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जोधपुर, वर्तमान समय में चल रही कोरोना महामारी के चलते जिन्दगी की गतिविधियां ठहर सी गई हैं। अनेक घरों में इस महामारी का विकराल रूप सामने आया है गरीब परिवारों पर इसकी ज्यादा गाज गिरी हैं। इस महामारी के दौरान सूरसागर जोधपुर निवासी वर्षा पारिक का शुभ विवाह महेन्द्र के साथ 23 मई को होना था परन्तु सरकारी आदेश एंव गाईड लाईन के कारण विवाह स्थगित करने की नौबत आ गई थी एवं वर्षा के घर की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी कि इसे आगे की तिथी में कर सकें।

Unique attempt of Kanyadaan in the Korana era

वर्षा के पिताजी की छोटी.मोटी नौकरी थी वह भी कोरोनाकाल में लगभग बंद हो गई। ऐसी विकट परिस्थिति में वर्षा का सम्पर्क समाजसेवी दानदाता एवं असहाय कन्याओं की मदद करने वाली शशि जैसलमेरिया से हुआ एवं वर्षा ने उन्हें अपनी स्थिती से अवगत कराया एवं बताया कि विवाह कैन्सल होने से परिवार पर क्या गुजरेगी।

Unique attempt of Kanyadaan in the Korana era

इसे देखते हुए शशि जैसलमेरिया ने स्वंय आगे आकर कन्यादान हेतु उसे हिम्मत बंधाई एवं अपने प्रयासों से सम्पूर्ण कन्यादान की व्यवस्था करते हुऐ अपने भाई सत्यनारायण बिड़ला से सहयोग लेकर 5 साड़ियां, घर ग्रहस्थी के सामान, चांदी की पायजेब, सोने के लूंग, कपड़े एवं अन्य गृह उपयोगी सामान की व्यवस्था कर उसे अपने घर बुलाकर भाई के हाथ से तिलक कराकर विवाह के 4 दिन पूर्व सारी व्यवस्था करा दी। 23 मई को घर में ही सरकारी गाईडलाईन की पालना करते हुऐ शादी में सहयोग दियाऔर विवाह संपन्न हो गया।

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