महिला डॉक्टर को डिजिटल अरेस्ट कर छह लाख की ठगी करने वाले दो स्थानीय युवक गिरफ्तार
- पुलिस अब चेन खंगालने में लगी
- डिजिटल अरेस्ट 87 लाख ठगी का सुराग मिलने की उम्मीद
जोधपुर,महिला डॉक्टर को डिजिटल अरेस्ट कर छह लाख की ठगी करने वाले दो स्थानीय युवक गिरफ्तार। शहर के निकट डेेंटल कॉलेज की महिला डॉक्टर डेंटिस्ट को डिजिटल अरेस्ट कर छह लाख की ठगी करने वाले दो फ्राडेस्ट स्थानीय युवकों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। जिनसे गहनता से पूछताछ की जा रही है।
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आरोपियों के खातों को खंगालने के साथ इनके बाहरी लिंक का भी पुलिस पता लगाने का प्रयास कर रही है। पुलिस ने मामले में दो स्थानीय युवकों गुढ़ा विश्राईयान खावा का मोहल्ला निवासी कालूराम पुत्र हरिराम विश्रोई एवं प्रवीण पुत्र सांवलाराम विश्रोई को गिरफ्तार किया है। इनसे डिजिटल अरेस्ट 87 लाख की ठगी के बारे में भी पड़ताल की जा रही है।
मूलत: राजधानी जयपुर के सिरसी रोड हाल व्यास डेंटल कॉलेज की डॉक्टर न्रमता माथुर पुत्री देव आनंद माथुर की तरफ से कुड़ी भगतासनी थाने में यह रिपोर्ट दी गई है। रिपोर्ट के अनुसार 20 सितंबर को वक्त 04.15 पीएम पर उनके दो वाटसएप नंबर पर वीडियो कॉल आया जिसमें आदमी दिखाई दे रहा था जिसके पुलिस की वर्दी पहनी हुई थी,उसने अपना नाम विजय खन्ना बताया एवं बोला कि आपके नाम का एक खाता कैनरा बैंक मुंम्बई में खोला गया। आपके खाते में अनाधिकृत रूप से पैसा आया है।
फिर उन्होंने बोला आप अस्पताल से सीधा घर पर चले जाओ किसी को इस बारे में बताना नहीं है। फिर उसने वाटसएप पर नरेश गोयल मनी लॉड्रिंग केस के दस्तावेज की दो कॉपी भेजी। जिसमे लिखा था कुल 247 एटीएम कार्ड बरामद हुए हैं जो अलग अलग कार्ड होल्डर के नाम के है एवं सीबीआई इसकी जांच कर रही है। यह जांच आकाश कुलकर्णी द्वारा निर्मित की गई है।
उसके बाद उसने सर्विलांस रूल्स एंड रेगुलेशन का पीडिएफ भेजा और वाटसएप विडियो कॉल ऑन रखने का बोला व किसी से बात नहीं करने का बोला। यदि किसी से बात करना है तो वाटसएप कॉल ऑन करके बात करनी है। उसके बाद उसने बोला कि आप पूरी रात वीडियो कॉल ऑन करके हमारे सामने रेस्ट करोगे एवं बोला कि आपको 24 घंटे के लिए डिजिटल अरेस्ट पर रखा जा रहा है।
वीडियो कॉल ऑन रखा गया
आरोपी द्वारा पूरी रात वीडियो कॉल ऑन रखा गया। 21 सितंबर की सुबह 8.55 मिनट पर वाटसएप नंबर पर वीडियो कॉल आया जिसने अपना नाम ऑफिसर विजय खन्ना बताया। फिर वह कॉल चलता रहा। फिर उसने वाटसएप पर डिजिटल कस्टडी का पीडिएफ भेजा। उसने बोला कि आप राहुल गुप्ता वेच नंबर एफ ए 263521 के नाम सिंकिग प्रायरटी इनवेस्टिगेशन के लिए एपलिकेशन लिखो, तब उनके कहे अनुसार एपलीकेशन लिखी तब उन्होंने एपलीकेश अप्रवुल का पीडिएफ भेजा।
उसने सुप्रीम कोर्ट को सिक्रेट सुपरविजन एकाउंट के साथ एकाउंट जोडऩे का बोला तब उनके कहेनुसार एप्पलीकेशन लिखी।
आरटीजीएस से भेजे थे छह लाख रूपए
शातिर ने बाद में कहा कि तुरंत कैनरा बैंक में जाकर खाता नंबर बैंक आईसीआईसी बैंक आईएफएससी कोड पर 6 लाख रुपए भेजने के लिए कहा। तब 06 लाख रुपए आरटीजीएस से किए थे। खाता धारक का नाम न्यु समा रोडवेज आया था। मैने उसके खाते में 6 लाख रुपए भेज दिए।
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दुबारा खाते में रुपए डलवाने का बोला तो हुआ शक
परिवादी डॉक्टर नम्रता माथुर के अनुसार आरोपी ने बोला कि आपके और भी किसी बैंक में खाता है। तब बोला मेरा एक खाता एसबीआई में है तब उसके बोला की आपको उस अकाउंट से 06 लाख रुपए दूसरे खाता संख्या पर भेजने को कहा गया। इस पर परिवादी को शक हो गया कि उन्हें डिजिटल अरेस्ट किया गया है और साइबर ठगी की जा रही है।