाकर,भविष्य की नौकरियों व आवश्यक कौशलों पर केंद्रित एक प्रेरणादायक संवाद का केंद्र बना दिया।
विजएआई रोबोटिक्स की उपाध्यक्ष डॉ.आयुषी मठपाल ने सत्र की शुरुआत की और एक अखबार की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा
हम जिन नौकरियों की आज चर्चा कर रहे हैं,वे आने वाले पाँच वर्षों में पूरी तरह बदल जाएंगी और कई ऐसी होंगी जिनके नाम भी अब तक हमारे लिए अपरिचित हैं।
उन्होंने विभिन्न उभरते हुए क्षेत्रों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज युवाओं को नए जमाने की जरूरतों के अनुरूप खुद को तैयार करना होगा।
1.एग्रीटेक- ‘डिजिटल किसान’ की जरूरत
अब खेती में ड्रोन,सेंसर और एआई की सहायता से फसल की निगरानी की जा रही है।इससे एआई- आधारित एग्रीनॉमिस्ट और IoT फील्ड टेक्नीशियन की मांग बढ़ेगी।
ज़रूरी कौशल:- मशीन लर्निंग,डेटा एनालिटिक्स और सप्लाई चेन की समझ।
2. स्पेस टेक -अंतरिक्ष अब करियर का विकल्प
Pixxel और Agnikul जैसे निजी स्टार्टअप अब उपग्रह लॉन्च कर रहे हैं,जिससे सैटेलाइट इंजीनियर, प्रोपल्शन डिजाइनर और अर्थ ऑब्ज़र्वेशन एनालिस्ट जैसे प्रोफेशनल्स की मांग बढ़ रही है।
ज़रूरी कौशल: रोबोटिक्स, GIS टूल्स और मशीन लर्निंग।
3. एआई एथिक्स- तकनीक को मानवीय बनाना
AI को सुरक्षित और नैतिक बनाए रखने के लिए एआई एथिक्स ऑफिसर और प्रॉम्प्ट इंजीनियर जैसे विशेषज्ञों की आवश्यकता है।
ज़रूरी कौशल: पायथन,NLP और एथिकल रीज़निंग।
4. ऑटोमोबाइल सेक्टर-कोड से चलेंगी कारें
इलेक्ट्रिक और साइबर-सिक्योर वाहनों के लिए बैटरी टेक इंजीनियर, ADAS डेवलपर और साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ की भारी मांग हो रही है।
ज़रूरी कौशल: रोबोटिक्स,एम्बेडेड सिस्टम्स और साइबर सिक्योरिटी।
हाइब्रिड स्किल्स की अहमियत पर जोर
डॉ.मठपाल ने युवाओं को “डोमेन + डिजिटल” यानी पारंपरिक और आधुनिक ज्ञान के संतुलन की आवश्यकता समझाते हुए कहा,
“अगर आप फार्मासिस्ट हैं,तो AI और Genomics सीखिए;अगर आप इंजीनियर हैं,तो Ethics और Data Science को समझना जरूरी है।”
युवाओं से सवाल
पाँच साल बाद आप कहाँ होंगे- पुरानी स्किल्स के साथ संघर्ष कर रहे होंगे या एआई को अपनाकर प्रगति कर रहे होंगे?और यह संदेश भी दिया कि भविष्य की तैयारी आज से शुरू होती है।
कार्यक्रम का समापन
कार्यक्रम के अंत में वरिष्ठ डेटा वैज्ञानिक डॉ.अरविंद जोशी ने बीसीजी की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि AI आज बैंकिंग जैसे पारंपरिक क्षेत्रों में भी बदलाव ला रहा है, परंतु केवल 25% बैंक ही इसका पूर्ण लाभ उठा पा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि एआई-संचालित अंडरराइटिंग,रीयल-टाइम क्रेडिट जोखिम मूल्यांकन और जनरेटिव टूल्स,बैंकों की सेवाओं और आमदनी के तरीके पूरी तरह से बदल रहे हैं।
युवाओं को सलाह
कौशल को प्राथमिकता दें,केवल डिग्री पर निर्भर न रहें।और जोर देते हुए कहा,अगर आप एआई के खिलाफ दौड़ रहे हैं,तो हार निश्चित है;लेकिन यदि आप उसके साथ दौड़ में हैं,तो आप नेतृत्व करेंगे।