उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को धमकी
-डीजीपी ने दिए जांच के आदेश
-रामनगर को खालिस्तान का हिस्सा बताते हुए जी-20की बैठक के दौरान खालिस्तान के समर्थन में झंडे लगाने की बात कही है
– सैकड़ों फोन नंबरों पर रिकॉर्डेड संदेश के जरिए दी गई धमकी
-खालिस्तान के समर्थन में दी धमकी
-एसटीएफ कर रही कई नंबर ट्रेस
देहरादून,प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस के मुखिया गुरपतवंत सिंह पन्नू ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को धमकी देकर कहा है कि यदि उत्तराखंड में उनके संगठन से जुड़े लोगों पर केस हुए तो इसके लिए मुख्यमंत्री जिम्मेदार होंगे। रामनगर में होने वाली जी-20 बैठक को लेकर भी धमकी दी गई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तराखंड में सैकड़ों फोन नंबरों पर रिकॉर्डेड संदेश के जरिए इस तरह की धमकी दी गई है। इसमें पन्नू ने रामनगर को खालिस्तान का हिस्सा बताते हुए बैठक के दौरान खालिस्तान के समर्थन में झंडे लगाने की बात कही है। उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने इसकी जांच के आदेश जारी किए हैं। अमृतसर में हुई जी-20 की बैठक से पहले भी इस तरह के कॉल आए थे।
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रामनगर में 28 से 30 मार्च को जी-20 की बैठक तय है। इस बीच रविवार को पन्नू की धमकी भरे रिकॉर्डेड कॉल से हलचल शुरू हो गई। शाम के वक्त लोगों के पास विभिन्न भारतीय नंबरों से कॉल आनी शुरू हुई। इसमें पन्नू धमकी भरे अंदाज में पहले मेहमानों को बोल रहा है। संदेश में कहा गया है,रामनगर भारत का हिस्सा नहीं बल्कि खालिस्तान का हिस्सा है। सिख फॉर जस्टिस रेलवे स्टेशन एयरपोर्ट व बैठक के दौरान खालिस्तान के समर्थन में झंडे लगाएगा। डीजीपी अशोक कुमार ने देर रात एसटीएफ को जांच के निर्देश दिए। एसटीएफ कई नंबर ट्रेस कर रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि उत्तराखंड में सिख फॉर जस्टिस संगठन का कोई आधार नहीं है। यहां पर उसके समर्थक भी पुलिस की नजर में नहीं आए हैं।
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उल्लेखनीय है कि गुरपतवंत पन्नू न्यूयॉर्क में वकालत करता है और वहीं रहता है। पन्नू को सिख फॉर जस्टिस का चेहरा माना जाता है,वह कई आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा है। गुरपतवंत सिंह पन्नू भारत का वांटेड आतंकवादी है। वह मूल रूप से पंजाब के खानकोट का रहने वाला है। वह अमेरिका में जाकर बसा गया। जहां उसने सिख फॉर जस्टिस के नाम से खालिस्तानी आतंकी संगठन बनाया है। पन्नू ने 2 साल पहले रेफरेंडम आयोजित करने का प्रयास किया था जिसमें दुनिया भर के सिखों से खालिस्तान के समर्थन में वोट देने की अपील की थी। वह युवाओं को खालिस्तान के लिए भड़काता रहा है। जुलाई 2020 में पन्नू को गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम कानून के तहत आतंकवादी घोषित किया गया था।
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