ऐश्वर्या कॉलेज ऑटोनॉमस में गर्वनिंग बॉडी की पहली बैठक संपन्न

संभाग का एकमात्र ऑटोनॉमस कॉलेज जिसमें विद्यार्थियों को मिलेगा ड्यूल डिग्री का लाभ

जोधपुर(डीडीन्यूज),ऐश्वर्या कॉलेज ऑटोनॉमस में गर्वनिंग बॉडी की पहली बैठक संपन्न। ऐश्वर्या कॉलेज ऑटोनॉमस की गर्वनिंग बॉडी की पहली बैठक शुक्रवार को कॉलेज कॉन्फ्रेन्स हॉल में आयोजित की गई।
बैठक की शुरूआत चैयरमैन भूपेंद्र सिंह राठौड़ के स्वागत उद्बोधन से हुई,जिसमें उन्होंने जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के कुलगुरू व प्रशासनिक दल को यूजीसी द्वारा प्रदत्त ऑटोनॉमी सम्बन्धी कार्य को सम्पादन करने हेतु धन्यवाद प्रेषित किया और गवर्निंग बॉडी के सभी सदस्यों का आभार व्यक्त किया।

बैठक में प्रो.संगीता लूंकड़,प्रो डूंगर सिंह खीची,प्रो आरएल माथुर तथा सुशील शर्मा ने कॉलेज प्रशासन को ऑटोनॉमी प्राप्ति पर बधाई देते हुए ऑटोनॉमस कॉलेज को बेहतरीन रूप से संचालित करने हेतु महत्वपूर्ण सुझाव दिये।

विभिन्न प्रस्तावों का अनुमोदन
प्राचार्य व गवर्निंग बॉडी के सदस्य सचिव डॉ ऋषि नेपालिया ने चैयमेन की अनुमति से बैठक की औपचारिक शुरूआत की। इस बैठक में ऑटोनॉमस कॉलेज संचालन से सम्बन्धी कई प्रस्तार्वा का अनुमोदन किया गया। जिसमें मुख्य रूप से ड्यूल डिग्री,सर्टिफिकेट व डिप्लोमा प्रोग्राम्स,एकडेमिक काउन्सिल व बोर्ड ऑफ स्टडीज में सदस्यों का नामांकन वित्तीय समिति के सदस्यों का नामांकन,वित्तीय प्रबन्धन व नियोजन,नये पाठयक्रमों के संचालन,स्वायत्ता के अंतर्गत प्रवेश नीति,परीक्षा प्रक्रिया हेतु अनुमति,परीक्षा प्रक्रिया,नियमों व उत्तर पुस्तिका के प्रारूप तथा कॉलेज के विभिन्न समितियों का अनुमोदन किया गया।

विद्यार्थी ले सकेंगे ड्यूल डिग्री व डिप्लोमा प्रोग्राम का लाभ
ऐश्वर्या कॉलेज संभाग का एकमात्र ऑटोनॉमस महाविद्यालय है जिसमें विद्यार्थी एक साथ दो डिग्री या डिप्लोमा में प्रवेश प्राप्त कर एक ही समय में दो डिग्री का लाभ ले सकते हैं। नई शिक्षा नीति के अन्तर्गत यह प्रावधान है कि यदि कक्षाओं का समय अलग-अलग हो तो विद्यार्थी एक साथ दो डिग्री या डिप्लोमा में प्रवेश ले सकता है। इससे विद्यार्थियों को उनके एक से अधिक पसंदीदा विषयों को पढ़ने का लाभ मिलेगा।

वर्तमान में यह सुविधा जोधपुर संभाग में कोई भी महाविद्यालय या विश्वविद्यालय प्रदान नहीं कर रहा है। नई शिक्षा नीति के अनुसार विद्यार्थियों को ड्यूल डिग्री का लाभ प्रदान करने के उद्देश्य से कॉलेज में विभिन्न कक्षाओं का संचालन दो पारियों में किया जायेगा।

विद्यार्थियों को मिलेगा नवीनतम पाठ्यक्रम का लाभ
ऑटोनॉमी स्टेटस प्राप्त होने के फलस्वरूप कॉलेज नये पाठ्यक्रम संचालित करने के अलावा समय-समय पर पाठ्यक्रम से परिवर्तन कर सकता है। इसका लाभ सीधे तौर पर यहां के विद्यार्थियों को मिलेगा जिससे उन्हें नवीनतम व रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम को पढ़ने व अवधारणाओं को सीखने का अवसर मिलेगा।

