मारपीट व प्रताड़ित व दुर्व्यवहार करने पर समस्त चिकित्सा कर्मियों ने किया कार्य बहिष्कार
रिपोर्ट – जेेपी गोयल
शेरगढ़, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र शेरगढ़ में रात्रि कालीन ड्यूटी के दौरान एक चिकित्सा कर्मी को अपने घर जाना उस समय भारी पड़ गया जब बीच रास्ते बाजार में पुलिस गश्ती दल उसे पकड़ कर पुलिस थाने ले गई। थाने में उसके साथ मारपीट व प्रताड़ित करके दुर्व्यवहार किए जाने का आरोप लगाते हुए बुधवार को शेरगढ़ अस्पताल के समस्त चिकित्साकर्मियों ने आपातकालीन ड्यूटी के अलावा समस्त कार्य का बहिष्कार कर दिया।
शेरगढ़ अस्पताल के प्रभारी अधिकारी डॉ. मांगीलाल सोनी ने बताया कि शेरगढ़ अस्पताल में ऑन ड्यूटी नर्सिंग कार्मिक मेल नर्स श्रवण कुमार के साथ रात्रि को बिना चिकित्सा अधिकारी प्रभारी के अनुमति के शेरगढ़ पुलिस थाने ले जाकर पुलिस द्वारा मारपीट व प्रताड़ित करके दुर्व्यवहार किए जाने पर बुधवार को शेरगढ़ अस्पताल के समस्त कर्मचारियों द्वारा आपातकालीन के अलावा समस्त कार्य बहिष्कार कर दिया गया। शेरगढ़ अस्पताल के नर्सिंग कर्मचारी श्रवण कुमार ने प्रभारी चिकित्सा अधिकारी को लिखित में बताया कि मंगलवार रात्रि को वह शेरगढ़ अस्पताल में रात्रिकालीन ड्यूटी पर था उनका घर अस्पताल से 1 किलोमीटर दूरी पर है।
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मंगलवार को दिन में उनकी पत्नी की तबीयत ठीक नहीं थी तो रात्रि में वह 1:30 बजे उनके साथ रात्रि कालीन ड्यूटी सहयोगी सीएचओ देवाराम व वार्ड बॉय गोरधनराम को 10 मिनट में वापस आने का कह कर घर जा रहा था कि शेरगढ़ के बीच बाजार में सामने से पुलिस गश्ती टीम मिली उन्होंने उनका परिचय पूछा तो उन्होंने सीएचसी शेरगढ़ का कर्मचारी बताया तथा कहा कि वह किसी इमरजेंसी में घर जा रहा है तब उन्होंने उसे अस्पताल चलने को कहा तब वह पुलिस ड्राइवर, एसआई माधोसिंह व कांस्टेबल उगमाराम के साथ शेरगढ़ अस्पताल आया जहां ड्यूटी पर मौजूद स्टाफ देवाराम व गोरधनराम ने उन्हें बताया कि यह उनका स्टाफ है किसी इमरजेंसी काम से गया था।
तब भी उन्होंने कहा एक बार थाने चलो। वहां एक बार अपना नाम पता लिखना है, तब कर्मचारी ने उन्हें अपने इंचार्ज से पूछने की बात कही तो एएसआई ने उसे गाली दी कि चलता है या अभी मारें। तब उनके स्टाफ गोरधनराम ने कहा कि कोई बात नहीं आप एक बार नाम पता लिखा कर आ जाओ। वहां जाने पर तीनों पुलिस गश्ती दल के व पहले से ड्यूटी पर मौजूद दो और कॉन्स्टेबल ने उसे बहुत भला बुरा कहा कि तू रात में ऐसे घूम रहा था तुम्हें इस प्रकार के मामलों में फंसा देंगे।
जाति पूछने पर उन्होंने मेघवाल बताया तो कहा कि तू जो भी हो सब ठीक है अब तक एक बार एएसआई साहब के पैर पकड़ माफी मांग ले। अपनी गलती स्वीकार कर ले नहीं तो साहब तुझे ऐसा फसाएंगे कि तेरी सुबह ही नौकरी चली जाएगी और अभी तुझे हम हवालात में डाल देंगे। तेरी जमानत भी नहीं होगी पाएगी।
एसआई ने कहा कि तू आपने बॉस डॉक्टर खोजा सर से उनकी पिछले 2 महीने से दो आईएलआर ला कर दे तो मैं तुझे छोड़ सकता हूं। तब उन्होंने खोजा को फोन लगाया उस समय वे अपने गांव गए हुए थे इसलिए उन्होंने रात को फोन रिसीव नहीं किया। उन्होंने प्रभारी से बात करने को कहा तो उन्होंने सोनी से बात करने से मना कर दिया।
उसे जबरदस्ती प्रार्थना पत्र लिखवाने की कोशिश की जब उन्होंने काफी देर तक माफीनामा प्रार्थना पत्र नहीं लिखा तो पुलिस ड्राइवर गुस्सा होकर बोला कि तू साहब का कहना नहीं मान रहा है और तू अभी तक कुर्सी पर कैसे बैठा है। जब वह कुर्सी से उठा तो एएसआई ने उनकी कॉलर पकड़ कर जोर से धक्का मारा जिससे वह दीवार में गिरा। उससे जबरदस्ती माफीनामा प्रार्थना पत्र लिखवा कर हस्ताक्षर करवाए। रात को उनके साथ ऑन ड्यूटी पुलिस के द्वारा शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया तथा 45 मिनट तक उसे पुलिस थाने में बैठाए रखा। उसके साथ हुई नाइंसाफी को लेकर सख्त कार्यवाही कराने की मांग की है।
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