शादी होने पर भी महिला का मूल निवास नहीं बदला जा सकता- हाईकोर्ट
आवेदन खारिज
जोधपुर,राजस्थान उच्च न्यायालय ने गुरूवार को एक महत्वपूर्ण निर्णय दिया। इसमें कहा कि शादी होने के आधार पर किसी महिला का मूल निवास स्थान नहीं बदला जा सकता। वह अपने माता-पिता के रहने के स्थान से मूल निवास प्रमाण पत्र की हकदार है। हाईकोर्ट ने एक महिला के टीएसपी क्षेत्र का मूल निवास प्रमाण पत्र आवेदन खारिज किए जाने के बाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। बड़ी सादड़ी निवासी 26 वर्षीय अनिता सुथार ने याचिका दायर कर बताया कि उसका जन्म चित्तौड़ग़ढ़ में हुआ।
बरसों तक वह अपने माता-पिता के साथ चित्तौड़ में ही रही। उसके पास चित्तौडग़ढ़ का मूल निवास प्रमाण पत्र भी है। शादी के बाद वह अपने ससुराल बड़ी सादड़ी आ गई। चित्तौड़ग़ढ़ टीएसपी क्षेत्र में आता है। ऐसे में उसने तहसीलदार के समक्ष टीएसपी क्षेत्र का निवासी होने का प्रमाण पत्र हासिल करने के लिए आवेदन किया। उसका आवेदन इस आधार पर खारिज कर दिया गया कि वह वर्तमान में जिस स्थान पर निवास करती है वह टीएसपी क्षेत्र में शामिल नहीं है। ऐसे में उसे यह प्रमाण पत्र नहीं दिया जा सकता।
कोर्ट ने कहा-मूल निवास नहीं बदला जा सकता
न्यायाधीश दिनेश मेहता ने अनिता का पक्ष सुनने के बाद कहा कि सिर्फ शादी होने के आधार पर किसी का मूल निवास स्थान नहीं बदल सकता। शादी से पहले यदि वह ट्राइबल सब प्लान(टीएसपी) क्षेत्र में रहती थी तो वह विशेष मूल निवास(टीएसपी) प्रमाण पत्र की हकदार है। खंडपीठ ने अनिता से कहा कि वह इस फैसले की प्रमाणित प्रतिलिपि के साथ बड़ी सादड़ी के तहसीलदार के समक्ष नए सिरे से आवेदन करें। साथ ही तहसीलदार को आदेश दिया गया कि वह पंद्रह दिन के भीतर इस मामले का निस्तारण करें।
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