स्पेशिलाइज्ड कोर्सेज व नवीनतम डिप्लोमा पाठ्यक्रमों का अनुमोदन
कॉलेज द्वारा वर्तमान में संचालित बीसीए,बीकॉम,बीएससी,बीए, बीबीए,एमए व एमकॉम,के अलावा बैठक में प्रस्तावित कई स्पेशिलाइज्ड डिग्री व डिप्लोमा पाठ्‌क्रमों का अनुमोदन किया गया। इन स्पेशिलाइज्ड रोजगारोन्मुखी डिग्री और डिप्लोमा कार्यक्रमों से विद्यार्थियों को नवीनतम विषयों का ज्ञान प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।

मल्टीपल एक्जिट विकल्प के साथ सर्टिफिकेट व डिप्लोमा का लाभ
कॉलेज में नई शिक्षा नीति के अन्तर्गत स्नातक पाठ्यक्रम में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए प्रथम वर्ष पूरा करने के उपरान्त कोर्स छोड़ने पर उसी पाठ्यक्रम का सर्टिफिकेट,दो वर्ष में डिप्लोमा तथा तीन वर्ष पूर्ण करने पर डिग्री प्रदान को जायेगी। इस व्यवस्था से विद्यार्थियों को तीन वर्षीय कोर्स पूर्ण किये बिना एक्जिट पर भी सर्टिफिकेट अथवा डिप्लोमा का लाभ प्राप्त होगा।

समय पर जारी होंगे परीक्षा परिणाम
ऑटोनॉमी प्राप्त होने पर महाविद्यालय को अपने स्वयं के स्तर पर परीक्षा कार्यक्रम बनाने तथा परिणाम घोषित करने की अनुमति होगी। इस स्वायत्तता के फलस्वरूप विद्यार्थियों को परीक्षा परिणाम समय पर प्राप्त हो सकेंगे जिससे उन्हें आगे की प्लानिंग तथा उच्च शिक्षा हेतु अन्य संस्थानों में प्रवेश में आसानी होगी।

विश्वविद्यालय व अन्य संस्थाओं की कार्यप्रणाली का अध्ययन कर बेहतर व्यवस्थाओं को अमल में लाने का सुझाव
प्रो.संगीता लूंकड़ ने कहा कि ऑटोनॉमस कॉलेज के नाते संस्थान को देश की अन्य अग्रणी महाविद्यालय व विश्वविद्यालयों की कार्य प्रणाली का अध्ययन करना चाहिए तथा उनकी कमियों व खूबियों को जानकर बेहतरीन सुविधाएँ प्रदान कर विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु कार्य करना चाहिए। प्रो.डूंगर सिंह खीची व प्रो. आरएल माथुर ने सहमति जताते हुए कहा कि ऑटोनॉमस महाविद्यालय को प्राप्त अधिकार व स्वायत्तता का उपयोग विद्यार्थियों के हित में करते हुए महाविद्यालय को अलग पहचान बनानी चाहिए जिससे शहर,राज्य व देश में कॉलेज की अलग पहचान कायम रह सके। सुशील शर्मा ने विद्यार्थियों के लिए इन्क्यूबेशन केन्द्र की स्थापना तथा एल्यूमनी मैनेजमेन्ट को और अधिक सुदृढ करने सम्बन्धी सलाह दी।

बैठक के अन्त में चैयरमैन भूपेन्द्र सिंह राठौड़ न सभी बोर्ड सदस्यों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि बोर्ड सदस्यों के द्वारा दी गई सलाह व अनुमोदित प्रस्तावों के आधार पर कॉलेज प्रशासन व टीम बेहतरीन कार्य कर कॉलेज को अन्य शैक्षणिक संस्थानों से बेहतर तरीके से संचालित करने का भरसक प्रयास करेगी।

बैठक में गर्वनिंग बॉडी के चेयरपर्सन भूपेन्द्र सिंह राठौड़,प्राचार्य व सदस्य सचिव डॉ ऋषि नेपालिया,जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय द्वारा नॉमित सदस्य प्रो.(डॉ) संगीता लूंकड़ एवं मैनेजमेन्ट द्वारा नामित सदस्य प्रो (डॉ) डूंगर सिंह खीची,प्रो. आरएल माथुर,डॉ.ज्योत्सना सिंह शेखावत,हंसराज बाहेती,रमेश शर्मा, सुशील शर्मा,प्रिन्सिपल नॉमिनी डॉ मृदुला चाण्डा व डॉ शिखा दवे उपस्थित थे।