तीन दिवसीय पीजी गाइड ओरिएण्टेशन कार्यशाला संपन्न

गुजरात,यूपी,एमपी,महाराष्ट्र सहित 7 राज्यों के प्रशिक्षणार्थियों ने की शिरकत

जोधपुर,तीन दिवसीय पीजी गाइड ओरिएण्टेशन कार्यशाला संपन्न। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय जोधपुर में भारतीय चिकित्सा पद्धति आयोग नई दिल्ली द्वारा पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टिट्यूट ऑफ़ आयुर्वेद के सभागार में चल रही स्नातकोत्तर छात्रों के गाइड शोध एवं कौशल संवर्धन से संबंधित तीन दिवसीय वैज्ञानिक लेखन,शोध अखंडता और प्रकाशन नैतिकता वर्कशॉप शनिवार को संपन्न हो गई। तीसरे एवं अंतिम दिन अलग-अलग विषय पर व्याख्यान आयोजित किए गए।

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वर्कशॉप के समापन समारोह में कुलपति प्रोफ़ेसर (वैद्य) प्रदीप कुमार प्रजापति ने कहा कि इस राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा पद्धति आयोग नई दिल्ली द्वारा पीजी गाइड ओरिएंटेशन कार्यक्रम से शिक्षकों को उनके क्षेत्र में नवीनतम शोध और विकास के बारे में जानकारी मिली। उन्होंने सभी प्रतिभागियों का आह्वान किया कि इन तीन दिनों में सीखे हुए ज्ञान को शोधार्थी छात्रों तक पहुँचाएं,जिससे शोधार्थीयों द्वारा गुनावत्तापूर्ण किया गया शोध कार्य प्रतिष्ठित जर्नल में प्रकाशित हो सके।

कुलसचिव प्रोफेसर गोविंद सहाय शुक्ल ने बताया कि भारतीय चिकित्सा पद्धति आयोग नई दिल्ली द्वारा आयोजित इस वर्कशॉप से पीजी गाइड के शोध संबंधित ज्ञान एवं कौशल का संवर्धन हुआ है। उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला का उद्देश्य शोधकर्ताओं को न केवल उनके लेखन कौशल में सुधार करना था,बल्कि उन्हें नैतिकता और अखंडता के साथ अपने शोध कार्य को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करना भी था।

कार्यशाला के समन्वयक प्रोफेसर देवेंद्र सिंह चाहर ने बताया कि कार्यशाला के अंतिम दिन के प्रथम सत्र में आयुर्वेदिक एवं यूनानी तिब्बिया महाविद्यालय दिल्ली के प्रोफेसर मोहम्मद इद्रीस ने “गुड डिस्क्सन” एवं “हाउ प्रीपेयर एब्स्ट्रैक्ट” विषय पर दो व्याख्यान दिये।

वर्कशॉप के दूसरे सत्र में माय भागो आयुर्वेद महाविद्यालय पंजाब की सह आचार्य डॉ.शैली छाबडा ने “लैंग्वेज बैरियर” एवं ” नो एडिटोरियल प्रोसेस” विषय पर दो व्याख्यान प्रस्तुत किए। कार्यशाला के अंतिम सत्र में प्रोफेसर मिथाली डीवाई पाटिल आयुर्वेद महाविद्यालय मुंबई ने “रेफ़्रेंसिंग” एवं “ओवरव्यू ऑफ़ अदर पब्लिकेशन ” विषय पर दो व्याख्यान प्रस्तुत किए। गुजरात,यूपी,एमपी, महाराष्ट्र सहित 7 राज्यों के 57 प्रशिक्षणर्थियों ने कार्यशाला मे भाग लिया।

वर्कशॉप सत्र के अंत में प्रतिभागियों के असेसमेंट के लिए कई ऑनलाइन एवं ऑफलाइन गतिविधिया करवाई गई। 18 से 20 जुलाई तीन दिन तक प्रतिभागियों ने प्राचीन ज्ञान को युगानुरूप सन्दर्भ मे प्रस्तुत करने के लिए विभिन्न रिसोर्स पर्सन से ज्ञानार्जन किया। देशभर से आये प्रतिभागियों ने वर्कशॉप से संबंधित पोस्ट टेस्ट एवं फीडबैक देकर एनसी आईएसएम नई दिल्ली से प्रमाणपत्र प्राप्त किये।

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पीजीआईए जोधपुर के प्राचार्य प्रोफेसर महेन्द्र शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यशाला के सफल आयोजन मे डॉ रामेश्वर डूडी,डॉ संकल्प शर्मा,डॉ रमेश कस्वा और कर्मचारियों का सहयोग रहा।