शहर में दिवाली पर जमकर हुई आतिशबाजी
- दीपावली महोत्सव
- तड़के तक गूंजते रहे पटाखे
- भाईदूज का पर्व आज
जोधपुर,शहर में दिवाली पर जमकर हुई आतिशबाजी। अंधेरे पर उजाले की जीत का पर्व दीपावली गुरुवार को पारंपरिक तरीके और हर्षोल्लास से मनाई गई। कार्तिक कृष्णा अमावस्या को इन्द्रधनुषी आतिशबाजी व दीपमालाओं से सूर्यनगरी जगमग हो उठी,मानों ऐसा लग रहा था कि दीपावली की रात जोधपुर की जमीं पर सितारे उतर आए हो। सूर्यास्त होने के साथ ही गोधूलि वेला में घरों की कंवळे दीपमालाओं से रोशन हो उठे।
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घरों व व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर लोगों ने शुभ मुहुर्त में प्रथम पूज्य गणेश, ज्ञान की देवी सरस्वती व धन-लक्ष्मी की अधिष्ठात्री महालक्ष्मी माता का विधिपूर्वक पूजन किया। सूर्यास्त से शुरू हुआ पूजन व इन्द्रधनुषी आतिशबाजी का दौर देर रात तक चलता रहा।
दिवाली को गृहस्थ, उद्यमियों व व्यापारियों ने अपनी सुविधानुसार विभिन्न मुहूर्त में महालक्ष्मी पूजन कर सुख-समृद्धि,धन-ऐश्वर्य की कामना की। रात्रि में पूजन के बाद लोग दिवाली की स्वर्णिम आभा देखने पहुंचे।
दीपोत्सव के पावन पर्व पर दीपमालिकाओं से जगमग सूर्यनगरी के घर-घर,डगर-डगर,चौराहों पर जगमगातें दीपों ने शहरवासियों की समृद्ध जीवन शैली का परिचय दिया। हालांकि इस बाद पंचांग भेद के कारण दो दिन गुरुवार व शुक्रवार को दिवाली पर्व मनाया गया।
खुशियों व रोशनी का पर्व दीपावली गुरुवार को पूरी श्रद्धा,उमंग व उत्साह के साथ मनाया गया। दीपावली पर शहर में जमकर आतिशबाजी हुई,शुभ मुहूर्त में मां लक्ष्मी का पूजन किया गया। लोगों ने घरों के अलावा अपने प्रतिष्ठान में भी पूजन कर आतिशबाजी की। रातभर आतिशबाजी से शहर गूंजता रहा।
दो दिन गुरुवार व शुक्रवार को अमावस्या की तिथि होने के कारण शनिवार को सुबह गोवर्धन पूजन किया गया। इस कारण रविवार को भाईदूज पर्व मनाया जाएगा। भाई दूज पर बहने अपने भाइयों के भाळ पर तिलक लगाकर उनकी लंबी आयु की कामना करेगी। भाईदूज के साथ ही दीपोत्सव सम्पन्न हो जाएगा।