फलोदी, अंधविश्वास और रूढीवादी सोच मिटाने के लिए जनजागृति पैदा करने के उद्देश्य को लेकर धावक थार रेगिस्तान में 13 सौ किलोमीटर दौड़ते हुए किराडू और रेडाणा रण पार कर अंतर्राष्ट्रीय अल्ट्राधावक अतुल चौकसे शनिवार दोपहर फलोदी पहुंचे। अतुल अपने साथ दो चक्के वाली ट्रॉली भी साथ लेकर दौड़ लगाते हैं जिसमें 160 किलो सामान है। उन्होंने रण आॅफ कच्छ से 31 दिसंबर को दौड़ आरंभ की थी। यह दौड़ अभियान गुजरात, राजस्थान, हरियाणा होते हुए पंजाब के भटिंडा में जाकर समाप्त होगी। दौड़ के दौरान उन्होंने युवाओं को सकारात्मक सोच रखने, परिस्थितियों का डटकर सामना करने, तनाव मुक्त जीवन जीने और नशा नहीं करने का संदेश दिया। मारवाड की संस्कृति और सभ्यता से रूबरू होकर जातिवाद और महिलाओं में घूंघट अवधारणा को गलत बताया। इनके द्वारा एक डाक्यूमेंट्री ‘फकीर की दुनिया’ भी तैयार की जा रही है इसके लिए भी उन्होंने किराडू, रेडाणा रण, सनसेट दृश्यों की वीडियोग्राफी की।
दौड़ने का अनुभव
अतुल चौकसे ने बताया कि अफ्रीका के सहारा रेगिस्तान में विश्व की सबसे कठिन अल्ट्रा मैराथन में भाग लेकर देश का नाम रोशन किया। हिमालय, लद्दाख में दौड़ने का अनुभव है। उन्हें अब तक 71 राष्ट्रीय और 35 अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं। थार रेगिस्तार में दौड़ को विश्व रिकार्ड, एशिया बुक ऑफ रिकार्ड, लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड के लिए पंजीकृत किया गया है। फलोदी पहुंचने पर पार्षद लीलाधर कन्नोजिया, अशोक मेघवाल, निरंजन व्यास आदि ने चौकसे का मालार्यपण कर स्वागत किया।