विश्व हिंदू परिषद कार्यकर्ता कर रहे हैं लम्पी ग्रस्त लावारिस गौवंश का उपचार

  • दिन में करते हैं स्वयं का काम धंधा
  • शाम को निकल पड़ते हैं गौसेवा करने
  • देर रात तक करते हैं गौसेवा
  • वेटनरी चिकित्सक के निर्देशन में देते हैं दवा
  • गत 40 दिनों में लगभग 200 गायों का कर चुके हैं इलाज़
  • गौ सेवा से मिलता हैं अपार सुख व संतोष
  • दानदाता कर रहे हैं आर्थिक सहायता

जोधपुर,शहर में लम्पी ग्रस्त मवेशियों की देखभाल के लिए कई सेवाभावी संगठन कार्यरत हैं। विश्व हिंदू परिषद इकाई के कार्यकर्ता टीमें बनाकर शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में इस पुनित कार्य करने में जुटी हैं। टीम के सभी सदस्य दिन में अपने काम धंधे से निपटकर सांय 6 बजे से रात 11बजे तक लम्पी ग्रस्त लावारिस गायों की पहचान करते हैं तथा लक्षणों के अनुसार दवा देकर उनका उपचार करते हैं।

विश्व हिंदू परिषद के महानगर कोषाध्यक्ष तिंवरी निवासी रेवतसिंह राजपुरोहित,महानगर सेवा प्रमुख पुरुषोत्तम बंसल व कार्यकर्ता लखताराम की ऐसी ही एक टीम चौपासनी हाउसिंग बोर्ड क्षेत्र में लावारिस गौवंश के उपचार में जुटी हुई है। महानगर कोषाध्यक्ष रेवतसिंह राजपुरोहित ने बताया कि वे स्वयं न्यूज़ पेपर एजेंसी चलाते हैं तथा बैंको में जेनेरेटर का कार्य करते हैं। उनकी टीम के पुरषोत्तम बंसल कमठा कार्य के ठेकेदार हैं तथा लखताराम कमठा मजदूर हैं।

उन्होंने बताया कि उनकी टीम पिछले 40 दिनों में चौपासनी हाउसिंग बोर्ड क्षेत्र में कार्यरत है तथा अब तक लगभग 200 गायों का उपचार कर चुके हैं। इसके लिए उनको दवाएं विश्व हिंदू परिषद उपलब्ध करवाता है। अनेक दानदाता भी इस कार्य में आर्थिक सहयोग दे रहे हैं।राजपुरोहित ने बताया कि बुखार,पाँवों में सुजन, लगातार कई दिनों तक खड़े रहना, खाना पीना छोड़ देना,नाक में से पानी गिरना आदि लम्पी के लक्षण हैं।

महानगर सेवाप्रमुख पुरुषोत्तम बंसल ने बताया कि हम लम्पी बीमारी से ग्रसित गाय को लक्षण के आधार पर वेटेनरी डॉक्टर के दिशा निर्देशो के अनुसार दवा देते हैं। गाय के शरीर पर गोल-गोल उभार (फोड़े) होने पर जेंटामाईसिन व बी-कमप्लेक्स का इंजेक्शन लगाते हैं, फोड़े फूट जाने पर गाय को लाल दवा व फिटकरी मिश्रित पानी से नहलाते हैं। इसके बाद फोड़ो पर यूनिल व हल्दी से बनी आयुर्वेदिक औषधि का स्प्रे करते हैं जिससे मक्खियों से बचाव होता हैं, खुजली से राहत मिलती है तथा संक्रमण आगे नहीं बढ़ता है। बुखार व पाँवों मे सूजन के लिए पैरासिटामोल व न्यूमेसिलाइड की गोली पानी में घोलकर देते हैं।

मुँह में छाले हो जाने पर पानी में घोल कर लिवामाईसिन हाइड्रोक्लोराइड देते हैं जिससे गाय जुगाली करना व खाना पीना प्रारंभ कर देती है अन्यथा भूख से उसकी मृत्यु हो जाती है।कार्यकर्ता लखताराम ने बताया कि गौ सेवा के इस पुनीत कार्य को करके उन्हें अपार सुख व संतोष की अनुभूति होती हैं।

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