शुष्कधरा से हिमालय की ऊँचाइयों तक गूँजा विकसित कृषि का संकल्प
- काजरी वैज्ञानिकों ने 1000 से अधिक गाँवों में किया संवाद
- 1.40 लाख से अधिक किसानों की सहभागिता
- प्राकृतिक खेती और नवाचारों से आत्मनिर्भर भारत की ओर किसान
- कम लागत,अधिक उत्पादन का मंत्र – विकसित कृषि संकल्प अभियान 2025 बना प्रेरणा स्रोत
जोधपुर(डीडीन्यूज), शुष्कधरा से हिमालय की ऊँचाइयों तक गूँजा विकसित कृषि का संकल्प। भारत सरकार, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के तत्वावधान में विकसित कृषि संकल्प अभियान-2025 का भव्य आयोजन देशभर में किया गया,जिसमें एक करोड़ दस लाख से अधिक किसानों ने भाग लेकर कृषि नवाचारों को आत्मसात किया। इस राष्ट्रीय अभियान के अंतर्गत आईसीएआर-काजरी एवं इसके पांच क्षेत्रीय कार्यालयों पाली, जैसलमेर,बीकानेर,भुज और लेह के वैज्ञानिकों एवं विशेषज्ञों द्वारा 1000 से अधिक गांवों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए। जोधपुर,बाड़मेर,पोकरण से लेकर लेह-लद्दाख और कच्छ के रण तक फैले इन कार्यक्रमों में कुल 1,40,611 किसानों ने सक्रिय भागीदारी निभाई।
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विकसित कृषि के जरिए समृद्ध किसान
काजरी के कार्यकारी निदेशक डॉ. सुमंत व्यास ने बताया कि यह अभियान किसानों को कम लागत में अधिक उत्पादन की ओर उन्मुख करने हेतु अभिनव तकनीकों से सशक्त बनाने का माध्यम बना है। उन्होंने कहा कि काजरी द्वारा विकसित तकनीकें विशेष रूप से पश्चिमी राजस्थान एवं शुष्क क्षेत्रों के लिए वरदान साबित हो रही हैं। इस अभियान से युवा किसानों में आधुनिक कृषि के प्रति अभूतपूर्व रुचि देखी गई है।
रासायनिक उर्वरकों से सतर्कता, प्राकृतिक उपायों की प्रेरणा
संयुक्त निदेशक (कृषि विस्तार), जोधपुर डॉ.एसएन गडवाल ने किसानों को रासायनिक उर्वरकों एवं कीटनाशकों के अनियंत्रित प्रयोग से होने वाले दुष्प्रभावों से सतर्क किया। उन्होंने प्राकृतिक विकल्पों,जैविक विधियों एवं स्थानीय नवाचारों को अपनाने पर बल दिया। उन्होंने यह भी बताया कि अभियान के दौरान किसानों द्वारा किए गए नवाचारों को सूचीबद्ध कर भविष्य की नीति निर्माण में सम्मिलित किया जाएगा।
मृदा,जल और जैविक खेती पर जागरूकता
काजरी संस्थान नोडल एवं कृषि विज्ञान केंद्र जोधपुर के अध्यक्ष डॉ. बीएस.राठौड़ ने प्राकृतिक खेती, मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन,जल संचयन और सूक्ष्म सिंचाई प्रणालियों की महत्ता पर बल देते हुए बताया कि इन विधियों से पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ उत्पादन वृद्धि भी संभव है। उन्होंने अभियान की सफलता में सहयोग देने वाले जनप्रतिनिधियों, विभागीय अधिकारियों, वैज्ञानिकों और किसानों का आभार जताया।
किसानों में जागरूकता,आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम
अभियान के दौरान न केवल किसानों को नवीन तकनीकों की जानकारी दी गई,बल्कि उन्हें भारत के विकसित कृषि भविष्य का भागीदार भी बनाया गया। किसानों ने कार्यक्रमों को ज्ञानवर्धक,प्रासंगिक एवं प्रेरणास्पद बताया और भविष्य में इस प्रकार की गतिविधियों के नियमित आयोजन की मांग की।